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SPECIAL: बायो मेडिकल वेस्ट बना चुनौती, निस्तारण का काम प्रशासन के लिए भारी...प्राइवेट फर्म को दी जिम्मेदारी

कोविड-19 की दूसरी लहर में बड़ी मात्रा में बायोमेडिकल कचरा निकल रहा है. अस्पताल, कोविड केयर सेंटर और अब घरों से भी बायो मेडिकल वेस्ट निकल रहा है. जिससे एक तरफ निगम के सफाई कर्मचारियों में डर बना हुआ है. तो वहीं, प्राइवेट कंपनी को ठेका दिए जाने के बावजूद निगम के लिए इसका प्रबंधन बड़ी चुनौती साबित हो रहा है, क्योंकि अब तक घरों से बायो मेडिकल वेस्ट को कलेक्ट करने का प्लान अधूरा ही है.

बायो मेडिकल वेस्ट, Bio Medical Waste
बड़ी मात्रा में जनरेट हो रहा बायो मेडिकल वेस्ट
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Published : May 9, 2021, 2:55 PM IST

जयपुर. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अपने साथ बहुत सारी चुनौतियां लेकर आई है. उनमें से एक है कोविड-19 के ट्रीटमेंट डायग्नोसिस और कोविड केयर सेंटर में इस्तेमाल होने वाली सामग्री. यही नहीं हर घर से मास्क, ग्लव्स का वेस्ट भी निकल रहा है. वेस्ट एक्सपर्ट्स के मुताबिक हर दिन हर राज्य से औसतन 1 से 1.5 टन कोविड वेस्ट निकलता है. ये कचरा प्रदेश में सफाई व्यवस्था का काम देख रहे नगरीय निकायों के लिए चुनौती बना हुआ है.

बड़ी मात्रा में जनरेट हो रहा बायो मेडिकल वेस्ट

पढ़ेंः Special: राजस्थान पुलिस के पास अत्याधुनिक हथियार और कमांडो की स्पेशल टीम, क्रिमिनल इंटेलिजेंस बड़ी चुनौती

हालांकि जयपुर के निगमों ने इसकी जिम्मेदारी एक प्राइवेट कंपनी को सौंप रखी है. बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर ग्रेटर नगर निगम हेल्थ ऑफिसर डॉ. रश्मि काकड़िया ने बताया कि कोविड केयर सेंटर और अस्पताल से जो बायो वेस्ट निकल रहा है, उसे इंस्ट्रोमेडिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ठेका देकर कलेक्ट कर, उसे डिस्पोज किया जा रहा है.

बायो मेडिकल वेस्ट, Bio Medical Waste
घरों से बायोमेडिकल वेस्ट कलेक्ट करने का प्लान फिलहाल अधूरा

यदि घरों से कोई बायो मेडिकल वेस्ट जनरेट होता है, तो उसके लिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर में अलग से लाल रंग का डिब्बा लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि लोग बायोमेडिकल वेस्ट को नार्मल वेस्ट में मिक्स ना कर, लाल डिब्बे में डालें.

बायो मेडिकल वेस्ट, Bio Medical Waste
हूपर की व्यवस्था करने की भी हो रही प्लानिंग

पढ़ेंः SPECIAL : इंदिरा रसोई अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों को निशुल्क करा रही भोजन...दानदाता 20 रुपए में ले सकते हैं फूड पैकेट

इसके साथ ही निगम प्रशासन की ओर से सीएमएचओ फर्स्ट और सेकंड को पत्र लिखा गया है कि जो भी मरीज होम क्वॉरेंटाइन है, उन्हें कोविड-19 प्रीकॉशन के साथ-साथ ये भी दिशा निर्देश दिए जाएं कि होम क्वॉरेंटाइन मरीज के अटेंडर बायोमेडिकल वेस्ट सोडियम हाइपोक्लोराइट से डिसइनफेक्ट कर ज़िप पैक पॉलिथीन में नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाएं. ताकि वहां से प्राइवेट फर्म की ओर से बायोमेडिकल वेस्ट को कलेक्ट किया जा सके. उन्होंने कहा कि हर काम में कुछ समय जरूर लगता है. अचानक बायो मेडिकल वेस्ट का प्रोडक्शन ज्यादा होने लगा है. जल्द इस व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा. घरों से बायोमेडिकल वेस्ट कलेक्ट करने का प्लान फिलहाल अधूरा है यही वजह है कि सफाई कर्मचारियों मैं भी कुछ डर जरूर नजर आता है.

