जयपुर. गहलोत सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए कई घोषणाएं की, लेकिन प्रदेश में सरकारी क्षेत्र की पांचों बिजली कंपनियों के कर्मचारियों को उसका लाभ नहीं मिल पाया. RGHS और OPS सहित कुछ योजनाओं में तो बिजली कर्मियों से सौतेला व्यवहार (Schemes for Employees in Rajasthan) तक किया जा रहा है. वहीं, कुछ घोषणाएं ऐसी रही जिसकी घोषणा से सरकार ने क्षणिक सियासी लाभ तो ले लिया, लेकिन 50 हजार बिजली कर्मचारी और उनका परिवार उसमें खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है.
यह हैं वो घोषणाएं और योजना, जिनके लाभ से बिजलीकर्मी रहे महरूम :
ओल्ड पेंशन स्कीम - प्रदेश सरकार में बजट में राज्य कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर एक बड़ा तोहफा दिया, लेकिन सरकारी क्षेत्र की पांचों बिजली कंपनियों में इस घोषणा को लागू अब तक नहीं किया जा सका है. सरकार ने घोषणा कर दी, लेकिन निर्णय कंपनियों से जुड़े आना अधिकारियों को लेना है और वो अब तक नहीं हो पाया है. इसी के चलते बिजली कर्मचारी लगातार आंदोलनरत हैं और सरकार से नाराज भी हैं.
कोरोना वॉरियर्स का तमगा, लेकिन घोषणा का लाभ नहीं - कोरोना कालखंड के दौरान सरकार ने चिकित्साकर्मी, पुलिसकर्मियों के साथ ही अति आवश्यक सेवा में लगे बिजली कर्मचारियों सहित कुछ श्रेणी के कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर्स मानते हुए कई बड़ी घोषणाएं कीं, जिसमें काम के दौरान कोरोना से मौत पर कर्मचारी के परिजनों को 50 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने की घोषणा शामिल है. कोराना कालखंड के दौरान पांचों बिजली कंपनियों में करीब 124 कर्मचारियों की मौत हुई, जिसकी फाइल भी इन कंपनियों से सरकार के स्तर तक घूमती रहीं. लेकिन इस आर्थिक सहायता का लाभ मृतक बिजली कर्मचारियों के परिवारों को आज तक नहीं मिला, जिससे बिजली कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष है.
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मंत्रालयिक कैडर में प्रमोशन - राज्य सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में मंत्रालयिक कैडर में प्रमोशन के लिए कई पोस्टें बढ़ा दीं और नीचे की पोस्ट काम कर दी. जिसके चलते एसओ, ओएस और यूडीसी पर सालों से लगे कर्मचारियों का प्रमोशन संभव हो पाया. सरकारी विभागों में तैनात कर्मचारियों को तो फायदा मिला, लेकिन सरकारी क्षेत्र की पांच बिजली कंपनियों के कर्मचारी इस घोषणा से अब तक महरूम हैं.
राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (RGHS) - प्रदेश में जयपुर अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम के साथ ही राज्य विद्युत उत्पादन निगम और प्रसारण निगम के कर्मचारियों को राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना का लाभ तो मिल रहा है, लेकिन उसमें पूरी तरह भेदभाव और सौतेला व्यवहार हो रहा है. इन कंपनियों में 1 जनवरी 2004 या उसके बाद लगे कर्मचारियों को आरजीएचएस योजना का लाभ मिल रहा है, लेकिन आधा अधूरा. अन्य सरकारी विभागों के राज्य कर्मचारियों को इस योजना में इनडोर और आउटडोर का अनलिमिटेड हेल्थ कवर मिलता है, लेकिन बिजली कर्मचारियों को साधारण बीमारियों में 5 लाख और गंभीर बीमारियों में 10 लाख रुपए तक का मेडिकल कवर मिलता है. वहीं, आउटडोर मेडिकल कवर में 20 हजार राशि तक का राइडर लगा हुआ है.
सरकारी विभागों में पद नाम चेंज, लेकिन बिजली कर्मचारियों को नहीं मिला लाभ - राज्य सरकार ने कई विभागों में घोषणा के अनुरूप कर्मचारियों के पद नाम को भी चेंज किया गया, लेकिन बिजली कर्मियों कोष का लाभ नहीं मिला. बिजली कंपनियों में तकनीकी हेल्पर पदनाम अभी यथावत है, जबकि इसे बदलने को लेकर कई बार कर्मचारियों ने सरकार के समक्ष गुहार लगा चुके हैं.
50,000 कर्मचारियों की नाराजगी पड़ सकती है भारी : सरकारी घोषणा और योजनाएं है जो राज्य कर्मचारियों के लिए प्रदेश सरकार ने की और सरकारी क्षेत्र की बिजली कंपनियों को इसका फायदा मिलना ही चाहिए. क्योंकि सरकार के हर नियम और आदेश इन कंपनियों पर भी लागू होते हैं. ऐसे में कर्मचारियों के हितों में लिए गए (Gehlot Government Announcement) निर्णय और घोषणाओं को इन कर्मचारियों पर लागू या तो किया ही नहीं जाता या फिर आधे अधूरे रूप में लागू होता है. जिससे यह कर्मचारी परेशान है. पांचों बिजली कंपनियों में करीब 50 हजार कर्मचारी हैं जो सरकार के इस दोहरे रवैया से नाराज हैं.