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अपार्टमेंट में फ्लैट जिसका जमीन भी उसकी....जल्द लागू होगा अपार्टमेंट ओनरशिप बिल

फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में अब भूखंड को भी शामिल किया जाएगा. इसके लिए बिल्डर को 6 महीने के अंदर भूमि का मालिकाना हक फ्लैट खरीदार को देना होगा. बता दें कि प्रदेश में जल्द ही अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू होगा. जिसमें इन नियमों को लागू किया जाएगा. जिसके बाद अपार्टमेंट में जिसका फ्लैट होगा उसी की जमीन भी होगी.

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Published : Nov 6, 2019, 9:17 AM IST

जयपुर. नगरीय विकास विभाग प्रदेश में जल्द अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू करने जा रहा है. जिसके चलते अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में अब भूखंड को भी शामिल किया जाएगा. बता दें कि अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को उनका हक दिलाने के लिए साल 2003 में बीजेपी सरकार ने अपार्टमेंट ओनरशिप बिल का प्रारूप तैयार किया था.

प्रदेश में जल्द अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू होगा

जिसके बाद कई बार राज्य सरकार ने इसे केंद्र को भेजा, लेकिन हर बार बिल में सुधार की बात कहकर इसे वापस लौटा दिया गया. हालांकि अप्रैल 2018 में जब प्रदेश सरकार ने इस बिल को केंद्र सरकार के पास भेजा, तो उसका जवाब पॉजिटिव आया. इसी साल 3 जुलाई को राष्ट्रपति की ओर से इस बिल को मंजूरी दे दी गई. जिसके 3 महीने बाद अब जाकर राज्य सरकार इस बिल के तहत नियम बनाने को लेकर चेती है.

इस संबंध में बीते दिनों नगरीय विकास विभाग की मीटिंग भी हुई. और अब 1 महीने के अंदर इसके प्रावधान तय कर लागू किये जाने की बात की जा रही है. इस संबंध में चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय ने बताया कि इस बिल के लागू होने से राज्य के लाखों फ्लैट धारकों का जमीन पर भी मालिकाना हक होगा. इस संबंध में 10 नवंबर तक प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा. इसके बाद विभाग आपत्ति मांगेगा.

उन्होंने बताया कि आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद 30 नवंबर तक राज्य में अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू कर दिया जाएगा. जिसके तहत फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में भूखंड को भी शामिल किया जाएगा. इसके लिए बिल्डर के पास 6 महीने का समय होगा. जिसमें उसे फ्लैट खरीदार को भूमि का मालिकाना हक देना होगा. इसके अलावा अपार्टमेंट में रहने वाले लोग एक रेजिडेंट एसोसिएशन बनाएंगे, जो बिल्डर के साथ मेंटेनेंस की व्यवस्था को लेकर प्रावधान तय करेगा.

यह भी पढ़ें : सावधान! 2030 तक उत्सर्जित गैसों से 20 सेमी बढ़ जाएगा समुद्री जलस्तर

अब तक बिल्डर फ्लैट खरीदार के नाम पर रजिस्ट्री कराता रहा है. लेकिन रजिस्ट्री को स्वामित्व का आधार नहीं माना जाता. ऐसे में अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू होने के बाद बिल्डर्स को फ्लैट खरीदारों की लिस्ट जेडीए या निगम को सौंपनी होगी. उसी के आधार पर डीड ऑफ अपार्टमेंट जारी होगी. जिससे खरीदार को फ्लैट के साथ-साथ बिल्डिंग की जमीन पर भी अनुपातिक हक मिलेगा.

जयपुर. नगरीय विकास विभाग प्रदेश में जल्द अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू करने जा रहा है. जिसके चलते अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में अब भूखंड को भी शामिल किया जाएगा. बता दें कि अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को उनका हक दिलाने के लिए साल 2003 में बीजेपी सरकार ने अपार्टमेंट ओनरशिप बिल का प्रारूप तैयार किया था.

प्रदेश में जल्द अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू होगा

जिसके बाद कई बार राज्य सरकार ने इसे केंद्र को भेजा, लेकिन हर बार बिल में सुधार की बात कहकर इसे वापस लौटा दिया गया. हालांकि अप्रैल 2018 में जब प्रदेश सरकार ने इस बिल को केंद्र सरकार के पास भेजा, तो उसका जवाब पॉजिटिव आया. इसी साल 3 जुलाई को राष्ट्रपति की ओर से इस बिल को मंजूरी दे दी गई. जिसके 3 महीने बाद अब जाकर राज्य सरकार इस बिल के तहत नियम बनाने को लेकर चेती है.

