जयपुर. राजस्थान में शुक्रवार 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध (ban on single use plastic in rajasthan) लागू कर दिया गया है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल फोटो खींचकर पर्यावरण बचाने की मुहिम चला रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने 2 ऐप बनाए हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध के बावजूद भी अगर कोई इसका पालन नहीं करता है, तो कोई भी व्यक्ति उसकी फोटो खींचकर ऐप पर अपलोड कर सकता है. फोटो के आधार पर संबंधित विभाग कार्रवाई करेगा.
राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन: सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए जिला और राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इसमें अलग-अलग विभागों के अधिकारी शामिल हैं जो कि सिंगल यूज प्लास्टिक के रोकथाम को लेकर कार्रवाई के साथ समझाइश सहित अन्य कार्यक्रम चलाए जाएंगे. सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए आमजन को भी जागरूक किया जाएगा. होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, ट्रेडर्स एसोसिएशन को सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रतिबंध की पालना के लिए सूचित किया गया है. सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाए गए प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए केंद्रीय राज्य प्रदूषण नियत्रंण मंडल ने दो ऐप बनाए हैं. मंडल आमजन को जोडक़र ऐप की मदद से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर रहा है.
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल सदस्य सचिव उदय शंकर ने बताया कि दो ऐप बनाए गए हैं. एक ऐप आमजन के उपयोग के लिए दूसरा मंडल अधिकारियों की कार्रवाई पर निगरानी रखने के लिए बनाया गया है. पर्यावरण बचाने में आमजन अपनी महत्ती भूमिका निभा सकते हैं. आमजन प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड कर सिंगल यूज प्लास्टिक बेचने, उपयोग करने वालों और स्टॉक रखने वालों की सूचना फोटो और सूचना डालकर विभाग को दे सकते हैं. फोटो मिलते ही स्थानीय स्वायत्त संस्थाएं और अन्य सम्बधित दूसरे विभाग अपनी-अपनी भूमिका के लिए सक्रिय होकर पर्यावरण को बचाएंगे.
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से प्रदेश भर में पोस्टर, पंपलेट, होर्डिंग, स्टीकर समेत अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की वेबसाइट पर भी प्रतिबंधित और पर्यावरणीय अनुकूल विकल्पों की सूची अपलोड की गई है. नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी आमजन को जागरूक किया जा रहा है.
प्रभावी कार्रवाई के लिए एसयूपी: सीपीसीबी के नाम से एक ऐप बनाया है. इसे आमजन प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. अगर कहीं पर भी सिंगल यूज प्लास्टिक का स्टॉक या बेचते देखते हैं, तो फोटो खींचकर इस ऐप पर डाल सकते हैं. ऐप पर फोटो और शिकायत डालते ही स्थानीय स्वायत्त शासन निकाय सक्रिय हो जाएगी और सम्बंधित स्थान पर कार्रवाई करेगी. अगर निकाय कार्रवाई नहीं करती है, तो यह शिकायत अपने आप राज्य प्रदूषण नियत्रंण विभाग के पास पहुंच जाएगी. अगर राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग भी कार्रवाई करवाने में नाकाम रहता है, तो यह शिकायत केंद्रीय प्रदूषण नियत्रंण मंडल के पास पहुंच जाएगी. केंद्रीय प्रदूषण नियत्रंण मंडल सम्बधित संस्था, फर्म, फैक्ट्री और दुकान फर्म के खिलाफ कार्रवाई करवाएगा.
ये है सिंगल यूज प्लास्टिक: राज्य प्रदूषण नियत्रंण मंडल के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक में प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों वाली प्लास्टिक डंडिया, प्लास्टिक झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडिया, पोलोस्टाइरीन की सजावटी सामग्री, प्लेंटे,कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा आदि शामिल हैं. इसी प्रकार कटलरी, मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट पर लपेटने वाली और पैक करने वाली फिल्म, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक, पीवीसी बैनर और स्ट्रिर शामिल है. हाल ही में सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम बनाने वाली 13 फैक्ट्रियों पर प्रदूषण नियत्रंण मंडल ने ताला लगाया है.