बायो मेडिकल वेस्ट, Bio Medical Waste
नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती

निगम का दावा है कि सभी सफाई कर्मचारियों को सैनिटाइजर, मास्क, ग्लव्स, फेस शिल्ड की व्यवस्था की जा रही है. हेरिटेज निगम स्वास्थ उपायुक्त आशीष कुमार के अनुसार सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध भी कराया जा चुका है. इसके साथ ही कर्मचारियों के लिए थर्मल स्कैनर की भी व्यवस्था करने का प्लान किया जा रहा है. ताकि यदि उनमें बुखार जैसी कोई संभावना हो तो समय रहते उसका परीक्षण कर उपयुक्त उपचार उपलब्ध कराया जा सके.

बायो मेडिकल वेस्ट, Bio Medical Waste
कचरे के निस्तारण के लिए प्राइवेट फर्म को मिली जिम्मेदारी

पढ़ेंः SPECIAL : जोधपुर के युवाओं का सेवा के लिए 'लग्जरी' समर्पण....कोरोना मरीजों, शवों के लिए अपनी लग्जरी गाडियों को बनाया एंबुलेंस

वहीं, घरों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को कलेक्ट करने के लिए अलग से हूपर की व्यवस्था करने की भी प्लानिंग की जा रही है. हालांकि बायो मेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निस्तारण के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशानुसार सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने गाइडलाइंस जारी की है. जिसके तहत कोविड कचरा कलेक्शन करने वाले कर्मचारियों को पीपीई दी जानी चाहिए. जिसे वो हर वक्त पहन कर रखें. इसमें थ्री लेयर मास्क, गाउन, हेवी ड्यूटी ग्लव्स, गम बूट, सेफ्टी गोगल शामिल है. हालांकि राजधानी के निगम अब तक अपने सफाई कर्मचारियों को महज मास्क और सैनिटाइजर ही उपलब्ध करा पाए हैं. यही नहीं डोर टू डोर हूपर्स में लाल डिब्बे भी नजर नहीं आते. जो प्रशासन के दावों और तैयारियों की पोल खोल रहे हैं.

जयपुर. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अपने साथ बहुत सारी चुनौतियां लेकर आई है. उनमें से एक है कोविड-19 के ट्रीटमेंट डायग्नोसिस और कोविड केयर सेंटर में इस्तेमाल होने वाली सामग्री. यही नहीं हर घर से मास्क, ग्लव्स का वेस्ट भी निकल रहा है. वेस्ट एक्सपर्ट्स के मुताबिक हर दिन हर राज्य से औसतन 1 से 1.5 टन कोविड वेस्ट निकलता है. ये कचरा प्रदेश में सफाई व्यवस्था का काम देख रहे नगरीय निकायों के लिए चुनौती बना हुआ है.

बड़ी मात्रा में जनरेट हो रहा बायो मेडिकल वेस्ट

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हालांकि जयपुर के निगमों ने इसकी जिम्मेदारी एक प्राइवेट कंपनी को सौंप रखी है. बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर ग्रेटर नगर निगम हेल्थ ऑफिसर डॉ. रश्मि काकड़िया ने बताया कि कोविड केयर सेंटर और अस्पताल से जो बायो वेस्ट निकल रहा है, उसे इंस्ट्रोमेडिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ठेका देकर कलेक्ट कर, उसे डिस्पोज किया जा रहा है.

