जयपुर. बृज के कामां क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ चल रहे साधु संतों के आंदोलन और संत विजय दास के आत्मदाह प्रयास मामले (Bharatpur saint self immolation case) में प्रदेश की सियासत भड़क गई है. भाजपा ने इस मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया (BJP forms committee) है. जिसमें अलवर सांसद बाबा बालक नाथ, पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी, गजेंद्र सिंह खींवसर और पूर्व विधायक राजकुमारी जाटव व बनवारी लाल सिंघल को शामिल किया गया है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के निर्देश पर इस कमेटी का गठन किया गया है. हालांकि पहले 3 सदस्य कमेटी बनाई गई थी, लेकिन बाद में प्रभु लाल सैनी और पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल का नाम लिस्ट में जोड़ दिया गया. अब कमेटी के सदस्य भरतपुर पहुंचकर इस पूरे घटनाक्रम की तथ्यात्मक जानकारी लेंगे और सभी पक्षों से बातचीत करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रदेश भाजपा नेतृत्व को सौंपेंगे. माना जा रहा है अगले 2 दिन में यह कमेटी क्षेत्र में पहुंचकर तमाम बिंदुओं की जानकारी लेगी और अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंपेगी.
सरकार पर दबाव बनाने के लिए बनती है कमेटियां: हालांकि राजस्थान में जितनी भी बड़ी घटनाएं होती हैं,उसकी जांच के लिए विपक्ष में बैठी भाजपा संगठनात्मक स्तर पर कुछ नेताओं की समिति बना देती है, जो मौके पर घटना की जानकारी और तथ्यात्मक रिपोर्ट लाकर प्रदेश नेतृत्व को दे देती है. हालांकि इस प्रकार की कमेटियों के जरिए केवल बीजेपी प्रदेश सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाने का ही काम करती है जिससे बीजेपी को कुछ सियासी फायदा भी मिल सके.