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ट्रंप की तरह मोदी सरकार की भी हेकड़ी निकाल देगी जनता, इस बार तो किसानों से पंगा ले लिया है : अशोक गहलोत - rajasthan congress

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस की तरफ से आयोजित धरने में शामिल हुए. गहलोत ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा "जनता ट्रंप सरकार की तरह मोदी सरकार की भी हेकड़ी निकाल देगी. केंद्र सरकार संवेदनहीन, निक्कमा और नाकारा है. इस बार इन लोगों ने किसानों से पंगा लिया है. किसानों को कोई भड़का नहीं रहा है, वे समझदार हैं".

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अशोक गहलोत का मोदी सरकार पर हमला
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Published : Jan 3, 2021, 10:11 PM IST

जयपुर. कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर कांग्रेस ने धरना दिया. धरने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हुए. गहलोत ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. गहलोत ने मोदी सरकार को संवेदनहीन, निक्कमा और नाकारा करार दिया. सीएम ने कहा कि कड़ाके की सर्दी में किसानों के धरने को 39 दिन हो गए और इस दौरान 34 किसानों की मौत हो गई लेकिन केन्द्र सरकार की संवेदनहीन की पराकाष्ठा हैं कि किसान थक जाएंगे और मुद्दा समाप्त हो जाएगा. उन्होंने किसानों को समझदार बताते हुए कहा कि वे शांतिपूर्वक एवं भाईचारे के साथ आंदोलन कर रहे हैं और किसानों के साथ देश के साढ़े छह लाख गांवों में बैठे लोगों की भावना हैं.

अशोक गहलोत का मोदी सरकार पर हमला

मोदी सरकार की हेकड़ी निकाल देगी जनता

मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्त आने पर मोदी-शाह की गलतफहमी दूर हो जाएगी और उन्हें लेने के देने पड़ जाएंगे. जिस तरह अमरीका के लोगों ने ट्रंप की धज्जियां उड़ाई हैं, उसी तरह एक दिन देश की जनता मोदी सरकार की धज्जियां उड़ाकर हेकड़ी निकाल देगी. सीएम ने कहा कि केन्द्र सरकार को पूरे किसानों की किस्मत का फैसला करने का अधिकार नहीं है. सीएम ने मोदी सरकार को फांसीवादी सरकार बताते हुए कहा कि यह सरकार देश को बर्बाद करना चाहती है. उन्हें अंहकार है और वह लोगों से ताली और थाली बजवाते हैं. वे देश का भी बैंड बजा देंगे.

पढे़ं: किसान आंदोलन: हरियाणा पुलिस ने धारूहेड़ा में किसानों पर किया लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े

देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं

सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार में बैठे लोग और भाजपा का लोकतंत्र में यकीन नहीं हैं और तानाशाह की प्रवृत्ति रखते हैं. ये लोग इस देश को हिंदू राष्ट्र की ओर ले जाना चाहते हैं जो कि संभव नहीं है. ये देश को बर्बाद कर रहे हैं और हिन्दू और मुसलमान में बांटने का काम कर रहे हैं. इनकी नीयत ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने से लेकर अब तक कांग्रेस ने अहम भूमिका निभाई हैं. कांग्रेस के लोगों ने देश की आजादी और एकता अखंडता के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी है.

अंग्रेजों के मुखबिर हमसे 70 साल का हिसाब मांग रहे हैं

गहलोत ने कहा कि जो लोग आजादी की जंग में अंग्रेजों के मुखबिर बने हुए थे वो लोग आज कांग्रेस से 70 सालों का हिसाब मांग रहे हैं. सीएम ने कहा कि इस बार इन लोगों ने किसानों से पंगा लिया है. किसानों को कोई भड़का नहीं रहा है, वे समझदार हैं. हालात गंभीर हैं, इसलिए कांग्रेस किसानों को संदेश देना चाहती है कि देश, प्रदेश एवं कांग्रेस का प्रत्येक कार्यकर्ता उनके संघर्ष के साथ एकजुट है. उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ी तो किसान आंदोलन के समर्थन में वे बॉर्डर पर भी आ जाएंगे.

जांच एजेंसिंयों का दुरुपयोग

अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा के लोगों का न्यायपालिका पर भी कब्जा है. ईडी, सीबीआई पर भी इनका कब्जा है. कब, कहां, किसके यहां छापा मारना है इसके लिए पीएमओ और गृह मंत्रालय से फोन किए जाते हैं.

चार घंटे तक चला धरना

किसानों के समर्थन और कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस की ओर से आयोजित धरने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट सहित 85 विधायक जुटे. धरने में सरकार को समर्थन दे रहे कई निर्दलीय विधायक भी नजर आए. जयपुर के शहीद स्मारक पर सुबह 11.30 बजे से शाम चार बजे तक चले धरने में मंत्री-विधायकों ने मोदी सरकार को जमकर कोसा और इन कानूनों को काले कानून करार देते हुए वापस लेने की मांग की.