बायो मेडिकल वेस्ट, Bio Medical Waste
घरों से बायोमेडिकल वेस्ट कलेक्ट करने का प्लान फिलहाल अधूरा

यदि घरों से कोई बायो मेडिकल वेस्ट जनरेट होता है, तो उसके लिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर में अलग से लाल रंग का डिब्बा लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि लोग बायोमेडिकल वेस्ट को नार्मल वेस्ट में मिक्स ना कर, लाल डिब्बे में डालें.

बायो मेडिकल वेस्ट, Bio Medical Waste
हूपर की व्यवस्था करने की भी हो रही प्लानिंग

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इसके साथ ही निगम प्रशासन की ओर से सीएमएचओ फर्स्ट और सेकंड को पत्र लिखा गया है कि जो भी मरीज होम क्वॉरेंटाइन है, उन्हें कोविड-19 प्रीकॉशन के साथ-साथ ये भी दिशा निर्देश दिए जाएं कि होम क्वॉरेंटाइन मरीज के अटेंडर बायोमेडिकल वेस्ट सोडियम हाइपोक्लोराइट से डिसइनफेक्ट कर ज़िप पैक पॉलिथीन में नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाएं. ताकि वहां से प्राइवेट फर्म की ओर से बायोमेडिकल वेस्ट को कलेक्ट किया जा सके. उन्होंने कहा कि हर काम में कुछ समय जरूर लगता है. अचानक बायो मेडिकल वेस्ट का प्रोडक्शन ज्यादा होने लगा है. जल्द इस व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा. घरों से बायोमेडिकल वेस्ट कलेक्ट करने का प्लान फिलहाल अधूरा है यही वजह है कि सफाई कर्मचारियों मैं भी कुछ डर जरूर नजर आता है.

बायो मेडिकल वेस्ट, Bio Medical Waste
नगर निगम के लिए बड़ी चुनौती

निगम का दावा है कि सभी सफाई कर्मचारियों को सैनिटाइजर, मास्क, ग्लव्स, फेस शिल्ड की व्यवस्था की जा रही है. हेरिटेज निगम स्वास्थ उपायुक्त आशीष कुमार के अनुसार सैनिटाइजर और मास्क उपलब्ध भी कराया जा चुका है. इसके साथ ही कर्मचारियों के लिए थर्मल स्कैनर की भी व्यवस्था करने का प्लान किया जा रहा है. ताकि यदि उनमें बुखार जैसी कोई संभावना हो तो समय रहते उसका परीक्षण कर उपयुक्त उपचार उपलब्ध कराया जा सके.

बायो मेडिकल वेस्ट, Bio Medical Waste
कचरे के निस्तारण के लिए प्राइवेट फर्म को मिली जिम्मेदारी

पढ़ेंः SPECIAL : जोधपुर के युवाओं का सेवा के लिए 'लग्जरी' समर्पण....कोरोना मरीजों, शवों के लिए अपनी लग्जरी गाडियों को बनाया एंबुलेंस

वहीं, घरों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को कलेक्ट करने के लिए अलग से हूपर की व्यवस्था करने की भी प्लानिंग की जा रही है. हालांकि बायो मेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निस्तारण के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशानुसार सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने गाइडलाइंस जारी की है. जिसके तहत कोविड कचरा कलेक्शन करने वाले कर्मचारियों को पीपीई दी जानी चाहिए. जिसे वो हर वक्त पहन कर रखें. इसमें थ्री लेयर मास्क, गाउन, हेवी ड्यूटी ग्लव्स, गम बूट, सेफ्टी गोगल शामिल है. हालांकि राजधानी के निगम अब तक अपने सफाई कर्मचारियों को महज मास्क और सैनिटाइजर ही उपलब्ध करा पाए हैं. यही नहीं डोर टू डोर हूपर्स में लाल डिब्बे भी नजर नहीं आते. जो प्रशासन के दावों और तैयारियों की पोल खोल रहे हैं.

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