जयपुर. प्रदेश में चल रहा सियासी घमासान टल चुका है और अब उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश भाजपा में बचे हुए अग्रिम मोर्चे, प्रकल्प और विभागों के प्रमुखों की घोषणा जल्द ही होगी. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या इन घोषणाओं में भाजपा केंद्र द्वारा जारी उम्र से जुड़ी गाइडलाइन की पालना करेगी.
यह सवाल इसलिए, क्योंकि प्रदेश कार्यकारिणी के गठन में तो इसकी पालना कम ही हुई. दरअसल, प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा से पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपने बयानों में इस बात का जिक्र किया था कि 50 वर्ष तक के नेताओं को ही नई टीम में दायित्व मिले, क्योंकि केंद्र की गाइडलाइन भी जिलों से लेकर प्रदेश कार्यकारिणी तक यही है.
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लेकिन जब 1 अगस्त को टीम पूनिया का ऐलान किया गया तो उसमें शामिल कई चेहरे 50 की उम्र के ऊपर थे. जिनमें प्रदेश उपाध्यक्ष सरदार अजय पाल सिंह, हेमराज मीणा, अलका सिंह गुर्जर, प्रसन्न मेहता, महामंत्री भजन लाल शर्मा, मदन दिलावर, कोषाध्यक्ष रामकुमार भूतड़ा और कार्यालय मंत्री राघव शर्मा के नाम शामिल हैं. अभी सतीश पूनिया को प्रदेश में अपनी टीम का विस्तार करते हुए सभी अग्रिम मोर्चे और विभागों में संयोजको और अध्यक्षों की घोषणा करनी है. खासतौर पर युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्षों पर सबकी निगाहें टिकी हैं.
प्रदेश के लिहाज से सतीश पूनिया राजस्थान भाजपा में कितने विभाग और प्रकल्प के संयोजकों की घोषणा करते हैं, यह उनके विवेक पर निर्भर करेगा. संभवत: माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में ही पूनिया इनके नामों का ऐलान कर सकते हैं, लेकिन उसमें उम्र को लेकर क्राइटेरिया ध्यान में शायद ही रखा जाए.