पढ़ें: जयपुर शहर भाजपा संगठन में बढ़ सकते हैं पद, प्रदेश नेतृत्व से हरी झंडी का इंतजार

हालांकि प्रदेश कांग्रेस के धरने का एक रोचक पहलू ये भी रहा है कि सियासी संकट से उबरने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट एक मंच पर नजर आए. धरने के दौरान दोनों के बीच एक बार भी संवाद नहीं हुआ. कांग्रेस के धरने में बड़ी संख्या में किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जुटने के चलते सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं हो पाई.

प्रधानमंत्री मोदी चंद उद्योगपतियों के वजीर

धरने को संबोधित करते हुए पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी फकीर नहीं बल्कि वो चंद उद्योगपतियों के वज़ीर हैं. मोदी सरकार और भाजपा केवल हिंदू-मुस्लिम करती है, सेना के शौर्य की आड़ में राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून लेकर आई, किसान इसके विरोध में खडे़ हुए, पूरी कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में इस कानून के विरोध में उतरी और केंद्र सरकार को ये कानून वापस लेना पड़ा. अबकी बार भी मोदी सरकार अपने काले कानून लेकर आई है. पीसीसी चीफ ने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों से किसानों का क्या फायदा होने वाला है, ये मोदी सरकार नहीं बता रही है.

किसानों के लिए बाड़ाबंदी में रहने को तैयार

धरने को संबोधित करते हुए निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि ये सही है कि देश की 38 फीसदी लोगों ने भाजपा वोट दिया 300 से ज्यादा सीटें दी है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं होता कि सरकार मनमानी करे, मनमाने कानून बनाए. संयम लोढ़ा ने कहा कि हम पहले भी सरकार बचाने के लिए 35 दिन बाड़ाबंदी में रहे हैं तो अब किसानों के लिए फिर से बाड़ाबंदी में रहने को तैयार हैं.

किसान मर सकता है झुक नहीं सकता

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि किसान मर सकता है लेकिन झुक नहीं सकता. प्रताप सिंह ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार के 6 साल का कार्यकाल है तो दूसरी तरफ गहलोत सरकार का दो साल का कार्यकाल है, हमने ज्यादा काम किया है हमने किसी की हाय नहीं ली, गुर्जर आंदोलन हुआ हमारी सरकार ने बातचीत से हल निकाला. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार किसानों से बातचीत करने की बजाए उन्हें धमकाने का काम रही है, किसान आंदोलन स्थल पर पुलिस और बीएसएफ पटक रखी है.

जयपुर. कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर कांग्रेस ने धरना दिया. धरने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हुए. गहलोत ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. गहलोत ने मोदी सरकार को संवेदनहीन, निक्कमा और नाकारा करार दिया. सीएम ने कहा कि कड़ाके की सर्दी में किसानों के धरने को 39 दिन हो गए और इस दौरान 34 किसानों की मौत हो गई लेकिन केन्द्र सरकार की संवेदनहीन की पराकाष्ठा हैं कि किसान थक जाएंगे और मुद्दा समाप्त हो जाएगा. उन्होंने किसानों को समझदार बताते हुए कहा कि वे शांतिपूर्वक एवं भाईचारे के साथ आंदोलन कर रहे हैं और किसानों के साथ देश के साढ़े छह लाख गांवों में बैठे लोगों की भावना हैं.

अशोक गहलोत का मोदी सरकार पर हमला

मोदी सरकार की हेकड़ी निकाल देगी जनता

मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्त आने पर मोदी-शाह की गलतफहमी दूर हो जाएगी और उन्हें लेने के देने पड़ जाएंगे. जिस तरह अमरीका के लोगों ने ट्रंप की धज्जियां उड़ाई हैं, उसी तरह एक दिन देश की जनता मोदी सरकार की धज्जियां उड़ाकर हेकड़ी निकाल देगी. सीएम ने कहा कि केन्द्र सरकार को पूरे किसानों की किस्मत का फैसला करने का अधिकार नहीं है. सीएम ने मोदी सरकार को फांसीवादी सरकार बताते हुए कहा कि यह सरकार देश को बर्बाद करना चाहती है. उन्हें अंहकार है और वह लोगों से ताली और थाली बजवाते हैं. वे देश का भी बैंड बजा देंगे.

