जयपुर. रीट 2021 परीक्षा के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश में 3 हजार 993 परीक्षा केंद्र बनाए हैं. रीट की दोनों स्तर की परीक्षा में 25 लाख 35 हजार 542 अभ्यर्थी प्रविष्ट होंगे. इन अभ्यर्थियों को इन्दिरा रसोइयों के माध्यम से निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने के लिए संचालकों और नगरीय निकायों को आदेश जारी किए गए थे.
साथ ही इन्दिरा रसोई पोर्टल पर 24 सितंबर से 27 सितंबर तक भोजन थाली की क्षमता असीमित रखने के लिए भी निर्देशित किया गया था. हालांकि इस व्यवस्था का रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत रेलवे स्टेशन के नजदीक बनी इंदिरा रसोई में पहुंचा, तो वहां सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ती हुई दिखी. यहां अभ्यर्थियों से भोजन का शुल्क लिया जा रहा था.
इस संबंध में जब रसोई संचालक से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार ने भोजन निशुल्क वितरित करने का आदेश दिया था, लेकिन अक्षय पात्र ट्रस्ट की ओर से केवल 26 सितंबर को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. संचालक ने स्पष्ट किया कि ट्रस्ट ने कहा है कि जब तक ट्रस्ट आदेश नहीं देगा, तब तक निशुल्क भोजन न दिया जाए.
शनिवार को यहां एक पारी में तकरीबन 150 से ज्यादा अभ्यर्थी पहुंचे. लेकिन सभी से भोजन के 8 वसूले गए. यही व्यवस्था शुक्रवार यानी 24 सितंबर को भी रही. इंदिरा रसोई पर मौजूद प्रदेश के अलग-अलग जिलों और प्रदेश के बाहर से भी आए कुछ अभ्यर्थियों से ईटीवी भारत ने बात की. उन्होंने बताया कि रीट भर्ती परीक्षा को लेकर राज्य सरकार की व्यवस्थाओं से संबंधित जानकारी और इंदिरा रसोई पर निशुल्क भोजन की व्यवस्था की सूचना उन्हें मिली थी. लेकिन यहां ऐसी व्यवस्था देखने को नहीं मिली.
हालांकि विभागीय आदेशों में इंदिरा रसोई पर निशुल्क भोजन व्यवस्था में किसी प्रकार की कोताही बरतने पर नगरीय निकायों/ इन्दिरा रसोइयों के संचालकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी. लेकिन 24 और 25 सितंबर को निशुल्क भोजन नहीं मिलने से जहां अभ्यर्थियों को मायूसी हाथ लगी. वहीं सरकारी आदेशों की पोल भी खुली. देखना होगा कि राज्य सरकार की चेतावनी के बाद भी वसूले गए शुल्क पर अब जिम्मेदारों पर किस तरह की कार्रवाई की जाती है.