जयपुर. प्रदेश में उपचुनाव की जंग के बीच प्रदेश भाजपा नेताओं ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त को ज्ञापन सौंपा. पहले ज्ञापन में राजसमंद सांसद दीया कुमारी को कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की ओर से उनके होटल पर पहुंचकर डराने धमकाने की शिकायत की, इसके साथ ही तो दूसरे ज्ञापन में मंत्री प्रमोद जैन भाया और कलेक्टर को राजसमंद से हटाने की मांग की, ताकि उपचुनाव से जुड़ी प्रक्रिया में उनका हस्तक्षेप ना हो.
सोमवार को भाजपा विधायक कालीचरण सराफ चुनाव संपर्क विभाग के प्रदेश प्रमुख नाहर सिंह माहेश्वरी और प्रदेश मीडिया प्रभारी विमल कटियार ने मुख्य चुनाव आयुक्त कृष्ण कुमार को ज्ञापन सौंपा, जिसमें राजसमंद उपचुनाव में कैबिनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया और राजसमंद कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को मौजूदा चुनाव प्रक्रिया से तुरंत हटाने की मांग की. कालीचरण सराफ ने आरोप लगाया कि प्रमोद जैन भाया अपने पद का दुरुपयोग करते हुए राजसमंद कलेक्टर अरविंद पोसवाल और अन्य अधिकारियों के जरिए लगातार मतदाताओं को धमकी देकर मतदान को प्रभावित करने का कार्य कर रहे हैं. ऐसे में इन लोगों के रहते राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में निष्पक्ष चुनाव होना संभव नहीं है.
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वहीं, राजसमंद सांसद दीया कुमारी को कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की ओर से होटल पर पहुंचकर डराने धमकाने के मामले में भी भाजपा चुनाव संपर्क विभाग प्रदेश प्रमुख नाहरसिंह महेश्वरी ने मुख्य चुनाव आयुक्त कृष्ण कुणाल को शिकायत दी है. माहेश्वरी ने इस संबंध में लिखे पत्र में घटनास्थल के वीडियो फुटेज भी आयोग को उपलब्ध कराए हैं. माहेश्वरी ने पत्र में मांग की है कि दीया कुमारी को सुरक्षा मुहैया करवाने के साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया जाए.
भाजपा प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल और विधि प्रकोष्ठ संयोजक सुरेंद्र सिंह नरूका के साथ ही भाजपा मीडिया प्रदेश प्रभारी विमल कटियार ने तीनों विधानसभा सीटों सहाड़ा राजसमंद और सुजानगढ़ में हो रहे उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधियों की ओर से चुनाव प्रक्रिया बाधित करने की संभावनाओं को लेकर भी मुख्य चुनाव अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए यह संभावना जताई है कि सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधि की ओर से चुनाव जीतने के लिए बूथ कैप्चरिंग, अशांति फैलाना, मतदाताओं को मतदान से रोकने या स्वयं के पक्ष में मतदान करने के लिए दबाव डालने और प्रशासन पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की प्रबल संभावना है, ऐसे में अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए आयोग अतिरिक्त केंद्रीय सुरक्षा बलों की व्यवस्था करवाने का श्रम करें, जिससे मतदान ईमानदारी और सुचारू व्यवस्था के साथ करवाया जा सकें.