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बजट से आस : आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की क्या हैं उम्मीदें...जानिए

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Published : Feb 10, 2020, 1:27 PM IST

राजस्थान का बजट जल्द ही पेश होने वाला है. इस बजट से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को काफी उम्मीदें है. आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता 2700 रुपए के वेतन में दो विभागों का काम करती हैं. जिसका उन्होंने विरोध किया है. उनका कहना है, कि पिछली बजट की कई घोषणाएं अबतक धरातल पर पूरी नहीं हो पाई हैं. अब उन्हें आने वाले बजट से उम्मीदें है.

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राजस्थान बजट 2020

जयपुर. प्रदेश का आगामी बजट जल्द ही विधानसभा में पेश होने वाला है. आने वाले बजट से प्रदेश की जनता को कई उम्मीदें हैं, लेकिन पिछले प्रदेश बजट में जो घोषणा गहलोत सरकार ने की थी, उसमें से कितनी घोषणाएं पूरी हो पाईं, यह देखना भी लाजमी होगा.

राजस्थान बजट 2020

महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन और सहायिकाओं के लिए की गई घोषणाओं में से कई घोषणाएं अबतक धरातल पर पूरी नहीं हो पाई हैं. ईटीवी भारत ने जब आशा सहयोगिनी से बातचीत की तो सरकार की पोल खुलती नजर आयी.

पढ़ेंः राजस्थान में शुरू होगी नवजात सुरक्षा योजना, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने की घोषणा

कांग्रेस सरकार ने अपने पहले बजट घोषणा में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनी, सहायिका और ग्राम साथिन को राज्य कर्मचारी बनाने का वादा किया था, लेकिन वो अबतक अधूरा है. जिससे सभी कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को महीने का 7500 रुपये वेतन मिलता है तो वहीं आशा सहयोगिनी को 2,700 रुपए का वेतन मिलता है. आशा सहयोगिनी कम वेतन में दो विभागों का काम कर रही हैं, जिससे सभी में आक्रोश है.

पढ़ेंः यहां जानें विधानसभा सत्र में आज क्या होगा खास....

उन्होंने राजस्थान सरकार के आने वाले बजट से उम्मीद जताई है, कि उनको एक विभाग में किया जाए. इसी के साथ उन्होंने कहा, कि एक तरफ राजस्थान सरकार बेरोजगारी भत्ता 3500 रुपए दे रही है, लेकिन दूसरी तरफ प्रदेश भर की आशाएं न्यूनतम वेतन 2700 रुपये में काम कर रहीं हैं, जो नाइंसाफी है.

ये है उम्मीद
आशा कार्यकर्ताओं ने राजस्थान सरकार से उम्मीद जताई है, कि उनको फील्ड में काम का रिकॉर्ड रखने के लिए मोबाइल उपलब्ध करवाया जाए, साथ ही वेतन बढ़ाया जाए और आशाओं को एक विभाग में किया जाए.

अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष छोटेलाल बुनकर ने बताया, कि अगर सरकार को इन कार्यकर्ताओं को नियमित करने में देरी हो रही है तो इनकी वेतन वृद्धि की जाए. उन्होंने कहा, कि आशाओं के लिए सेवा नियम बनाए जाएं, साथ ही एएनएम की भर्ती में 25 प्रतिशत कोटा दिया जाए. बुनकर ने बताया, कि अगर सरकार बजट में मानदेय नहीं बढ़ाती है तो आंदोलन किया जाएगा.

जयपुर. प्रदेश का आगामी बजट जल्द ही विधानसभा में पेश होने वाला है. आने वाले बजट से प्रदेश की जनता को कई उम्मीदें हैं, लेकिन पिछले प्रदेश बजट में जो घोषणा गहलोत सरकार ने की थी, उसमें से कितनी घोषणाएं पूरी हो पाईं, यह देखना भी लाजमी होगा.

राजस्थान बजट 2020

महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन और सहायिकाओं के लिए की गई घोषणाओं में से कई घोषणाएं अबतक धरातल पर पूरी नहीं हो पाई हैं. ईटीवी भारत ने जब आशा सहयोगिनी से बातचीत की तो सरकार की पोल खुलती नजर आयी.

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कांग्रेस सरकार ने अपने पहले बजट घोषणा में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनी, सहायिका और ग्राम साथिन को राज्य कर्मचारी बनाने का वादा किया था, लेकिन वो अबतक अधूरा है. जिससे सभी कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को महीने का 7500 रुपये वेतन मिलता है तो वहीं आशा सहयोगिनी को 2,700 रुपए का वेतन मिलता है. आशा सहयोगिनी कम वेतन में दो विभागों का काम कर रही हैं, जिससे सभी में आक्रोश है.

