जयपुर. जल योजनाओं को लेकर प्रदेश के जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है. जल भवन में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए बीडी कल्ला ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि 2013 तक जल योजनाओं में केंद्र सरकार 90 फीसदी अनुदान देती थी लेकिन यह अनुदान अब 50-50 फीसदी कर दिया गया है. जब तक 90 प्रतिशत अनुदान नहीं मिलेगा तब तक जल योजनाओं को पूरा नहीं कर सकते.
जल भवन के सभागार में तकनीकी कर्मचारियों की तकनीकी डायरी का विमोचन करने आए जलदाय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से अनुदान कम करने पर जल योजनाओं पर असर पड़ रहा है. राजस्थान में गांवों की दूरियां किलोमीटर में है और ढाणिया भी दूर-दूर स्थित हैं. वहां तक पानी पहुंचाना बहुत टेढ़ी खीर है. बीडी कल्ला ने कहा कि हमारी मांग है कि 2013 से पहले जिस तरह से 90 फीसदी अनुदान दिया जाता था. उसी तरह से अनुदान जल योजनाओं में दिया जाए ताकि हम जल जीवन मिशन को अमलीजामा पहना सकें.
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ईस्टर्न कैनाल को लेकर बीडी कल्ला ने कहा कि बजट में राजस्थान की जनता की यह मांग भी पूरी नहीं हुई. पहले तो केंद्र सरकार कहती रही कि आप ईस्टर्न कैनाल की डीपीआर बनाकर भेजो. इस पर 35000 करोड़ की डीपीआर बनाकर भारत सरकार को भेजी जा चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए बीडी कल्ला ने कहा कि जब प्रधानमंत्री जयपुर आए थे तो उन्होंने कहा था कि ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करेंगे और इसका हमें आज भी इंतजार है
उन्होंने कहा कि ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट से 13 जिलों और उनके गांव को पानी पहुंचाया जाएगा. बीडी कल्ला ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को याद करते हुए कहा इंदिरा गांधी नहर के लिए उनके समय में प्रदेश सरकार को 90 फीसदी अनुदान दिया था और उसी का नतीजा है कि पश्चिमी राजस्थान के रेगिस्तानी जिलों में इंदिरा गांधी नहर का पानी पहुंच रहा है. कल्ला ने कहा कि हमारे प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए हमारे पास 1.01 फीसदी पीने का पानी है. ऐसी परिस्थिति में जब तक हमें 90 फीसदी से अनुदान नहीं मिलेगा हम जल योजनाओं को पूरा नहीं कर सकते.
बीडी कल्ला ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह जल योजनाओं में 90 फीसदी अनुदान दें और चंबल से बीसलपुर तक पानी लाने की योजना को पूरा करें. केंद्र सरकार को नदियों से जोड़ने के प्रस्ताव भेजने के बावजूद भी वे कई साल तक लटकते रहते हैं. इसलिए उन्हें भी जल्द पूरा किया जाए.