जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यों तथा छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और पंजाब से सांसद डॉ. अमर सिंह के साथ लगभग 3 घंटे समीक्षा बैठक चली. इस बैठक में गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार जन घोषणा-पत्र को सरकार के नीतिगत दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने के बाद इसमें किए गए वायदों के प्रति सजग है. इनको लागू करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि 501 घोषणाओं में से 252 को पूरा कर दिया गया है साथ ही घोषणा पत्र के अतिरिक्त भी समय-समय पर कई नए कार्यक्रमों एवं योजनाओं को अमलीजामा पहनाया गया.
उचित दाम पर बजरी उपलब्ध कराने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध
गहलोत ने कहा कि घोषणा पत्र के 173 वादे प्रक्रियाधीन हैं. कोविड-19 महामारी के कारण कुछ कार्यों की प्रगति पर आंशिक असर पड़ा है लेकिन विषम आर्थिक स्थितियों के बावजूद राज्य सरकार सभी घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के कार्य को भी प्राथमिकता देने की बात कही. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बजरी के खनन पर रोक से उत्पन्न समस्या को दूर करने तथा आमजन को उचित दाम पर बजरी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. इसी प्रकरण के जल्द निस्तारण के क्रम में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अति. मुख्य सचिव खान विभाग को दिल्ली भेजा गया है.
गहलोत मंत्रिमंडल के सदस्यों ने अपने-अपने विभाग की प्रगति रिपोर्ट पेश की
बैठक में ऊर्जा एवं जलदाय मंत्री बी.डी. कल्ला, कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ममता भूपेश, तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने जन घोषणा पत्र में शामिल अपने-अपने विभागों से सम्बन्धित बिन्दुओं पर प्रगति से अवगत कराया. छत्तीसगढ़ केे गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने गहलोत की प्रशासनिक क्षमताओं और कार्य योजनाओं की सराहना की.
'गहलोत से देश के सबसे अनुभवी मुख्यमंत्री'
साहू ने कहा कि जन घोषणा पत्र राज्य सरकार का नीतिगत दस्तावेज है. पूर्व के अपने दो कार्यकाल में भी गहलोत ने घोषणा पत्र को सरकार की कार्य योजना का हिस्सा बनाया था, जो वायदों को पूरा करने की उनकी मंशा को दर्शाता है. उन्होंने जनता से किए गए वायदों की क्रियान्विति की नियमित समीक्षा और इसकी उपलब्धियों को निचले स्तर तक पहुंचाने का सुझाव दिया. पंजाब के सांसद डॉ. अमर सिंह ने गहलोत को देश का सबसे अनुभवी मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उन्होंने मुफ्त दवा जैसी योजना शुरू की, जिसकी व्यापक चर्चा देश के दूसरे राज्यों में भी हुई. उन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धियों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास करने पर जोर दिया.