पढे़ं: किसान आंदोलन: हरियाणा पुलिस ने धारूहेड़ा में किसानों पर किया लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े

देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं

सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार में बैठे लोग और भाजपा का लोकतंत्र में यकीन नहीं हैं और तानाशाह की प्रवृत्ति रखते हैं. ये लोग इस देश को हिंदू राष्ट्र की ओर ले जाना चाहते हैं जो कि संभव नहीं है. ये देश को बर्बाद कर रहे हैं और हिन्दू और मुसलमान में बांटने का काम कर रहे हैं. इनकी नीयत ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने से लेकर अब तक कांग्रेस ने अहम भूमिका निभाई हैं. कांग्रेस के लोगों ने देश की आजादी और एकता अखंडता के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी है.

अंग्रेजों के मुखबिर हमसे 70 साल का हिसाब मांग रहे हैं

गहलोत ने कहा कि जो लोग आजादी की जंग में अंग्रेजों के मुखबिर बने हुए थे वो लोग आज कांग्रेस से 70 सालों का हिसाब मांग रहे हैं. सीएम ने कहा कि इस बार इन लोगों ने किसानों से पंगा लिया है. किसानों को कोई भड़का नहीं रहा है, वे समझदार हैं. हालात गंभीर हैं, इसलिए कांग्रेस किसानों को संदेश देना चाहती है कि देश, प्रदेश एवं कांग्रेस का प्रत्येक कार्यकर्ता उनके संघर्ष के साथ एकजुट है. उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ी तो किसान आंदोलन के समर्थन में वे बॉर्डर पर भी आ जाएंगे.

जांच एजेंसिंयों का दुरुपयोग

अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा के लोगों का न्यायपालिका पर भी कब्जा है. ईडी, सीबीआई पर भी इनका कब्जा है. कब, कहां, किसके यहां छापा मारना है इसके लिए पीएमओ और गृह मंत्रालय से फोन किए जाते हैं.

चार घंटे तक चला धरना

किसानों के समर्थन और कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस की ओर से आयोजित धरने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट सहित 85 विधायक जुटे. धरने में सरकार को समर्थन दे रहे कई निर्दलीय विधायक भी नजर आए. जयपुर के शहीद स्मारक पर सुबह 11.30 बजे से शाम चार बजे तक चले धरने में मंत्री-विधायकों ने मोदी सरकार को जमकर कोसा और इन कानूनों को काले कानून करार देते हुए वापस लेने की मांग की.

पढ़ें: जयपुर शहर भाजपा संगठन में बढ़ सकते हैं पद, प्रदेश नेतृत्व से हरी झंडी का इंतजार

हालांकि प्रदेश कांग्रेस के धरने का एक रोचक पहलू ये भी रहा है कि सियासी संकट से उबरने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट एक मंच पर नजर आए. धरने के दौरान दोनों के बीच एक बार भी संवाद नहीं हुआ. कांग्रेस के धरने में बड़ी संख्या में किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के जुटने के चलते सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं हो पाई.

प्रधानमंत्री मोदी चंद उद्योगपतियों के वजीर

धरने को संबोधित करते हुए पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी फकीर नहीं बल्कि वो चंद उद्योगपतियों के वज़ीर हैं. मोदी सरकार और भाजपा केवल हिंदू-मुस्लिम करती है, सेना के शौर्य की आड़ में राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून लेकर आई, किसान इसके विरोध में खडे़ हुए, पूरी कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में इस कानून के विरोध में उतरी और केंद्र सरकार को ये कानून वापस लेना पड़ा. अबकी बार भी मोदी सरकार अपने काले कानून लेकर आई है. पीसीसी चीफ ने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों से किसानों का क्या फायदा होने वाला है, ये मोदी सरकार नहीं बता रही है.

किसानों के लिए बाड़ाबंदी में रहने को तैयार

धरने को संबोधित करते हुए निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि ये सही है कि देश की 38 फीसदी लोगों ने भाजपा वोट दिया 300 से ज्यादा सीटें दी है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं होता कि सरकार मनमानी करे, मनमाने कानून बनाए. संयम लोढ़ा ने कहा कि हम पहले भी सरकार बचाने के लिए 35 दिन बाड़ाबंदी में रहे हैं तो अब किसानों के लिए फिर से बाड़ाबंदी में रहने को तैयार हैं.

किसान मर सकता है झुक नहीं सकता

परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि किसान मर सकता है लेकिन झुक नहीं सकता. प्रताप सिंह ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार के 6 साल का कार्यकाल है तो दूसरी तरफ गहलोत सरकार का दो साल का कार्यकाल है, हमने ज्यादा काम किया है हमने किसी की हाय नहीं ली, गुर्जर आंदोलन हुआ हमारी सरकार ने बातचीत से हल निकाला. लेकिन केंद्र की मोदी सरकार किसानों से बातचीत करने की बजाए उन्हें धमकाने का काम रही है, किसान आंदोलन स्थल पर पुलिस और बीएसएफ पटक रखी है.

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