जयपुर. बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के मामले में सभी पक्षों की बहस शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट में पूरी हो गई है. न्यायाधीश महेंद्र गोयल मदन दिलावर और बसपा पार्टी की याचिकाओं पर अपना फैसला 17 अगस्त को सुनाएंगे.
शुक्रवार को बहस के दौरान विधायकों की ओर से पक्ष रखा गया. विधायकों के अधिवक्ताओं का कहना था कि स्पीकर के समक्ष याचिकाकर्ताओं की कोई याचिका लंबित नहीं है. स्पीकर पूर्व में मदन दिलावर की याचिका को तकनीकी आधार पर खारिज कर चुके हैं. ऐसे में विधायकों के डिसक्वालीफिकेशन का इश्यू फिलहाल प्रीमैच्योर है. ऐसे में इस स्तर पर इसे हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती.
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इसके अलावा विधायकों की ओर से यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में काफी देरी से याचिका पेश की है. इसके अलावा बसपा पार्टी का पूरा विधायक दल कांग्रेस के विधायक दल में शामिल हो चुका है. ऐसे में इन पर दल-बदल की कार्रवाई नहीं हो सकती, तो वहीं हाईकोर्ट को भी इस सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है.
वहीं, बसपा का कहना था कि स्पीकर ने आनन-फानन में मदन दिलावर की याचिका को खारिज किया है. पार्टी की ओर से स्पीकर के समक्ष याचिका पेश नहीं की जा सकती, इसलिए उनकी ओर से सीधे हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई है. बसपा की ओर से यह भी कहा गया कि बसपा राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी है, जिसका विलय भी दूसरी पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर ही किया जा सकता है.
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बसपा के विधायक अपने स्तर पर पार्टी का विलय नहीं कर सकते. सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने अपना आदेश लिखना शुरू कर दिया है. अदालती समय पूरा होने के चलते कोर्ट अब मामले में 17 अगस्त को फैसला देगा. अदालत ने स्पीकर से आग्रह किया है कि वे विधायकों के दल-बदल को लेकर उनके समक्ष लंबित विजय सिंह की याचिका पर फिलहाल आदेश पारित ना करें.