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जयपुर के रिहायशी इलाके में बिज्जू के आने से लोगों में दहशत, वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा

जयपुर के रिहायशी इलाके में बुधवार शाम एक दुकान में बिज्जू घुस गया. जिसके बाद क्षेत्र के लोगों में हड़कंप मच गया. वहीं लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. सूचना पर वन विभाग और रक्षा एनजीओ की टीम ने रेस्क्यू कर बिज्जू को वन क्षेत्र में छोड़ दिया.

Badger enters Jaipur's residential area, जयपुर रिहायशी इलाके में बिज्जू
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Published : Oct 10, 2019, 11:47 AM IST

जयपुर. शहर के आबादी इलाके में बुधवार शाम को बिज्जू आने से हड़कंप मच गया. बुधवार शाम जयसिंहपुरा खोर का सबसे पॉश इलाका माना जाने वाला सुपर बाजार की एक दुकान में बिज्जू घुस गया. बिज्जू को देखकर आसपास के इलाके में दहशत का माहौल बन गया. कहा जाता है कि बिज्जू एक ऐसा वन्यजीव है, जो ज्यादातर सीधा इंसानों के गले पर वार करता है.

जयपुर में दुकान में घुसे बिज्जू को पकड़ने का प्रयास करते टीम के सदस्य

वहीं आसपास के लोगों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम के साथ रक्षा एनजीओ के प्रतिनिधि रेस्क्यू के संसाधन लेकर मौके पर पहुंचे. एनजीओ के प्रतिनिधियों ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बिज्जू का रेस्क्यू किया. बिज्जू का रेस्क्यू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली. रेस्क्यू करके बिज्जू को गलता वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया. वन विभाग और एनजीओ की ओर से लोगों को वन्यजीव संरक्षण में सहयोग करने की अपील की गई. किसी भी आबादी क्षेत्र में अगर कोई वन्यजीव आ जाए तो तुरंत वन विभाग को सूचना करें

ये पढ़ें: झालावाड़ की मासूम गीता का दर्द : माता-पिता का साथ छीना, अब कुपोषण की चपेट में, आंखों की रोशनी भी हो गई कमजोर

बता दें कि भोजन-पानी की तलाश में वन्यजीव आबादी क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं. इससे पहले भी कई पैंथर भोजन-पानी की तलाश में जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्रों में आ चुके हैं. कुछ महीने पहले जयसिंहपुरा खोर के ही एक आबादी क्षेत्र में पैंथर का शव बरामद हुआ था. वह पैंथर भी पानी-भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्र की तरफ आ गया था. जहां अज्ञात कारणों से उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद जयसिंहपुरा खोर की मियाली की ढाणी में पैंथर का मूवमेंट हुआ था. मियाली की ढाणी में ही करीब 2 साल पहले पैंथर ने चार गायों को अपना निशाना बनाया था. जिसका मुआवजा अभी तक भी पीड़ित परिवार को नहीं दिया गया. फाइल अभी भी प्रक्रिया में ही अटकी पड़ी है.

जयपुर. शहर के आबादी इलाके में बुधवार शाम को बिज्जू आने से हड़कंप मच गया. बुधवार शाम जयसिंहपुरा खोर का सबसे पॉश इलाका माना जाने वाला सुपर बाजार की एक दुकान में बिज्जू घुस गया. बिज्जू को देखकर आसपास के इलाके में दहशत का माहौल बन गया. कहा जाता है कि बिज्जू एक ऐसा वन्यजीव है, जो ज्यादातर सीधा इंसानों के गले पर वार करता है.

जयपुर में दुकान में घुसे बिज्जू को पकड़ने का प्रयास करते टीम के सदस्य

वहीं आसपास के लोगों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम के साथ रक्षा एनजीओ के प्रतिनिधि रेस्क्यू के संसाधन लेकर मौके पर पहुंचे. एनजीओ के प्रतिनिधियों ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बिज्जू का रेस्क्यू किया. बिज्जू का रेस्क्यू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली. रेस्क्यू करके बिज्जू को गलता वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया. वन विभाग और एनजीओ की ओर से लोगों को वन्यजीव संरक्षण में सहयोग करने की अपील की गई. किसी भी आबादी क्षेत्र में अगर कोई वन्यजीव आ जाए तो तुरंत वन विभाग को सूचना करें

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बता दें कि भोजन-पानी की तलाश में वन्यजीव आबादी क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं. इससे पहले भी कई पैंथर भोजन-पानी की तलाश में जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्रों में आ चुके हैं. कुछ महीने पहले जयसिंहपुरा खोर के ही एक आबादी क्षेत्र में पैंथर का शव बरामद हुआ था. वह पैंथर भी पानी-भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्र की तरफ आ गया था. जहां अज्ञात कारणों से उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद जयसिंहपुरा खोर की मियाली की ढाणी में पैंथर का मूवमेंट हुआ था. मियाली की ढाणी में ही करीब 2 साल पहले पैंथर ने चार गायों को अपना निशाना बनाया था. जिसका मुआवजा अभी तक भी पीड़ित परिवार को नहीं दिया गया. फाइल अभी भी प्रक्रिया में ही अटकी पड़ी है.

Intro:जयपुर
एंकर- राजधानी जयपुर के आबादी इलाके में बिज्जू आने से हड़कंप मच गया। बुधवार शाम को जयसिंहपुरा खोर के सबसे पॉश इलाका माना जाने वाला सुपर बाजार की एक दुकान में बिज्जू घुस गया। बिज्जू को देखकर आसपास के इलाके में दहशत का माहौल बन गया। कहा जाता है कि बिज्जू एक ऐसा वन्यजीव है जो ज्यादातर सीधा इंसानों के गले पर वार करता है।
Body:लोगों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम के साथ रक्षा एनजीओ के प्रतिनिधि रेस्क्यू के संसाधन लेकर मौके पर पहुंचे। एनजीओ के प्रतिनिधियों ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बिज्जू को रेस्क्यू किया। बिज्जू का रेस्क्यू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। रेस्क्यू करके बिज्जू को गलता वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया।
वन विभाग और एनजीओ की ओर से लोगों को वन्यजीव संरक्षण में सहयोग करने की अपील की गई। किसी भी आबादी क्षेत्र में अगर कोई वन्यजीव आ जाए तो तुरंत वन विभाग को सूचना करें

बता दे कि भोजन पानी की तलाश में वन्यजीव आबादी क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे पहले भी कई पैंथर भोजन पानी की तलाश में जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्रों में आ चुके हैं। कुछ महीने पहले जयसिंहपुरा खोर के ही एक आबादी क्षेत्र में पैंथर का शव बरामद हुआ था। यानी कि वह पैंथर भी पानी भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्र की तरफ आया था। जहां अज्ञात कारणों से उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद जयसिंहपुरा खोर की मियाली की ढाणी में पैंथर का मूवमेंट हुआ था। मियाली की ढाणी में ही करीब 2 साल पहले पैंथर ने चार गायों को अपना निशाना बनाया था। जिसका मुआवजा अभी तक भी पीड़ित परिवार को नहीं दिया गया। फाइल अभी भी प्रक्रिया में ही अटकी पड़ी है।

बाईट- लोकेश यादव, रक्षा एनजीओ प्रतिनिधि
Conclusion:
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