जयपुर: राजस्थान में 5 से 31 जुलाई तक लंबे समय से फरार चल रहे बदमाशों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. डीजीपी एमएल लाठर के निर्देश पर विशेष अभियान के तहत इनामी बदमाशों को कमिश्नरेट स्पेशल टीम दबोच रही है. अबतक 11 इनामी बदमाश गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इनामी बदमाश काफी लंबे समय से फरार चल रहे हैं. ऐसे में उन्हें आईडेंटिफाई कर पाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है.
कमिश्नरेट स्पेशल टीम ने जिन भी इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया है, वह सभी अपनी पहचान बदलकर और दूसरे राज्यों में छोटे कस्बे, गांव में फरारी काट रहे थे. ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को भी काफी पापड़ बेलने पड़े.
पढ़ें: राजस्थान पुलिस ने सरकारी खजाने में जमा कराए करोड़ों रुपए, जल्द पार होगा 100 करोड़ का आंकड़ा
डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद ने बताया कि कई ऐसे बदमाश भी गिरफ्तार किए गए हैं, जो धोखाधड़ी के प्रकरणों में फरार चल रहे थे. वे अपना नाम-पता पूरी तरह से बदल कर अलग-अलग धंधों में लग गए थे. बदमाशों को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े और पुलिस उन्हें ढूंढते हुए आए भी तो चाह कर भी नहीं पहचान सके, इसके लिए कुछ बदमाशों ने प्लास्टिक सर्जरी करने तक का प्लान बना लिया था. यदि पुलिस ऐसे बदमाशों तक पहुंचने में जरा भी देरी करती तो फिर वह बदमाश प्लास्टिक सर्जरी करा कर पूरी तरह से सुरक्षित हो जाते.
हत्या के प्रयास के प्रकरण में पिछले 27 साल से फरार चल रहे एक शातिर बदमाश देशबंधु जाट को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को काफी पापड़ बेलने पड़े. पुलिस को सूचना मिली की बदमाश देशबंधु जाट हरियाणा के भिवाड़ी क्षेत्र में बापोड़ा गांव में एक आश्रम में साधु के भेष में रह रहा है. जब पुलिस बदमाश को गिरफ्तार करने आश्रम पहुंची तो वहां पर बड़ी संख्या में भक्त मौजूद मिले. ऐसे में बाबा को सीधा पकड़ना पुलिस के लिए एक बड़ा चैलेंज था. बाबा को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने एक चाल चली. कुछ पुलिसकर्मियों को भक्त बनाकर आश्रम में भेजा गया. पुलिसकर्मी कुछ दिनों तक आश्रम में ही बाबा के भेष में रह रहे शातिर बदमाश देशबंधु जाट के साथ रहे और उसका विश्वास जीतने के बाद मौका पाते ही उसे गिरफ्तार कर लिया.
पढ़ें: जागते रहो: साइबर फ्रॉड के हो गए शिकार? करें इस Helpline Number पर शिकायत...बच जाएगी गाढ़ी कमाई
लाखों रुपए की चोरी की एक प्रकरण में 20 साल से फरार चल रहे मुकेश खटीक नामक बदमाश को पुलिस ने आगरा से गिरफ्तार किया. आरोपी मूल रूप से सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी का रहने वाला है. वह साल 1999 से फरार चल रहा था और अपना नाम बदलकर फरारी काट रहा था. आरोपी अपना नाम-पता बदलकर एक पेट्रोल पंप पर काम कर रहा था. किसी को भी इसकी भनक तक नहीं लगी.
नकबजनी के एक प्रकरण में 9 साल से फरार चल रही एक शातिर महिला मोना देवी को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपी महिला ने साल 2012 में नकबजनी की वारदात को अंजाम दिया था. फिर अपना नाम बदलकर, लगातार अपना निवास स्थान बदल-बदल कर और मोबाइल नंबर बदल-बदलकर रह रही थी.
करोड़ों रुपए के गबन के प्रकरण में 1994 से फरार चल रहे इनामी बदमाश मनोहर सिंह उर्फ महेंद्र सिंह को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर झुंझुनू से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की. आरोपी अपनी पहचान बदलकर बिजनेस में लगा हुआ था. किसी को भी इस बात की भनक नहीं लगी कि जिस व्यक्ति के साथ वह लोग काम कर रहे हैं, वह एक भगोड़ा इनामी बदमाश है.