जयपुर. ग्रेटर नगर निगम के बीजेपी पार्षद, कार्यवाहक महापौर के खिलाफ मंगलवार को लामबंद हुए. एक निजी होटल में बैठक के बाद करीब 35 पार्षदों ने बीजेपी मुख्यालय पहुंचकर प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर से मुलाकात की और बीजेपी बोर्ड में ही बीजेपी पार्षदों के काम नहीं होने की शिकायत की.
बीजेपी पार्षदों ने कार्यवाहक महापौर शील धाभाई की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि बोर्ड बीजेपी का है और बीजेपी के पार्षद विकास कार्य करना चाहते हैं. वार्डों में समस्याओं का अंबार है.
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निगम में महापौर और अधिकारी पार्षदों को कोई काम नहीं करने दे रहे. ना तो टेंडर हो रहे, ना विकास कार्य हो रहे हैं. आलम यह है कि निगम से मिलने वाले संसाधन तक उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं. उन्होंने बीजेपी के बोर्ड में ही बीजेपी और कांग्रेस के पार्षदों में भेदभाव किये जाने का भी आरोप लगाया. पार्षदों ने कहा कि उन्होंने डॉ सौम्या गुर्जर को मेयर बनाया था. लेकिन सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया गया. आगे संगठन जो निर्णय लेगा बीजेपी पार्षद संगठन के साथ हैं. पार्षदों की मांग है कि निलंबित पार्षदों का निलंबन रद्द हो और विकास कार्य को गति दी जाए.
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आपको बता दें कि सौम्या गुर्जर के निलंबन के बाद शील धाभाई को बतौर कार्यवाहक महापौर नियुक्त किया गया है. लेकिन तब से ग्रेटर नगर निगम की ना तो साधारण सभा की बैठक बुलाई गई और ना ही एग्जीक्यूटिव कमिटी की मीटिंग हुई. इसे लेकर पार्षदों में विरोध देखने को मिल रहा है.