जयपुर : राजधानी के एक स्कूल में सिख बच्चे को आरएससीआईटी के परीक्षा में रोके जाने के विरोध में सिख समाज में आक्रोश है. ऐसे में राजस्थान सिख समाज के पदाधिकारियों ने आज वर्धमान कोटा ओपन यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर को इसको लेकर ज्ञापन भी सौंपा.
दरअसल रविवार को वर्धमान ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित आरएससीआईटी की परीक्षा में सरबजीत सिंह नाम के छात्र को भवानी निकेतन विद्यालय झोटवाड़ा के सेंटर में प्रवेश नहीं करने दिया गया. क्योंकि परीक्षार्थी ने कृपाण पहनी हुई थी.
ऐसे में राजस्थान सिख समाज के महासचिव जगजीत सिंह का कहेना है,की कृपाण सिखों की धार्मिक पहचान है. बच्चे को परीक्षा में नहीं बैठने देने से बच्चे को और पूरे सिख समाज को धार्मिक आघात पहुंचा है. ऐसे में आगे कभी सिख समाज के बच्चों को कृपाण को लेकर परीक्षा से वंचित नहीं रखा जाए उसके लिए ज्ञापन दिया गया.
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तो वहीं यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर डॉक्टर सुरेंद्र भारद्वाज ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि उनकी यह बात आने वाले सरकुलेशन में शामिल कर दी जाएगी. जिससे आइंदा कभी कृपाण के लिए किसी एक बच्चे को परीक्षा से वंचित नहीं रखा जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि उनका मकसद किसी धर्म को आंच पहुंचाना नहीं था. वहां पर जानकारी नहीं होने की वजह से ऐसी बात हुई है. जो आगे से कभी नहीं होगी. इसके लिए यूनिवर्सिटी के सरकुलेशन इस बिन्दू को शामिल कर दिया जाएगा.
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तो वहीं पीड़ित सरबजीत के पिता हरमीत सिंह ने बताया की, कृपाण की वजह से बच्चे का आरएससीआईटी पेपर नहीं दे पाने की वजह से बच्चा बेहद दुखी है. हालांकि उन्होंने इसके लिए पूरे सिख समाज का धन्यवाद दिया कि उनके साथ खड़े होकर इस लड़ाई में शामिल हुए. ताकि आगे कभी किसी सिख समाज के बच्चे पर ऐसी स्थिति पैदा ना हो सके.