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बिल का मामला है : बिजली बिल पर CM का फोटो, किसान मित्र योजना का प्रचार...भाजपा ने कहा- सरकार को ले डूबेगा प्रचार

राजस्थान में जो बिजली बिल दिए जा रहे हैं, अब उनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और किसान मित्र योजना (Kisan Mitra Scheme Rajasthan) का विज्ञापन चस्पा है. बिजली के बिल में किसानों को हर माह 1000 और सालाना 12000 रुपये के अनुदान का ब्यौरा है. सरकार का मकसद किसान बिजली अनुदान का प्रचार करना है. भाजपा ने इस पर तंज कसा है.

बिजली बिल पर सीएम की फोटो किसान मित्र योजना
बिजली बिल पर सीएम की फोटो किसान मित्र योजना
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Published : Sep 7, 2021, 3:25 PM IST

जयपुर. राजस्थान में बिजली के संकट से उबरने में सरकार के पसीने निकल गए. बिजली के बढ़े हुए बिल भी आम उपभोक्ताओं को करंट मार रहे हैं. लेकिन इस बीच किसानों के लिए शुरू की गई किसान मित्र योजना के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश सरकार ने बिजली के बिल को ही माध्यम बनाया है.

आम उपभोक्ताओं के घर पहुंचने वाले बिजली के बिल के पीछे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की फोटो के साथ किसान मित्र योजना (Kisan Mitra Scheme Rajasthan) का विज्ञापन प्रकाशित है. मकसद यही है कि राज्य सरकार किसानों को बिजली के बिल पर मासिक 1000 और सालाना 12000 रुपये का अनुदान दे रही है, यह जानकारी आम लोगों तक पहुंचे. लेकिन इसी प्रचार-प्रसार में अब राजनीतिक पेंच फंस गया है.

पढ़ें- CM गहलोत का बड़ा फैसला : बिजली बिल पर किसानों को हर महीने 1 हजार रुपये का अनुदान देगी सरकार

इस मसले पर राजस्थान भाजपा का कहना है कि जिस नफे को लेकर बिजली के बिल (electricity bill) के पीछे यह प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, वहीं प्रचार प्रदेश सरकार को ले डूबेगा. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Kataria ) ने कहा कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में किसानों को 800 रुपये से ज्यादा हर माह अनुदान दिया जा रहा था. यह अनुदान सीधे बिजली के बिल से काटकर दिया जा रहा था.

कटारिया ने कहा कि मौजूदा सरकार ने उस अनुदान को 2 साल के लिए बंद कर दिया. अब किसान मित्र योजना के जरिये सालाना एक हजार और वार्षिक 12 हजार का अनुदान दिया जा रहा है. लेकिन 2 साल तक किसानों को अनुदान से वंचित रखने का जवाब कौन देगा. कटारिया ने कहा कि आज देश में सबसे महंगी बिजली राजस्थान के उपभोक्ताओं को दी जा रही है. जब उपभोक्ता के पास बिजली का बिल आता है तो नीचे दिए गए आंकड़ों पर नजर जाते ही उसे भी करंट लगता है. ऐसे में सरकार बिजली के बिल के जरिये जो प्रचार कर रही है, वही उसे ले डूबेगा.

जयपुर. राजस्थान में बिजली के संकट से उबरने में सरकार के पसीने निकल गए. बिजली के बढ़े हुए बिल भी आम उपभोक्ताओं को करंट मार रहे हैं. लेकिन इस बीच किसानों के लिए शुरू की गई किसान मित्र योजना के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश सरकार ने बिजली के बिल को ही माध्यम बनाया है.

आम उपभोक्ताओं के घर पहुंचने वाले बिजली के बिल के पीछे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की फोटो के साथ किसान मित्र योजना (Kisan Mitra Scheme Rajasthan) का विज्ञापन प्रकाशित है. मकसद यही है कि राज्य सरकार किसानों को बिजली के बिल पर मासिक 1000 और सालाना 12000 रुपये का अनुदान दे रही है, यह जानकारी आम लोगों तक पहुंचे. लेकिन इसी प्रचार-प्रसार में अब राजनीतिक पेंच फंस गया है.

पढ़ें- CM गहलोत का बड़ा फैसला : बिजली बिल पर किसानों को हर महीने 1 हजार रुपये का अनुदान देगी सरकार

इस मसले पर राजस्थान भाजपा का कहना है कि जिस नफे को लेकर बिजली के बिल (electricity bill) के पीछे यह प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, वहीं प्रचार प्रदेश सरकार को ले डूबेगा. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Kataria ) ने कहा कि पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में किसानों को 800 रुपये से ज्यादा हर माह अनुदान दिया जा रहा था. यह अनुदान सीधे बिजली के बिल से काटकर दिया जा रहा था.

कटारिया ने कहा कि मौजूदा सरकार ने उस अनुदान को 2 साल के लिए बंद कर दिया. अब किसान मित्र योजना के जरिये सालाना एक हजार और वार्षिक 12 हजार का अनुदान दिया जा रहा है. लेकिन 2 साल तक किसानों को अनुदान से वंचित रखने का जवाब कौन देगा. कटारिया ने कहा कि आज देश में सबसे महंगी बिजली राजस्थान के उपभोक्ताओं को दी जा रही है. जब उपभोक्ता के पास बिजली का बिल आता है तो नीचे दिए गए आंकड़ों पर नजर जाते ही उसे भी करंट लगता है. ऐसे में सरकार बिजली के बिल के जरिये जो प्रचार कर रही है, वही उसे ले डूबेगा.

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