जयपुर: कोरोना संकट काल में प्रथम सिपाही बनकर हमेशा से मुस्तैद रहने वाले एंबुलेंस कर्मचारी आज से हड़ताल पर चले गए हैं. राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के बैनर तले चलने वाली सारी एम्बुलेंस सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं. जिसके चलते हजारों मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. एम्बुलेंस कर्मचारियों ने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में कर्मचारियों ने SMS के बाहर नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज करवाया. साथ ही राज्य सरकार और चिकित्सा महकमें पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस कर्मचारी 2019 से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं. लेकिन आश्वासन के अलावा अभी तक कुछ हाथ नहीं लगा. जबकि एंबुलेंस कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर कई बार जिम्मेदाराना को अवगत करवाया.
वीरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि एंबुलेंस कर्मचारियों की मांगों को लेकर पिछले 6 महीने से एंबुलेंस कर्मचारी लगातार सरकार से वार्ता कर रहे हैं, लेकिन आज तक एंबुलेंस कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया गया. वहीं, उच्च न्यायालय द्वारा नवंबर दिसंबर वर्ष 2019 में 20 फीसदी वेतन बढ़ाने का आदेश दिया गया था, जिसे आज तक लागू नहीं किया गया है.
बता दें कि एंबुलेंस कर्मचारी का ठेका खत्म होने वाला है. ऐसे में एंबुलेंस कर्मचारी चाहते हैं कि नया ठेका नई शर्तों के साथ हो. जिसको लेकर एंबुलेंस कर्मचारियों ने सरकार को 11 अक्टूबर से हड़ताल की चेतावनी दे रखी थी.
ये हैं मांगे
- कोरोना काल में एम्बुलेंस वाहनों में मास्क-ग्लब्स-सैनिटाइजर भी उपलब्ध करवाया जाएं.
- खटारा एम्बुलेंस की मरम्मत कराई जाए.
- डीजल की दिक्कतों को दूर किया जाए.
- क्रमचारियों की वेतन वृद्धि को रोका ना जाए
कर्मचारी यूनियन का यह भी कहना है कि एंबुलेंस सेवा को भविष्य में संचालित करने के लिए जो निविदा निकाली गई थी. उसमें एंबुलेंस कर्मचारियों की मांगों को शामिल नहीं किया गया. जिसके चलते बीते 12 सालों से एंबुलेंस संचालन कंपनी कर्मचारियों का शोषण कर रही है. राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन ने यह भी आरोप लगाया है कि एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके इएमआरआई की तरफ से कर्मचारियों को परेशान भी किया जा रहा है और कोरोना महामारी के दौरान जहां एंबुलेंस कर्मचारी लगातार अपनी सेवाएं दे रहा है.
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वहीं, कंपनी की ओर से ना तो मास्क और ना ही सैनिटाइजर उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसके अलावा कबाड़ हो चुकी एंबुलेंस को भी कंपनी जबरदस्ती काम में लेने का दबाव कर्मचारियों पर बना रही है. ऐसे में त्रस्त होकर कर्मचारी यूनियन ने प्रदेश में 108 और 104 एंबुलेंस की चक्का जाम करने की घोषणा कर दी है.