जयपुर. आजकल युवा जल्द से जल्द ऐसी चीजों में निवेश करना चाहता हैं, जहां से उसे मोटा मुनाफा मिल सके. युवाओं में निवेश की लगातार बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए साइबर ठगों ने अब नए तरीकों से ठगी की वारदात को अंजाम देना शुरू किया है. साइबर ठग युवाओं को अपने जाल में फंसाने के लिए उन्हें विभिन्न तरह के लुभावने ऑफर निवेश के लिए दे रहे हैं और बेहद कम समय में मोटा मुनाफा कमाकर देने का झांसा दिया जा रहा है (Fraud on name of Bitcoin in Jaipur).
मुनाफे के लालच में आकर युवा बिना सोचे समझे और बिना वेरीफाई किए विभिन्न तरह की एप, वेबसाइट और सोशल मीडिया पेज के जरिए क्रिप्टो करेंसी, बिटकॉइन व शेयर में निवेश करने में लगे हुए हैं. युवा जल्द से जल्द रुपए कमाने के लालच में आकर ठगों के जाल में फंसते जा रहे हैं और अपनी मेहनत की कमाई को लुटा रहे हैं. जब युवाओं को उनके साथ हुई ठगी का पता चलता है तब तक साइबर ठग उनसे एक बड़ी राशि हड़प चुका होता है.
एप और वेबसाइट के जरिए बना रहे शिकार
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि प्ले स्टोर पर मौजूद विभिन्न एप और अनेक तरह की वेबसाइट के जरिए युवा क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट कर रहे हैं. इन सभी एप और वेबसाइट का ब्लॉक चेन सिस्टम से कोई भी लेना देना नहीं है यानी कि यह तमाम एप और वेबसाइट पूरी तरह से फर्जी हैं, जिनको दूसरे देश में बैठकर साइबर ठग ऑपरेट कर रहे हैं. इसके साथ ही इन फर्जी एप और वेबसाइट का किसी भी तरह की क्रिप्टो करेंसी या बिटकॉइन कंपनी के साथ मनी एक्सचेंज का कोई टाईअप नहीं है.
यह भी पढ़ें. जागते रहो: ब्लू टिक वेरीफाइड फेसबुक पेज को निशाना बना रहे साइबर ठग, यह तरीके अपनाकर करें बचाव
ठगों के झांसे में आकर जैसे ही कोई भी व्यक्ति एप या वेबसाइट के जरिए क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट करना शुरू करता है तो उसे एक फर्जी आईडी बना कर दी जाती है. जिसका बकायदा पासवर्ड और लॉगइन आईडी यूजर को दिया जाता है (fraud in name of cryptocurrency) और यूजर के वॉलेट में इन्वेस्ट किया गया अमाउंट व प्राप्त होने वाले मुनाफा को भी शो किया जाता है. जिसके चलते यूजर को इस बात की बिल्कुल भी भनक नहीं लगती है कि उसे ठगी का शिकार बनाया जा रहा है.
कूपन कोड का दे रहे झांसा
आयुष भारद्वाज ने बताया कि साइबर ठग यूजर को विभिन्न कूपन कोड और डिस्काउंट का झांसा देकर उनसे मोटी राशि इन्वेस्ट करवाते हैं. यूजर को यह झांसा दिया जाता है कि वह जितनी राशि इन्वेस्ट करेगा उसे उतनी ही राशि का कूपन कोड या फिर आधी कीमत पर बिटकॉइन दिया जाएगा. इस तरह से ठगों के झांसे में आकर यूज़र बड़ी राशि इन्वेस्ट कर देता है.
यह भी पढ़ें. जागते रहो: Free Open WiFi के चक्कर में आकर न बने साइबर ठगों का शिकार, ये तरीके अपनाकर करें बचाव
क्रिप्टो करेंसी की विदेश में लगातार बढ़ती डिमांड को देखकर यूजर ठगों के झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई को इन्वेस्ट करने में लग जाता है और ठग यूजर की तमाम राशि हड़प जाते हैं. साथ ही साइबर ठग इन तमाम फर्जी एप और वेबसाइट के सर्वर भारत में होस्ट ना कर कर ऐसे देश से कर रहे हैं जिनके भारत के साथ राजनैतिक रिश्ते अच्छे नहीं है. इसके साथ ही यूजर से इन्वेस्टमेंट पे-पल के माध्यम से करवाया जा रहा है और जिन खातों में राशि ली जा रही है. वह खाते भी ऐसे देशों में ऑपरेट किए जा रहे हैं जिनकी जानकारी जुटा पाना बेहद मुश्किल है.
ऐसे करें बचाव
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट आयुष भारद्वाज ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए ब्लॉक चेन सिस्टम को सबसे सुरक्षित माना गया है. जोकि इन्वेस्टमेंट का एक ऑथेंटिक माध्यम है. भारत में भी कुछ निजी बैंक की ओर से हाल ही में ब्लॉक चेन सिस्टम पर काम करना शुरू किया गया है. यूजर को किसी भी तरह की क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने से पहले इसकी जांच करना बेहद जरूरी है कि वह जिस प्लेटफार्म के जरिए इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं वह ब्लॉक चेन सिस्टम पर काम कर रही है या नहीं.
आयुष भारद्वाज ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने के केवल कुछ ही विकल्प मौजूद हैं. इसके साथ ही यूजर को यह बात एकदम क्लियर रखनी चाहिए कि कोई भी क्रिप्टो करेंसी या बिटकॉइन डिस्काउंट पर या आधी कीमत पर नहीं मिल सकती. क्योंकि यह कोई कंपनी प्रोडक्ट नहीं है जिस पर डिस्काउंट दिया जा सके. क्रिप्टो करेंसी के केस में किसी भी तरह का डिस्काउंट देना बिल्कुल भी संभव नहीं है.
साइबर ठगों ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी इस तरह के अनेक पेज बना रखे हैं, जहां पर क्रिप्टोकरंसी में भारी डिस्काउंट का झांसा देकर ठगी की जा रही है. ऐसे में यूजर को इस चीज का पूरा ध्यान रखना चाहिए की किसी भी तरह के डिस्काउंट के चक्कर में आकर रुपए निवेश ना करें. ठगी गई राशि को वापस प्राप्त करना बेहद मुश्किल है और साथ ही ठगों तक पहुंच पाना भी आसान नहीं है.