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आवासन मंडल ने 90 प्रीमियम प्रॉपर्टी बेची, 125 करोड़ का राजस्व मिला

राजस्थान आवासन मंडल प्राइवेट सेक्टर को हर मोर्चे पर पीछे छोड़ रहा है. ना सिर्फ आवासीय योजनाओं बल्कि बोर्ड ने कमर्शियल प्रॉपर्टी से भी महज 2 महीने में 125 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है. बता दें कि इन प्रॉपर्टीज को प्रीमियम प्रॉपर्टी का नाम दिया है.

राजस्थान खबर,  Housing Board
90 प्रीमियम प्रॉपर्टी बेची गई
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Published : Mar 1, 2020, 7:27 PM IST

जयपुर. राजस्थान आवासन मंडल ने राजस्व बढ़ाने के लिए अपने आवासों को कम दरों पर बेचा, तो वहीं ऐसी प्रॉपर्टी जो मुख्य सड़क, कॉर्नर या व्यवसायिक क्षेत्र के बीच में हो, उन्हें प्रीमियम प्रॉपर्टी के रूप में चिन्हित करते हुए ऑक्शन किया. जिसका लाभ भी आवासन मंडल को मिला. मंडल ने महज 2 महीने में करीब 90 प्रॉपर्टी बेचकर 125 करोड़ का राजस्व अर्जित किया.

90 प्रीमियम प्रॉपर्टी बेची गई

दरअसल, बोर्ड ने प्राइम लोकेशन वाली संपत्तियों का अलग से बेचान किया, ऐसी प्रॉपर्टी को अलॉटमेंट और ओपन काउंटर के बजाय ऑक्शन किया. इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि आम संपत्ति से अलग इन प्रॉपर्टी को प्रीमियम प्रॉपर्टी के तौर पर चिन्हित किया गया. इसके पीछे सोच रखी कि ऐसी प्रॉपर्टी का विज्ञापन केवल एक ही बार निकलना चाहिए.

पढ़ेंःबिजली की बढ़ी हुई दरों के खिलाफ वामपंथी दलों की हड़ताल 5वें दिन भी जारी, जयपुर कूच करने की तैयारी

हाउसिंग बोर्ड की कमर्शियल प्रॉपर्टी को लेकर भी आम जनता में आवासों जैसा ही रुझान देखने को मिला. यही वजह रही कि प्रताप नगर में एक किओस्क के लिए 11 लाख 51 हजार प्रति वर्ग मीटर की दर से बोली लगी, जो रिकॉर्ड बना. वहीं आतिश मार्केट में बने शोरूम 3 लाख 11 हजार प्रति वर्ग मीटर की दर से बिके। बोर्ड ने इन प्रीमियम प्रॉपर्टी में कमर्शियल प्रॉपर्टी के अलावा कुछ मकानों को भी शामिल किया था.

जयपुर. राजस्थान आवासन मंडल ने राजस्व बढ़ाने के लिए अपने आवासों को कम दरों पर बेचा, तो वहीं ऐसी प्रॉपर्टी जो मुख्य सड़क, कॉर्नर या व्यवसायिक क्षेत्र के बीच में हो, उन्हें प्रीमियम प्रॉपर्टी के रूप में चिन्हित करते हुए ऑक्शन किया. जिसका लाभ भी आवासन मंडल को मिला. मंडल ने महज 2 महीने में करीब 90 प्रॉपर्टी बेचकर 125 करोड़ का राजस्व अर्जित किया.

90 प्रीमियम प्रॉपर्टी बेची गई

दरअसल, बोर्ड ने प्राइम लोकेशन वाली संपत्तियों का अलग से बेचान किया, ऐसी प्रॉपर्टी को अलॉटमेंट और ओपन काउंटर के बजाय ऑक्शन किया. इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि आम संपत्ति से अलग इन प्रॉपर्टी को प्रीमियम प्रॉपर्टी के तौर पर चिन्हित किया गया. इसके पीछे सोच रखी कि ऐसी प्रॉपर्टी का विज्ञापन केवल एक ही बार निकलना चाहिए.

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हाउसिंग बोर्ड की कमर्शियल प्रॉपर्टी को लेकर भी आम जनता में आवासों जैसा ही रुझान देखने को मिला. यही वजह रही कि प्रताप नगर में एक किओस्क के लिए 11 लाख 51 हजार प्रति वर्ग मीटर की दर से बोली लगी, जो रिकॉर्ड बना. वहीं आतिश मार्केट में बने शोरूम 3 लाख 11 हजार प्रति वर्ग मीटर की दर से बिके। बोर्ड ने इन प्रीमियम प्रॉपर्टी में कमर्शियल प्रॉपर्टी के अलावा कुछ मकानों को भी शामिल किया था.

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