जयपुर. राजस्थान के कोटा में हुई नवजात बच्चों की मौत के बाद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के बीच चल रहे शीत युद्ध के बीच प्रदेश के बाकी अन्य मंत्री इस विषय पर संभल-संभल कर बोल रहे हैं.
प्रदेश के ऊर्जा एवं जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि यह मेरा विषय नहीं है. इस बारे में मुख्यमंत्री पहले ही बोल चुके हैं, यह तो केवल भाजपा का एक पॉलिटिकल स्टंट है. उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि नवजात शिशुओं की मौत की दर कांग्रेस में भाजपा राज की तुलना में घटी है.
मंत्री कल्ला ने कहा कि इस मामले पर भाजपा लगातार राजनीति करनी है. लेकिन यह देखा जाना चाहिए कि भाजपा शासित राज्यों में नवजात शिशुओं की मौत का रेशियो क्या है. अपनी सरकार का बचाव करते हुए बीडी कल्ला ने कहा कि कई बार निजी अस्पतालों से क्रिटिकल केस सरकारी अस्पतालों में ट्रांसफर किए जाते हैं. उस स्थिति में भी सरकारी अस्पताल बच्चों का उपचार सही से कर रहे हैं.
लेकिन कई बार केस क्रिटिकल होता है और बच्चे का बचाव नहीं हो पाता है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी तरीके की कोई कमी सरकारी अस्पतालों में है तो उसे प्रदेश सरकार दूर करने का प्रयास करेगी. लेकिन राजस्थान सरकार में नवजात बच्चों की मौत का रेशियो और अन्य भाजपा शासित राज्य सरकारों वाले प्रदेश में नवजात बच्चों की मौत का रेशियो क्या है, इस पर चर्चा जरूर होनी चाहिए.