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Plea For Justice: महिला शिक्षिका न्याय के लिए छोटे बच्चे व पति संग बीकानेर से पैदल आई जयपुर, क्या सीएम करेंगे 'न्याय'?

एक शिक्षिका को जब न्याय नहीं मिला, तो वह पैदल ही अपने बच्चे और पति के साथ निकल पड़ी. ये असली कहानी है बीकानेर की एक शिक्षिका की, जो स्कूल हेड मास्टर के व्यवहार से परेशान (bikaner lady teacher came jaipur for justice) है. संबंधित अधिकारी को शिकायत कर चुकी है, लेकिन न्याय नहीं मिला. ऐसे में वह सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) से गुहार लगाने पैदल ही जयपुर पहुंची है.

350 KM journey for justice
न्याय पाने के लिए पैदल तय किया 350 किलोमीटर का सफर
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Published : Dec 4, 2021, 9:16 PM IST

Updated : Dec 4, 2021, 11:48 PM IST

जयपुर. बीकानेर की एक शिक्षिका को जब न्याय नहीं मिला तो पैदल ही प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार लगाने जयपुर (bikaner lady teacher came jaipur for justice ) पहुंच गई. सरकारी स्कूल की शिक्षिका सुरेंद्र कौर का कहना है कि उनके 43 दिन धरने के बाद भी बीकानेर जिला प्रशासन और शिक्षा निदेशालय की आंखें नहीं खुली, तो अपने छोटे बच्चे और पति के साथ पैदल ही बीकानेर से जयपुर रवाना हो गई.

बीकानेर से जयपुर तकरीबन 350 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके शिक्षिका सुरेंद्र कौर अपने छोटे बच्चे और पति के साथ आज जयपुर पहुंची. कल वह अपने परिवार के साथ सीएम से न्याय की गुहार लगाएंगी. कौर का कहना है कि वह राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रेलवे लाइन कोलायत की तृतीय श्रेणी की अध्यापिका हैं. पिछले कुछ समय से उनके पास स्कूल का चार्ज भी था. आरोप है कि इसी बीच स्कूल के हेड मास्टर टीकू मेघवाल ने B.Ed इंटर्नशिप छात्रा अभ्यर्थी के स्कूल नहीं आने के बावजूद भी 1 महीने के हस्ताक्षर करवा लिए और जब शिक्षिका ने इसका विरोध किया तो उसके साथ हेड मास्टर ने बदसलूकी की और कुछ दस्तावेज भी फाड़ दिए.

महिला शिक्षिका न्याय के लिए पैदल आई जयपुर

पढ़ें: कोरोना से मौत पर मुआवजा : गहलोत सरकार ने किसी मृतक के आश्रित को नहीं दिया मुआवजा..

शिक्षिका का आरोप है कि इंटर्नशिप पर छात्रा के नहीं पहुंचने के बाद भी उसकी उपस्थिति दर्ज की जा रही थी. जिसके बाद मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को इसकी शिकायत की गई लेकिन शिक्षिका का आरोप है कि हेड मास्टर के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में परेशान होकर जिला प्रशासन बीकानेर के खिलाफ शिक्षिका ने 43 दिन धरना भी दिया.

पढ़ें: राजस्थान में ओमीक्रोन स्ट्रेन ! अब तक प्रदेश में मिल चुके है कोरोना के इतने वेरियंट

इसके बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो शिक्षिका अपने छोटे बच्चे और पति के साथ पैदल ही बीकानेर से जयपुर रवाना हो गई. ऐसे में अब शिक्षिका का कहना है कि उन्हें सिर्फ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ही न्याय की आस है. करीब 10 दिन तक पैदल सफर करके आज शिक्षिका अपने परिवार के साथ जयपुर पहुंची है. इसके अलावा इनके साथ एक अन्य परिवार भी न्याय की उम्मीद में जयपुर पहुंचा है.

पढ़ें: Gehlot Invites Upen Yadav: आखिरकार बेरोजगारों को मिला सरकार से वार्ता का न्योता, मुख्यमंत्री से भी हो सकती है बात

शिक्षिका के पति दमित गहलोत का कहना है कि करीब 10 दिन से वे लगातार पैदल चल रहे हैं और जब भी थक जाते हैं तो सड़क के किनारे ही बिस्तर लगा कर सो जाते हैं. उनके साथ उनका छोटा बच्चा भी है जो बीकानेर से उनके साथ पैदल चलकर जयपुर पहुंचा है.

जयपुर. बीकानेर की एक शिक्षिका को जब न्याय नहीं मिला तो पैदल ही प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार लगाने जयपुर (bikaner lady teacher came jaipur for justice ) पहुंच गई. सरकारी स्कूल की शिक्षिका सुरेंद्र कौर का कहना है कि उनके 43 दिन धरने के बाद भी बीकानेर जिला प्रशासन और शिक्षा निदेशालय की आंखें नहीं खुली, तो अपने छोटे बच्चे और पति के साथ पैदल ही बीकानेर से जयपुर रवाना हो गई.

बीकानेर से जयपुर तकरीबन 350 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके शिक्षिका सुरेंद्र कौर अपने छोटे बच्चे और पति के साथ आज जयपुर पहुंची. कल वह अपने परिवार के साथ सीएम से न्याय की गुहार लगाएंगी. कौर का कहना है कि वह राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रेलवे लाइन कोलायत की तृतीय श्रेणी की अध्यापिका हैं. पिछले कुछ समय से उनके पास स्कूल का चार्ज भी था. आरोप है कि इसी बीच स्कूल के हेड मास्टर टीकू मेघवाल ने B.Ed इंटर्नशिप छात्रा अभ्यर्थी के स्कूल नहीं आने के बावजूद भी 1 महीने के हस्ताक्षर करवा लिए और जब शिक्षिका ने इसका विरोध किया तो उसके साथ हेड मास्टर ने बदसलूकी की और कुछ दस्तावेज भी फाड़ दिए.

महिला शिक्षिका न्याय के लिए पैदल आई जयपुर

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शिक्षिका का आरोप है कि इंटर्नशिप पर छात्रा के नहीं पहुंचने के बाद भी उसकी उपस्थिति दर्ज की जा रही थी. जिसके बाद मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को इसकी शिकायत की गई लेकिन शिक्षिका का आरोप है कि हेड मास्टर के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में परेशान होकर जिला प्रशासन बीकानेर के खिलाफ शिक्षिका ने 43 दिन धरना भी दिया.

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इसके बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो शिक्षिका अपने छोटे बच्चे और पति के साथ पैदल ही बीकानेर से जयपुर रवाना हो गई. ऐसे में अब शिक्षिका का कहना है कि उन्हें सिर्फ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ही न्याय की आस है. करीब 10 दिन तक पैदल सफर करके आज शिक्षिका अपने परिवार के साथ जयपुर पहुंची है. इसके अलावा इनके साथ एक अन्य परिवार भी न्याय की उम्मीद में जयपुर पहुंचा है.

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शिक्षिका के पति दमित गहलोत का कहना है कि करीब 10 दिन से वे लगातार पैदल चल रहे हैं और जब भी थक जाते हैं तो सड़क के किनारे ही बिस्तर लगा कर सो जाते हैं. उनके साथ उनका छोटा बच्चा भी है जो बीकानेर से उनके साथ पैदल चलकर जयपुर पहुंचा है.

Last Updated : Dec 4, 2021, 11:48 PM IST
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