जयपुर. दौसा के महुआ में पुजारी की मौत के मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मृतक पुजारी का शव राजधानी जयपुर में लाकर रखा हुआ है. जहां पर बीजेपी और ब्राह्मण समाज के लोग धरने पर बैठे हुए हैं. मृतक पुजारी शंभू शर्मा की मौत के मामले में हाथोज धाम महंत बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफिया के नाम मंदिरों की जमीन को कब्जा किया है.
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मंदिर की जमीन हड़पने के लिए पुजारी को मार दिया जाता है, जिस को आत्महत्या का नाम दे दिया जाता है. मठ मंदिर पुजारी महासंघ सभी कौम के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद होकर मृतक पुजारी के लिए न्याय की मांग कर रहा है. पुजारी के परिवार को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाने वाले जगदीश सैनी पर भी लाठीचार्ज किया गया था, जिन की भी मौत हो गई. सरकार से मांग की जा रही है कि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जाए मंदिर और गोचर की जमीनों को मुक्त करवाया जाए. इसके लिए विशेष कानून बनाए जाने चाहिए.
ऐसी घटनाओं पर रोकथाम के लिए कानून और नियम सख्त किए जाएं. इस तरह का भी कानून लाए या सख्ती बरती जाए ताकि भूमाफिया किसी भी जमीन को जबरदस्ती अपने नाम नहीं करवा सकें. इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि पुजारियों को सुरक्षा दी जाए. मंदिर पुजारियों से जमीन छीनने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए. अगर सरकार मांगे नहीं मानेगी तो आंदोलन जारी रहेगा. पुजारी के न्याय के लिए आमरण अनशन पर भी बैठना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि शास्त्र पढ़े हैं और पढ़ाना भी जानते हैं. शस्त्र चलाने पर मजबूर ना करे सरकार.
ब्राह्मण नेता ने मंत्री बीडी कल्ला से की मुलाकात
संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष और ब्राह्मण नेता पंडित सुरेश मिश्रा में मृतक पुजारी के मामले में न्याय की मांग की है. ब्राह्मण समाज के गणमान्य लोगों के साथ मिलकर मृतक पुजारी के परिवार कि न्याय के लिए एक मांग पत्र रखा गया है. मंत्री हरीश चौधरी से भी वार्ता की गई है. आश्वासन मिला है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पंडित सुरेश मिश्रा ने कहा कि मामले में आश्वासन दिया गया है कि कोई कोताही नहीं बरती जाएगी. उन्होंने कहा कि शंभू पुजारी के साथ ज़िंदा रहते न्याय नहीं हुआ. अब मरने के बाद भी अन्याय हो रहा है, हिंदू परंपराओं में बारह घंटे में अंतिम संस्कार होना चाहिए. इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए.