जयपुर. छत्तीसगढ़ में राजस्थान की कोयला माइनिंग से जुड़ा विवाद जल्द ही सुलझने की आशा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज दिल्ली दौरे पर हैं और इस दौरान वे पार्टी आलाकमान सहित कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान उनकी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी चर्चा होगी. ऐसे में राजस्थान का छत्तीसगढ़ में फेज टू में कोयला माइनिंग का अटका हुआ काम फिर शुरू हो पाने की संभावना (Coal mining issue between Rajasthan and Chhattisgarh) है.
बताया जा रहा है गहलोत दिल्ली में 12 तुगलक लेन में मौजूद राहुल गांधी के आवास पर पहुंचे. उन्होंने प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से राजस्थान में सरकार और संगठन से जुड़े कई विषयों पर चर्चा की. अशोक गहलोत दिल्ली एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गए थे और देर शाम तक उनके जयपुर पहुंचने का कार्यक्रम है. गहलोत का सोनिया गांधी से मुलाकात करने का कार्यक्रम प्रस्तावित बताया जा रहा है.
मार्च के पहले सप्ताह तक का कोयला शेष,गर्मी बड़ी तो बिजली संकट तय: दरअसल छत्तीसगढ़ में राजस्थान के लिए पास मौजूदा खदान में मार्च के पहले सप्ताह तक का ही कोयला बचा है, जो 6 लाख टन है. जबकि दूसरी फेज की खदान का आवंटन और अन्य एनओसी प्रक्रिया केंद्र सरकार से मंजूरी के बाद पूरी कर दी गई थी, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक यहां खनन की अनुमति नहीं दी है. जिसके चलते राजस्थान की थर्मल आधारित बिजली इकाइयों में कोयले का संकट गहराने लगा है.
फरवरी माह का अंतिम समय चल रहा है और माना जा रहा है मार्च के पहले पखवाड़े से राजस्थान में गर्मी का सितम दिखने लगेगा, जिसके चलते बिजली की मांग और खपत बढ़ना तय है. राजस्थान में 3240 मेगावाट क्षमता के बिजलीघर है, जहां कोल इंडिया की सहायक कंपनियों से वर्तमान में कोयला पहुंच रहा है.