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Rajasthan Politics : भाजपा कर रही लगातार हमले, जानें क्यों राजस्थान में कांग्रेस के नेताओं ने साध रखी है चुप्पी

राजस्थान में भाजपा छोटे-छोटे मुद्दों को भी उछाल कर कांग्रेस पर हमले (BJP Targets Rajasthan Congress) कर रही है, लेकिन कांग्रेस के नेता उनको या तो गंभीरता से नहीं ले रही या फिर जान-बूझकर चुप्पी साधकर बैठे हैं. इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सार्वजनिक मंच से मंत्री-नेताओं को विपक्ष के हमलों का पुरजोर जवाब देने की हिदायत दे चुके हैं. जानिए क्या हैं ये समीकरण...

Govind dotasra advice to congress leaders
पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा
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Published : Apr 29, 2022, 2:22 PM IST

जयपुर. राजस्थान की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के बीच तकरार लगातार जारी है. मुद्दे दोनों तरफ से ढूंढे जा रहे हैं. प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं तो चुनावी समर की तैयारी में दोनों पार्टियों ने कमर कस ली है. इस बीच पूरे राजस्थान में हालात इस तरह के बन रहे हैं कि कांग्रेस के मुकाबले भाजपा ज्यादा मुखर और हमलावर (BJP Targets Rajasthan Congress) दिख रही है. भगवा पार्टी छोटे से छोटे मुद्दों को लेकर सजग है तो कांग्रेस नेता मुद्दे को भुनाने में थोड़े कमजोर. कुछ मामलों को छोड़ दें तो विपक्ष का पलड़ा ज्यादा भारी दिख रहा है. सोशल मीडिया पर भी भाजपा ज्यादा एक्टिव (Rajasthan BJP Active on Social Media) दिख रही है, उनके तमाम नेता ट्विटर पर कांग्रेस पर हमले कर रहे हैं. बड़े-बड़े मामलों पर भी जब विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा है तो कांग्रेस के मंत्री-नेता पलटवार करने की बजाय मूक दर्शक बने दिख रहे हैं.

इसे पार्टी का अंतरद्वंद्व कहें या कुछ और लेकिन ज्यादातर मामलों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही कमान संभालनी पड़ती है. कभी सोशल (Ashok Gehlot on Social Media) मीडिया के जरिए, तो कभी मीडिया में बयान देकर सीएम गहलोत ही विपक्ष के हर हमले का जवाब देते हैं. पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा और कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी फ्रंट फुट पर आकर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया. लेकिन ज्यादातर मंत्री-नेता कंट्रोवर्सी से बचने के चक्कर में मुंह फेरते रहे.

पढ़ें-Dotasra remark on RSS: टिप्पणी नहीं आई रास, शेखावत का पलटवार... कांग्रेस को बताया दीमक, डोटासरा को दी 'नेक' सलाह

डोटासरा दे चुके नेताओं को बोलने की नसीहत: पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा सार्वजनिक मंच से मंत्री-नेताओं को विपक्ष के हमलों का पुरजोर जवाब देने की हिदायत दे चुके हैं, तब भी कांग्रेस का यही हाल है. कुछ दिनों पहले पीसीसी चीफ डोटासरा ने पार्टी के कार्यक्रम में कहा था कि मंत्री और नेताओं को इस तरह बचने से काम नहीं चलेगा. बल्कि विपक्ष के हमलों का एकजुट होकर जवाब देना पड़ेगा. लेकिन उनकी इस हिदायत का भी पार्टी में असर नजर नहीं आ रहा है. पार्टी नेताओं के इस तरह बचने से विपक्ष ज्यादातर मामलों में हावी नजर आ रहा है. कांग्रेस उन मुद्दों पर भी पिछड़ रही है, जिन पर पार्टी पुरजोर तरीके से पलटवार कर सकती है. पार्टी नेताओं का ये रुख संगठन के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

जयपुर. राजस्थान की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के बीच तकरार लगातार जारी है. मुद्दे दोनों तरफ से ढूंढे जा रहे हैं. प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं तो चुनावी समर की तैयारी में दोनों पार्टियों ने कमर कस ली है. इस बीच पूरे राजस्थान में हालात इस तरह के बन रहे हैं कि कांग्रेस के मुकाबले भाजपा ज्यादा मुखर और हमलावर (BJP Targets Rajasthan Congress) दिख रही है. भगवा पार्टी छोटे से छोटे मुद्दों को लेकर सजग है तो कांग्रेस नेता मुद्दे को भुनाने में थोड़े कमजोर. कुछ मामलों को छोड़ दें तो विपक्ष का पलड़ा ज्यादा भारी दिख रहा है. सोशल मीडिया पर भी भाजपा ज्यादा एक्टिव (Rajasthan BJP Active on Social Media) दिख रही है, उनके तमाम नेता ट्विटर पर कांग्रेस पर हमले कर रहे हैं. बड़े-बड़े मामलों पर भी जब विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा है तो कांग्रेस के मंत्री-नेता पलटवार करने की बजाय मूक दर्शक बने दिख रहे हैं.

इसे पार्टी का अंतरद्वंद्व कहें या कुछ और लेकिन ज्यादातर मामलों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही कमान संभालनी पड़ती है. कभी सोशल (Ashok Gehlot on Social Media) मीडिया के जरिए, तो कभी मीडिया में बयान देकर सीएम गहलोत ही विपक्ष के हर हमले का जवाब देते हैं. पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा और कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी फ्रंट फुट पर आकर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया. लेकिन ज्यादातर मंत्री-नेता कंट्रोवर्सी से बचने के चक्कर में मुंह फेरते रहे.

पढ़ें-Dotasra remark on RSS: टिप्पणी नहीं आई रास, शेखावत का पलटवार... कांग्रेस को बताया दीमक, डोटासरा को दी 'नेक' सलाह

डोटासरा दे चुके नेताओं को बोलने की नसीहत: पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा सार्वजनिक मंच से मंत्री-नेताओं को विपक्ष के हमलों का पुरजोर जवाब देने की हिदायत दे चुके हैं, तब भी कांग्रेस का यही हाल है. कुछ दिनों पहले पीसीसी चीफ डोटासरा ने पार्टी के कार्यक्रम में कहा था कि मंत्री और नेताओं को इस तरह बचने से काम नहीं चलेगा. बल्कि विपक्ष के हमलों का एकजुट होकर जवाब देना पड़ेगा. लेकिन उनकी इस हिदायत का भी पार्टी में असर नजर नहीं आ रहा है. पार्टी नेताओं के इस तरह बचने से विपक्ष ज्यादातर मामलों में हावी नजर आ रहा है. कांग्रेस उन मुद्दों पर भी पिछड़ रही है, जिन पर पार्टी पुरजोर तरीके से पलटवार कर सकती है. पार्टी नेताओं का ये रुख संगठन के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

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