जयपुर. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने भारतमाला सड़क परियोजना में कोटा जिले की सुल्तानपुर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत पोलाईकलां में आठ लेन रोड निर्माण कार्य के लिए तालाब, तलाइयों से मिट्टी उठाने के मामले में जांच के आधार पर ग्राम पंचायत की सरपंच को आरोप पत्र देते हुए निलंबित कर दिया गया है. इसी मामले में दोषी पाए जाने पर ग्राम विकास अधिकारी आशीष शर्मा एवं तत्कालीन विकास अधिकारी शैलेष रंजन को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया (Sarpanch and two officers suspended in Kota) है.
साथ ही माइंस एवं अन्य संबंधित विभागों को भी इस मामले में शामिल अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग द्वारा लिखा जा रहा है. आसपास की अन्य सम्बन्धित ग्राम पंचायतों एवं सम्बधित कम्पनी को भी इस मामले में नोटिस जारी किए जाकर कार्रवाई की जाएगी. पिछले दिनों कोटा ग्रामीण एसीबी ने सुल्तानपुर पंचायत समिति के उप प्रधान नरेश नरूका को भारतमाला परियोजना के लिए तालाबों से मिट्टी खुदाई के पेटे रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया (Sarpanch accused of taking bribe in Kota) था. इसी प्रकार की कुछ शिकायतें ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री को भी मिली थीं.
पिछले माह उच्च स्तर से एक कमेटी गठित कर कोटा में मण्डावरा से कराड़िया तक (पैकेज-13) चैनेज 359 एवं 170 से 388 एवं 420 में आठ लेन रोड निर्माण कार्य के लिए तालाब, तलाइयों से मिट्टी उठाने के मामले की जांच कराई गई थी. इस जांच की रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने शुक्रवार को पंचायत समिति सुल्तानपुर की ग्राम पंचायत पोलाईकलां की सरपंच संतोष बाई को कार्य में गंभीर अनियमितता और पद के दुरूपयोग के आधार पर पंचायती राज अधिनियम की धारा 38(4) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरपंच पद से निलंबित कर दिया.
साथ ही यह आदेश दिया गया है कि वे निलंबन काल में पंचायत के किसी कार्य एवं कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगी. जांच में पाया गया है कि इन अनियमितताओं को रोकने में उनके द्वारा पर्याप्त प्रयास नहीं किए गए. इससे तालाबों का मूल स्वरूप खराब हुआ और जनहानि, पशुहानि की आशंका बढ़ गई. कई जगह 13 मीटर तक भी खड्डे कर दिए गए. मिट्टी के परिवहन से क्षेत्र की सड़कों को भी नुकसान पहुंचा. उनके इस कृत्य को राज पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 36 (1) में वर्णित कर्तव्यों को निर्वहन में अवचार एवं अपकीर्तिकर आचरण की श्रेणी में माना गया है. उन्हें अपना स्पष्टीकरण 15 मई तक संभागीय आयुक्त कोटा को भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं.
इसी मामले में जांच में दोषी पाए जाने पर ग्राम पंचायत पोलाईकलां के ग्राम विकास अधिकारी आशीष शर्मा को भी निलंबित कर उनका मुख्यालय निदेशक पंचायतीराज विभाग, जयपुर के कार्यालय में कर दिया गया है. जबकि तत्कालीन विकास अधिकारी पंचायत समिति सुल्तानपुर एवं हाल विकास अधिकारी पंचायत समिति झोंथरी जिला डूंगरपुर शैलेश रंजन को भी तत्काल निलंबित कर इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई किया जाना प्रस्तावित किया गया है. विभागीय जांच कमेटी में अतिरिक्त आयुक्त एवं संयुक्त शासन सचिव द्वितीय डॉ प्रेम सिंह चारण, अधिशाषी अभियंता प्रोजेक्ट बी.एल.गुप्ता एवं कोटा के खनिज अभियंता को शामिल किया गया था.