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गेहूं घोटाले का आरोप झेल रही IAS निर्मला मीणा को बड़ी राहत, गहलोत सरकार ने किया बहाल - gehlot goverment on ias nirmala meena

8 करोड़ के गेहूं घोटाले का आरोप झेल रही आईएएस निर्मला मीणा को कांग्रेस की गहलोत सरकार ने बड़ी राहत दी है. कार्मिक विभाग की तरफ से जारी आदेश में निलंबित चल रही निर्मला मीणा को बहाल कर दिया है.

rajasthan news, आरोपी आईएएस पर गहलोत सरकार का फैसला
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Published : Aug 13, 2019, 8:46 PM IST

जयपुर. आईएएस निर्मला मीणा पर आरोप है कि जोधपुर में जिला रसद अधिकारी कार्यकाल के दौरान उन्होंने 35 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं का गबन किया था. एसीबी की जांच में सामने आया था कि तत्कालीन जिला रसद अधिकारी निर्मला मीणा ने मार्च 2016 में 33 हजार परिवार नए जोड़े और उच्च अधिकारियों को स्वयं की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में अंकित कर 35 हजार 20 क्विंटल अतिरिक्त गेहूं मंगवाया.

निलंबित IAS निर्मला मीणा को गहलोत सरकार ने किया बहाल

वहीं, जिन नए परिवारों का नाम जोड़ा गया उन्हें ऑनलाइन नहीं किया गया था. जांच में सामने आया था कि परिवार फर्जी नाम-पते से जुड़ गए थे और इनके हिस्से के गेहूं को आटा मिल मालिक सुरेश उपाध्याय और स्वरूप सिंह के पास भिजवाया गया था. इसके बाद निर्मला मीणा को काफी पैसा मिला था. इसकी जांच में मीणा पर गबन के आरोप साबित होने के बाद सरकार ने उसे निलंबित कर दिया था.

पढ़ें: क्रिकेट लीग के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी मामले में बीजेपी नेता पर मामला दर्ज

जांच के दौरान आटा मिल मालिक स्वरूप सिंह राजपुरोहित ने स्वीकार किया था कि आईएसएस लाल मीणा आरोप लगने के बाद फरार हो गई थीं. लेकिन बाद में उन्होंने जोधपुर कोर्ट में सरेंडर किया, जहां से कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया. उसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था.

गौरतलब है कि निर्मला मीणा को 11 अक्टूबर 2017 को 8 करोड़ के घोटाले के आरोप के चलते तत्कालीन रसद अधिकारी जोधपुर को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए गए थे. लेकिन मंगलवार को कार्मिक विभाग की तरफ से जारी आदेश में निर्मला मीणा को अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन एवं अपील नियम 1969 के नियम आठ के अंतर्गत जांच कार्यवाही को प्रभावित किए बिना निलंबन से बहाली के आदेश जारी किए हैं.

जयपुर. आईएएस निर्मला मीणा पर आरोप है कि जोधपुर में जिला रसद अधिकारी कार्यकाल के दौरान उन्होंने 35 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं का गबन किया था. एसीबी की जांच में सामने आया था कि तत्कालीन जिला रसद अधिकारी निर्मला मीणा ने मार्च 2016 में 33 हजार परिवार नए जोड़े और उच्च अधिकारियों को स्वयं की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में अंकित कर 35 हजार 20 क्विंटल अतिरिक्त गेहूं मंगवाया.

निलंबित IAS निर्मला मीणा को गहलोत सरकार ने किया बहाल

वहीं, जिन नए परिवारों का नाम जोड़ा गया उन्हें ऑनलाइन नहीं किया गया था. जांच में सामने आया था कि परिवार फर्जी नाम-पते से जुड़ गए थे और इनके हिस्से के गेहूं को आटा मिल मालिक सुरेश उपाध्याय और स्वरूप सिंह के पास भिजवाया गया था. इसके बाद निर्मला मीणा को काफी पैसा मिला था. इसकी जांच में मीणा पर गबन के आरोप साबित होने के बाद सरकार ने उसे निलंबित कर दिया था.

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जांच के दौरान आटा मिल मालिक स्वरूप सिंह राजपुरोहित ने स्वीकार किया था कि आईएसएस लाल मीणा आरोप लगने के बाद फरार हो गई थीं. लेकिन बाद में उन्होंने जोधपुर कोर्ट में सरेंडर किया, जहां से कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया. उसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था.

गौरतलब है कि निर्मला मीणा को 11 अक्टूबर 2017 को 8 करोड़ के घोटाले के आरोप के चलते तत्कालीन रसद अधिकारी जोधपुर को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए गए थे. लेकिन मंगलवार को कार्मिक विभाग की तरफ से जारी आदेश में निर्मला मीणा को अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन एवं अपील नियम 1969 के नियम आठ के अंतर्गत जांच कार्यवाही को प्रभावित किए बिना निलंबन से बहाली के आदेश जारी किए हैं.

Intro:
जयपुर

8 करोड़ गेंहूं घोटाले के आरोप झेल रही आईएएस निर्मला मीणा को बडी राहत , गहलोत सरकार ने आईएएस निर्मला मीणा को किया बहाल

एंकर:- गेहूं घोटाले का आरोप झेल रही आईएएस निर्मला मीणा कांग्रेस गहलोत सरकार ने बड़ी राहत दी है कार्मिक विभाग की तरफ से जारी आदेश में निलंबित चल रही निर्मला मीणा बहाल कर दिया है निर्मला मीणा पर जोधपुर में रसद अधिकारी रहते हुए 35 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं का गबन करने का आरोप है जिसकी जांच एसीबी कर रही है ।



Body:VO:- दरअसल आईएस निर्मला मीणा पर आरोप है जोधपुर में जिला रसद अधिकारी देखते हुए कार्यकाल के दौरान उन्होंने 35 हजार से अधिक गेहूं का गबन किया था , एसीबी की जांच में सामने आया कि तत्कालीन जिला रसद अधिकारी निर्मला मीणा ने मार्च 2016 में 33000 परिवार नए जोड़े और उच्च अधिकारियों को स्वयं की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में अंकित कर 35 हजार 20 क्विंटल अतिरिक्त मंगवाया , जिन नए परिवारों का नाम जोड़ा गया उन्हें ऑनलाइन नहीं किया गया था , जांच में सामने आया था कि परिवार फर्जी नाम पते से जुड़ गए थे इनके हिस्से के गेहूं को आटा मिल मालिक सुरेश उपाध्याय और स्वरूप सिंह के पास भिजवाया गया था इसके बाद निर्मला मीणा को काफी पैसा मिला था इसकी जांच में मीणा पर गबन के आरोप साबित होने के बाद सरकार ने उसे निलंबित कर दिया था , जांच के दौरान आटा मिल मालिक सिंह राजपुरोहित ने स्वीकार किया था। आईएसएस लाल मीणा पद कोटा का आरोप लगने के बाद फरार हो गई थी लेकिन बाद में उन्होंने जोधपुर कोर्ट में सरेंडर किया जहां से कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया उसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था ,


Conclusion:VO:- निर्मला मीणा को 11 अक्टूबर 2017 को 8 करोड़ के घोटाले के आरोप के चलते तत्कालीन रसद अधिकारी जोधपुर को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए गए थे लेकिन आज कार्मिक विभाग की तरफ से जारी आदेश में निर्मला मीणा को अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन एवं अपील नियम 1969 के नियम आठ के अंतर्गत जांच कार्यवाही को प्रभावित किए बिना निलंबन से बहाली के आदेश जारी किए हैं ।
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