जयपुर. विश्व भर में कहर बरपा रहे कोरोना ने राजस्थान में कई परिवारों को उजाड़ दिया. पीड़ित परिवारों को आर्थिक सम्बल देने के लिए केंद्र सरकार ने कोरोना को आपदा मानते हुए इससे मौत होने पर मृतक के आश्रित को 50 हजार रुपए मुआवजा राशि का भुगतान आपदा विभाग की ओर से (Corona compensation from State Disaster Response Fund) जारी किए जाने का प्रावधान किया. यह राशि केंद्र और राज्य सरकार को 75:25 के अनुपात से देनी थी.
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को आपदा के तौर पर एडवांस राशि भी उपलब्ध करा दी. लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार ने अभी तक एक भी मृतक के परिवारजन को आर्थिक राशि उपलब्ध नहीं कराई है. राज्य सरकार के पास अब तक राजस्थान में कोरोना मौत का फाइनल आंकड़ा तक नहीं है.
DMIS में जोड़ा कोविड का कॉलम
प्रदेश की गहलोत सरकार ने कोरोना संक्रमण की वजह से जिनकी मौत हुई है, उनके परिवारजन को सरकार की ओर से मुआवजा राशि आसानी से मिले इसके लिए आपदा प्रबंधन विभाग की डीएमआईएस पोर्टल पर अलग से कॉलम जोड़ा है, ताकि कोई भी पीड़ित परिवार बिना किसी दफ्तर के चक्कर काटे आसानी से मुआवजा राशि के लिए आवेदन कर सके. सरकार ने यह सुविधा इसलिए शुरू की क्योंकि ऑफलाइन आवेदन सरकार के पास नहीं पहुंच पा रहे हैं. इसके लिए dmis.rajasthan.gov.in इस वेबसाइट पर मृतक के आश्रित सीधा आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें डेथ सर्टिफिकेट के साथ बैंक की डिटेल और आधार नंबर डालना होगा.
प्रचार-प्रसार की कमी या जानकारी का अभाव
कोरोना से मौत के मामलों में अभी तर राजस्थान में सिर्फ 595 आश्रितों के आवेदन आए हैं. ये आंकड़े भी 3-4 जिलों के ही हैं. 20 से ज्यादा जिलों में एक भी पीड़ित ने आवेदन (Application for corona death compensation) नहीं किया है, जबकि राजस्थान में कोरोना से मौत का आंकड़ा 10 हजार के करीब है. मेडिकल विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग को 8,955 ऐसे लोगों की सूची भी दे दी है जिनकी मौत कोरोना से हुई है. इन सब के पास मेडिकल विभाग का कोरोना डेथ सर्टिफिकेट है. मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए सिर्फ कोरोना से मौत का प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र और बैंक पासबुक की फोटोकॉपी जरूरी है.
लेकिन जानकारी के अभाव में ज्यादातर आश्रित अब तक मुआवजे के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं. आपदा पदाधिकारी बताते हैं कि मुआवजा की मांग के लिए अब तक 595 आवेदन ही आये हैं. यह मानते हैं कि जानकारी और प्रचार प्रसार के अभाव में मृतक के परिजन मुआवजा के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. जबकि आवेदन की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए विभाग की वेबसाइट पर भी कोविड का कॉलम जोड़ दिया है, ताकि आश्रित घर बैठे भी आवेदन कर सकते हैं.
कोरोना से मौत के मुआवजा भुगतान प्रक्रिया
कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद सिविल सर्जन संबंधित अंचलाधिकारी यानी सीओ को मौत की रिपोर्ट भेजी जाती है. संबंधित सीओ आपदा विभाग को इसकी सूचना देते हैं. मृतक के परिजन आपदा विभाग या संबंधित सीओ के यहां मुआवजा के लिए आवेदन जमा करते हैं. आवेदन के 24 घंटे के अंदर आपदा विभाग कागजी प्रक्रिया पूर्ण कर आश्रित को 50 हजार रुपए मुआवजा राशि जारी करेगा.
ये दस्तावेज देना होगा जरूरी
कोरोना पॉजिटिव की मौत होने पर मुआवजे के लिए आपदा विभाग या संबंधित सीओ के यहां आवेदन किया जाता है. आवेदन दोनों में से किसी भी एक स्थान पर किया जा सकता है. आवेदन के साथ कुछ दस्तावेज की आवश्यकता है. जिसमें कोरोना से मौत का प्रमाण-पत्र के अलावा आवासीय प्रमाण पत्र या आश्रित के पासबुक का फोटोकाॅपी शामिल है. आवेदन के 24 घंटे के अंदर मुआवजा राशि का भुगतान आपदा विभाग की ओर से किए जाने का प्रावधान है.
दुख की घड़ी में मदद का था प्रावधान
इन परिवारों को इस दुख की घड़ी में कुछ मदद मिल जाए इसको लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देकर बताया था कि कोरोना से मरने वालों के स्वजनों को 50-50 हजार की अनुग्रह राशि दी जाएगी. गृह मंत्रालय ने इसके लिए सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर पीड़ितों को स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (एसडीआरएफ) से मुआवजा जारी करने को कहा था. इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि देश में पहला संक्रमण का मामला सामने आने के बाद से ही यह आदेश जारी होगा. दुर्भाग्य की बात यह है कि अब तक प्रदेश में एक भी पीड़ित परिवार को यह राशि नहीं मिली है.
मुख्यमंत्री घेरते रहे मोदी सरकार को
24 नवम्बर 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की थी कि कोरोना संक्रमण से मौत की मुआवजा राशि को 50 हजार से बढ़ाकर 4 लाख की जाए. इससे पहले भी सीएम गहलोत केंद्र सरकार को मृतकों के मुआवजे को लेकर कटघरे में खड़ा करते रहे हैं.