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उन्होंने राजस्थान सरकार के आने वाले बजट से उम्मीद जताई है, कि उनको एक विभाग में किया जाए. इसी के साथ उन्होंने कहा, कि एक तरफ राजस्थान सरकार बेरोजगारी भत्ता 3500 रुपए दे रही है, लेकिन दूसरी तरफ प्रदेश भर की आशाएं न्यूनतम वेतन 2700 रुपये में काम कर रहीं हैं, जो नाइंसाफी है.

ये है उम्मीद
आशा कार्यकर्ताओं ने राजस्थान सरकार से उम्मीद जताई है, कि उनको फील्ड में काम का रिकॉर्ड रखने के लिए मोबाइल उपलब्ध करवाया जाए, साथ ही वेतन बढ़ाया जाए और आशाओं को एक विभाग में किया जाए.

अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष छोटेलाल बुनकर ने बताया, कि अगर सरकार को इन कार्यकर्ताओं को नियमित करने में देरी हो रही है तो इनकी वेतन वृद्धि की जाए. उन्होंने कहा, कि आशाओं के लिए सेवा नियम बनाए जाएं, साथ ही एएनएम की भर्ती में 25 प्रतिशत कोटा दिया जाए. बुनकर ने बताया, कि अगर सरकार बजट में मानदेय नहीं बढ़ाती है तो आंदोलन किया जाएगा.

Intro:जयपुर- प्रदेश का आगामी बजट जल्द ही विधानसभा में पेश होने वाला है। आने वाले बजट से प्रदेश की जनता को कई उम्मीदें हैं, लेकिन पिछले प्रदेश बजट में जो घोषणा गहलोत सरकार ने प्रदेशवासियों से की थी। उसमें से कितनी घोषणाएं पूरी हो पाई, यह देखना भी लाजमी होगा। महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, आशा सहयोगिनी, ग्राम साथिन और सहायिकाओं के लिए की गई घोषणाओं में से कई घोषणाएं अभी तक धरातल पर नहीं पूरी हो पाई है। ईटीवी भारत ने जब आशा सहयोगनी से बातचीत की तो सरकार की पोल खुलती नजर आयी।

कांग्रेस सरकार ने अपने पहले बजट घोषणा में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगनी, सहायिका और ग्राम साथिन को राज्य कर्मचारी बनाने का वायदा किया था लेकिन वो अभी तक अधूरा है जिससे सभी कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को महीने का 7500 रुपये का वेतन मिलता है तो वही आशा सहयोगनी को 2700 रुपए का वेतन। आशा सहयोगनी कम वेतन में दो विभागों का काम कर रही है जिससे सभी आशाओं में आक्रोश है और उन्होंने राजस्थान सरकार के आने वाले बजट से उम्मीद जताई है कि उनको एक विभाग में किया जाए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि एक तरफ राजस्थान सरकार बेरोजगारी भत्ता 3500 रुपए दे रही है लेकिन दूसरी तरफ प्रदेशभर की आशाएं न्यूनतम वेतन 2700 रुपये में काम कर रही है, जो नाइंसाफी है।


Body:ये है उम्मीद
आशा कार्यकर्ताओं ने राजस्थान सरकार से उम्मीद जताई है कि उनको फील्ड में काम का रिकॉर्ड रखने के लिए मोबाइल उपलब्ध करवाया जाए साथ ही वेतन बढ़ाया जाए और आशाओं को एक विभाग में किया जाए। अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष छोटेलाल बुनकर ने बताया कि अगर सरकार को इन कार्यकर्ताओं को नियमित करने में विलंब हो रहा है तो इनकी वेतन वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि आशाओं के लिए सेवा नियम बनाए जाएं साथ ही एएनएम की भर्ती में 25 प्रतिशत कोटा दिया जाए। बुनकर ने बताया कि अगर सरकार बजट में मानदेय नहीं बढ़ाती है और एक विभाग में नहीं करती है तो आंदोलन किया जाएगा।

बाईट- अल्का कंवर, कार्यकर्ता
बाईट- अनुराधा मिश्रा, आशा सहयोगनी
बाईट- निर्मला सेन, आशा सहयोगनी
बाईट- छोटेलाल बुनकर, प्रदेशाध्यक्ष, कर्मचारी संघ


Conclusion:
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