इस संबंध में बीते दिनों नगरीय विकास विभाग की मीटिंग भी हुई. और अब 1 महीने के अंदर इसके प्रावधान तय कर लागू किये जाने की बात की जा रही है. इस संबंध में चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय ने बताया कि इस बिल के लागू होने से राज्य के लाखों फ्लैट धारकों का जमीन पर भी मालिकाना हक होगा. इस संबंध में 10 नवंबर तक प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा. इसके बाद विभाग आपत्ति मांगेगा.

उन्होंने बताया कि आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद 30 नवंबर तक राज्य में अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू कर दिया जाएगा. जिसके तहत फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में भूखंड को भी शामिल किया जाएगा. इसके लिए बिल्डर के पास 6 महीने का समय होगा. जिसमें उसे फ्लैट खरीदार को भूमि का मालिकाना हक देना होगा. इसके अलावा अपार्टमेंट में रहने वाले लोग एक रेजिडेंट एसोसिएशन बनाएंगे, जो बिल्डर के साथ मेंटेनेंस की व्यवस्था को लेकर प्रावधान तय करेगा.

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अब तक बिल्डर फ्लैट खरीदार के नाम पर रजिस्ट्री कराता रहा है. लेकिन रजिस्ट्री को स्वामित्व का आधार नहीं माना जाता. ऐसे में अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू होने के बाद बिल्डर्स को फ्लैट खरीदारों की लिस्ट जेडीए या निगम को सौंपनी होगी. उसी के आधार पर डीड ऑफ अपार्टमेंट जारी होगी. जिससे खरीदार को फ्लैट के साथ-साथ बिल्डिंग की जमीन पर भी अनुपातिक हक मिलेगा.

Intro:जयपुर - फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में अब भूखंड को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए बिल्डर को 6 महीने के अंदर भूमि का मालिकाना हक फ्लैट खरीदार को देना होगा। नगरीय विकास विभाग प्रदेश में जल्द अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू करने जा रहा है। जिसमें इन नियमों को लागू किया जाएगा। जिसके बाद अपार्टमेंट में जिसका फ्लैट होगा उसी की जमीन भी होगी।


Body:अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को उनका हक दिलाने के लिए साल 2003 में बीजेपी सरकार ने अपार्टमेंट ओनरशिप बिल का प्रारूप तैयार किया था। इसके बाद कई बार राज्य सरकार ने इसे केंद्र को भेजा, लेकिन हर बार बिल में सुधार की बात कहकर इसे वापस लौटा दिया गया। हालांकि अप्रैल 2018 में जब प्रदेश सरकार ने इस बिल को केंद्र सरकार के पास भेजा, तो उसका जवाब पॉजिटिव आया। इसी साल 3 जुलाई को राष्ट्रपति की ओर से इस बिल को मंजूरी दे दी गई। जिसके 3 महीने बाद अब जाकर राज्य सरकार इस बिल के तहत नियम बनाने को लेकर चेती है। इस संबंध में बीते दिनों नगरीय विकास विभाग की मीटिंग भी हुई। और अब 1 महीने के अंदर इसके प्रावधान तय कर लागू किये जाने की बात की जा रही है। इस संबंध में चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय ने बताया कि इस बिल के लागू होने से राज्य के लाखों फ्लैट धारकों का जमीन पर भी मालिकाना हक होगा। इस संबंध में 10 नवंबर तक प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा। इसके बाद विभाग आपत्ति मांगेगा। उन्होंने बताया की आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद 30 नवंबर तक राज्य में अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू कर दिया जाएगा। जिसके तहत फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री में भूखंड को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए बिल्डर के पास 6 महीने का समय होगा जिसमें उसे फ्लैट खरीदार को भूमि का मालिकाना हक देना होगा। इसके अलावा अपार्टमेंट में रहने वाले लोग एक रेजिडेंट एसोसिएशन बनाएंगे, जो बिल्डर के साथ मेंटेनेंस की व्यवस्था को लेकर प्रावधान तय करेगा।
बाईट - आरके विजयवर्गीय, चीफ टाउन प्लानर


Conclusion:अब तक बिल्डर फ्लैट खरीदार के नाम पर रजिस्ट्री कराता रहा है। लेकिन रजिस्ट्री को स्वामित्व का आधार नहीं माना जाता। ऐसे में अपार्टमेंट ओनरशिप बिल लागू होने के बाद बिल्डर्स को फ्लैट खरीदारों की लिस्ट जेडीए या निगम को सौंपनी होगी। उसी के आधार पर डीड ऑफ अपार्टमेंट जारी होगी। जिससे खरीदार को फ्लैट के साथ-साथ बिल्डिंग की जमीन पर भी अनुपातिक हक मिलेगा।
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