जयपुर. राज्यसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में सियासत अपने चरम पर है. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी को जमकर निशाने पर लिया. पांडे ने कहा कि राजस्थान के सभी विधायकों को इसलिए इकट्ठा करना पड़ा क्योंकि मोदी-शाह और भाजपा बिना किसी शर्म को लोकतंत्र का चीरहरण करने में लगे हैं.
यह भी पढ़ेंः चावल की आड़ में शराब तस्करी का भंडाफोड़...एक करोड़ की शराब जब्त, दो गिरफ्तार
इस दौरान अविनाश पांडे ने कहा कि संख्या बल के आधार पर कांग्रेस को 2 सीट पर जीत मिलनी थी. इस लिए कांग्रेस ने अपने दो उम्मीदवारों को उतारा. लेकिन, बीजेपी को संख्या बल के आधार पर एक सीट पर ही जीत मिलने थी, इसके बावजूद भी बीजेपी ने दो उम्मीदवार उतारे क्यों? इससे साफ जाहिर होता है कि मोदी-शाह और भाजपा मिलकर राजस्थान में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना चाहते थे.
यह भी पढ़ेंः बीकानेर में प्रेम-प्रसंग के कारण युवक की पीट-पीटकर हत्या
पांडे ने कहा कि हम चाहते थे कि निर्विरोध चुनाव हो. लेकिन, बीजेपी सरकार को अस्थिर करने में लगी है, जैसे उसने मध्यप्रदेश में किया वही हाल राजस्थान में भी करना चाह रही थी, जिससे लोकतंत्र का एक बार और मजाक उड़ा जा सके. ऐसे में राजस्थान में ये निर्णय लिया गया की सभी एक जगह इकट्ठा रहें.
19 जून के बाद आ सकता है सच सामने!
वहीं उन्होंने कहा कि जो शिकायत मुख्य सचेतक महेश जोशी ने की है उसके प्रूफ एआईसीसी को भी भिजवाए गए हैं, उन्होंने यह भी कहा कि एजेंसियों की जांच अभी आ रही है और संभवत 19 के बाद इसका सच भी सामने आ जाएगा कौन इसमें शामिल है. हालांकि उन्होंने इसमें कांग्रेस विधायकों के शामिल होने की बात पर कोई सवाल जवाब नहीं दिया.
रमेश मीणा हमारे साथ
वहीं उन्होंने रमेश मीणा के 'बाड़ाबंदी' में नहीं आने को लेकर कहा कि उनके नही आने के व्यक्तिगत कारण हैं, इससे राजनीति का कोई संबंध नहीं है. वह पार्टी के लगातार संपर्क में हैं. उनके साथ लगातार बातचीत हो रही है और राज्यसभा चुनाव में वह हमारे साथ हैं, इसमें किसी तरीके की कोई चिंता नहीं है.
भरत सिंह ने दिया पॉजिटिव सुझाव
वहीं भरत सिंह के पत्र को लेकर उन्होंने कहा कि उनका पत्र एक पॉजिटिव सुझाव के साथ आया है. हर विधायक की अपेक्षा होती है कि राज्यसभा में जो चुनकर जाए वह प्रदेश और उनके क्षेत्र का ध्यान रखें. उनके पत्र का स्वागत किया जाता है.
हमें मिला 118 विधायकों का साथ
उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव में हारने के कारण राजनीतिक और अन्य हो सकते हैं लेकिन पार्टी की एकता को लेकर कोई सवाल खड़ा नहीं किया जा सकता. पांडे ने कहा कि अभी बाराबंदी में करीब 118 विधायक हैं, कुछ विधायक कांग्रेस पार्टी की सहमति को लेकर बीमार होने के चलते नहीं आ पा रहे हैं.