जयपुर. कोरोना महामारी से जूझ रहे राजस्थान में अब बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ गया है. बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए पशुपालन विभाग ने सभी संभागों में रिस्पांस टीमें भेजने के साथ ही अलर्ट जारी कर दिया है. पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बर्ड फ्लू ने दस्तक दी है.
राजस्थान में पहली बार बर्ड फ्लू का मामला सामने आया है. 25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौओं के मरने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 27 दिसंबर को मरने के कारणों को जांचने के लिए भोपाल लेब में सैम्पल भेजे गए. जहां बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई. इसके बाद प्रदेश में लगातार कौओं के मरने की सूचनाएं मिल रही है. मामले को लेकर पशुपालन निदेशालय में विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजी लाल मीणा और सचिव आरुषि मलिक ने अधिकारियों की बैठक ली और बर्ड फ्लू रोकने के तमाम इंतजाम करते हुए रोकने के निर्देश दिए.
प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने की प्रेस वार्ता
इस दौरान प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि अब तक झालावाड़ में 100, कोटा में 47, बारां में 72, पाली में 19, जोधपुर में 7 और जयपुर के जलमहल पर 10 कौए सहित प्रदेश भर में 245 कौओं की मौत हो चुकी है. जब भी कोई पक्षी मरता है तो उसको गड्ढा खोदकर दफनाया जाता है ताकि संक्रमण ना फैल सके. हालांकि अभी तक बर्ड फ्लू की पुष्टि झालावाड़ में हुई है, लेकिन अन्य जिलों के कौओं और अन्य पक्षियों के सैम्पल भोपाल भेजे जा रहे हैं. सभी जिलों में रेस्पॉन्स टीम बनाई गई है, जो आस-पास के इलाके में सर्विलांस कर रही है.
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निदेशालय में राज्यस्तरीय कंट्रोल रूम बनाया गया हैं. भारत सरकार के साथ भी सूचनाएं साझा कर रहे हैं. राजस्थान में भी विभाग समन्वय के साथ काम के रहे हैं. लोगों को सतर्क करने के लिए पंपलेट, पोस्टर बनवाए गए हैं. सभी संभागों में अलर्ट किया गया है और सभी संभागों में टीम भेजी जा रही है. बर्ड फ्लू को देखते हुए सांभर और केवलादेव उद्यान भी टीम भेजी जा रही है.
बर्ड फ्लू इंसानों में नहीं पहुंचे इसके लिए कोशिश की जा रही है. हालांकि अभी खतरा ज्यादा बड़ा नहीं है, लेकिन समय पर सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है. राजस्थान में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद मुर्गी पालन केंद्रों को भी सतर्क किया गया है.
जोधपुर में कौओं की मौत के चलते जारी हुआ अलर्ट
जोधपुर के राजीव गांधी क्षेत्र सहित अलग अलग क्षेत्रों में कुछ दिन पहले लगभग 150 से अधिक कौओं के शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई थी. आस-पास के ग्रामीणों ने इस संबंध में वन विभाग और पशु पालन विभाग को सूचना दी. सूचना के बाद पशुपालन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले को लेकर जांच शुरू की. घटना के बाद प्रदेश के अन्य जिलों से भी कौओं के शव मिलने की सूचना मिली ओर प्रदेश सरकार की ओर से बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर अलर्ट जारी किया गया.
जोधपुर शहर सहित अन्य इलाकों में कौओं के शव मिलने के बाद वन विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पशुपालन विभाग की मदद से मृत कौओं के शवों को पैक कर जांच ले लिए भोपाल की एन आई एच एस डी प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा है जहां पर जांच के बाद ही पता लग पाएगा की कौओं की मौत कैसे हुई है.
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वहीं, पशुपालन विभाग का कहना है कि कौओं की मौत बर्ड फ्लू जैसी बीमारी से नहीं हो सकती क्योंकि अगर बर्ड फ्लू से मौत होती तो अन्य पक्षी भी इसकी चपेट में आते. वहीं, एक तरफ अंदेशा लगाया जा रहा है कि कौओं की ओर से विषाक्त पदार्थ का सेवन करने से उनकी मौत हुई होगी. फिलहाल कौओं को लेकर वन विभाग की टीम भोपाल निकल चुकी है और सोमवार तक रिपोर्ट आने की संभावना है, रिपोर्ट आने के बाद ही पता लग पाएगा की कौओं की मौत बर्ड फ्लू से हुई है या किन्हीं अन्य कारणों से. इसके साथ ही वन विभाग की टीम की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में नजर रखी जा रही है.