जयपुर. राजस्थान में चल रहे सियासी महासंग्राम के बीच अब सरकार के ऊपर छाए हुए काले बादल छटते हुए दिखाई दे रहे हैं. दिन में खबर आई कि सचिन पायलट की राहुल गांधी से मुलाकात हुई है और समझौता होने की बातें अब साफ हो चुकी है. वहीं, बागी तेवर दिखा रहे भंवरलाल शर्मा सबसे पहले जयपुर पहुंचे. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की.
इस दौरान भंवरलाल शर्मा ने साफ कहा है कि वह अपने विकास कार्यों के नहीं होने के चलते सरकार से नाराज थे. सोमवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई और उसके बाद में वह नाराजगी भी दूर हो गई है. भंवर लाल शर्मा ने कहा कि वह 7 बार के विधायक हैं और अपनी जनता से कमिटमेंट कर के आए थे, वह काम पूरे नहीं हो रहे थे ऐसे में नाराजगी लाजमी थी.
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उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो भी ऑडियो उनके हैं उसमें उन्होंने कभी नहीं कहा कि सचिन पायलट उनके नेता हैं और कांग्रेस में कोई पायलट कैंप नहीं है, बल्कि कांग्रेस ही एकमात्र कैंप है. भंवर लाल शर्मा ने कहा कि 14 को विधानसभा सत्र होगा और उसमें अगर वोटिंग की आवश्यकता हुई तो वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पक्ष में वोट करेंगे.
भंवरलाल शर्मा ने कहा कि उनके नेता या तो राहुल गांधी है या फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत. वहीं, उनके ऊपर लगे मुकदमे को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें झूठा फंसाया गया था. ऐसे में उन्होंने कोर्ट में वकील खड़ा किया क्योंकि सच्चे का कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि न मैं मुकदमों से डरता हूं ना कभी डरूंगा.
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विधायक शर्मा ने सीधे तो कुछ नहीं कहा लेकिन यह जरूर कहा कि एक-दो दिन में राजस्थान में चल रहा सियासी संकट पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा. राजस्थान में सरकार बची हुई है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही रहेंगे. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समर्थन देने की बात पर कहा कि मैं तो मुख्यमंत्री बन नहीं सकता. ऐसे में अशोक गहलोत को ही समर्थन करता हूं. अगर मैं खुद मुख्यमंत्री बनता होता, तो बात अलग थी.