जयपुर. प्रदेश में पक्षियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. पूरे प्रदेश में आज एक दिन में 165 पक्षियों की मौत हुई है. जिनमें 104 कौवे, 19 मोर, 22 कबूतर और 20 अन्य पक्षी शामिल है. प्रदेश में अब तक 5295 पक्षियों की मौत हो चुकी है. जिनमें 3740 कौवे, 290 मोर, 419 कबूतर और 846 अन्य पक्षियों की मौत हुई है. बर्ड फ्लू से ज्यादातर कौवों की मौत हो रही है.
जयपुर चिड़ियाघर में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पक्षियों की जान को भी खतरा बढ़ गया है. जयपुर चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद वन विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जू में हाइपोक्लोराइट सोडियम का छिड़काव भी किया जा रहा है. पर्यटकों के लिए चिड़ियाघर को बंद भी किया गया है. इसके साथ ही वन कर्मियों को भी पीपीई किट पहनकर पक्षियों की देखरेख करने के लिए निर्देशित किया गया है. राजस्थान में करीब 17 जिले बर्ड फ्लू से प्रभावित हुए हैं. 17 जनवरी को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 17 जिलों में 67 नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं. प्रदेश में 27 जिलों से 266 सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब में भेजे जा चुके हैं.
जयपुर में एक दिन में 43 पक्षियों की मौत
जयपुर में एक दिन में ही 43 पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें से 34 कौवे, 2 मोर, 6 कबूतर और 1 अन्य पक्षियों की मौत हुई है. जयपुर में अब तक 1070 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 927 कौवे, 9 मोर, 66 कबूतर, 4 मुर्गी और 64 अन्य पक्षी शामिल हैं.
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प्रदेश में बर्ड फ्लू की स्थिति
पूरे प्रदेश की बात की जाए तो आज जयपुर में 43, अलवर में 4, दोसा में 05, झुंझुनू में 08, सीकर में 02, अजमेर में 01, भीलवाड़ा में 01, नागौर में 03, कुचामन सिटी में 0, टोंक में 04, भरतपुर में 06, धौलपुर में 02, करौली में 02, सवाई माधोपुर में 03, बीकानेर में 0, श्रीगंगानगर में 02, जोधपुर में 04, बाड़मेर में 0, जैसलमेर में 05, जालौर में 02, पाली में 06, कोटा में 20, बारां में 11, बूंदी में 04, झालावाड़ में 14, बांसवाड़ा में 07, चित्तौड़गढ़ में 06 पक्षियों की मौत हुई है. प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों में विशेष निगरानी और सतर्कता बरती जा रही है. मृत पक्षियों के डिस्पोजल और सैंपल कलेक्शन के दौरान पूर्ण सावधानी बरती के भी निर्देश दिए गए हैं.
पशुपालन विभाग वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाई गई है. पोल्ट्री फार्म पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. सबसे पहले झालावाड़ में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. 25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौए के मरने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 27 दिसंबर को मारने के कारणों की जांच के लिए सैंपल भोपाल में भेजे गए. जहां बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई. इसके बाद लगातार प्रदेश में कौवों के मरने के मामले सामने आ रहे हैं.