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Single use Plastic Ban: सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगा बैन तो अब क्या है विकल्प, यहां जानिए... - सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध

1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन (Ban on Single use Plastic) लगा दिया गया है. सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध के बावजूद भी अगर कोई इसका पालन नहीं करता है तो इसको लेकर केंद्रीय प्रदूषण मंडल ने दो एप बनाया है. कोई भी व्यक्ति उसकी फोटो खींचकर एप पर अपलोड कर सकता है. फोटो के आधार पर संबंधित विभाग कार्रवाई करेगा. साथ ही कुछ विकल्पों के बारे में भी बताया गया है.

pollution control board
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Published : Jul 30, 2022, 12:48 PM IST

जयपुर. राजस्थान में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू किया गया है. प्लास्टिक आइटम्स पर बैन लगा कर अन्य विकल्प भी दिए गए हैं. बता दें, किसी भी कार्यक्रम में भोजन परोसने के काम आने वाले प्लास्टिक कोटेड पत्तल- दोने, प्लेटें, कप-गिलास को भी बैन कर दिया (Paper Cup Ban in Rajasthan) गया है.

सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए जिला और राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इसमें अलग-अलग विभागों के अधिकारी शामिल हैं, जो कि सिंगल यूज प्लास्टिक के रोकथाम को लेकर कार्रवाई के साथ समझाइश सहित अन्य ऑपरेशन चलाएंगे. सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए आमजन को भी जागरूक किया जाएगा. होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, ट्रेडर्स एसोसिएशन को भी इस बैन की पालना करने के लिए कहा गया है. राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता में 250 विद्यालयों से लगभग 2 लाख विद्यार्थियों की सहभागिता से सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध और वैकल्पिक उत्पादों के बारे में लोगों को जागरुक किया (awareness campaign for single use plastic ban) गया है.

पढ़ें Single Use Plastic Ban : प्रतिबंध के बाद भी सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग, एक गोदाम में मिली इतनी पॉलिथीन कि ट्रक और जेसीबी बुलानी पड़ी

ये है सिंगल यूज प्लास्टिक: राज्य प्रदूषण नियत्रंण मंडल के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक में प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों वाली प्लास्टिक डंडिया, प्लास्टिक झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडिया, पोलोस्टाइरीन की सजावटी सामग्री, प्लेंटे, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा्ॅ, ट्रे जैसी कटलरी, मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट पर लपेटने वाली और पैक करने वाली फिल्म, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक, और पीवीसी बैनर शामिल हैं. हाल ही में सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम बनाने वाली 13 फैक्ट्रियों पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने ताला लगाया है.

एप की मदद से रोकथाम के प्रयास: सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाए गए प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए केंद्रीय राज्य प्रदूषण नियत्रंण मंडल ने दो एप बनाए हैं. प्रतिबंध लगने के बावजूद भी अगर कोई इसका पालन नहीं करता है, तो ऐसें में कोई भी सिंगल यूज प्लासटिक का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की फोटो खींचकर एप पर अपलोड कर सकता है. फोटो के आधार पर व्यक्ति के खिलाफ विभाग संबंधित कार्रवाई (action against those who will use single use plastic) करेगा.

पढ़ें- Paper Cup Ban in Rajasthan: अब राजस्थान में पेपर कप भी बैन, सिंगल यूज प्लास्टिक के दायरे में लाया गया...30 हजार करोड़ की इंडस्ट्री को झटका

मंडल आमजन को जोडक़र एप की मदद से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर रहा है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से प्रदेश भर में पोस्टर, पंपलेट, होर्डिंग, स्टीकर समेत अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की वेबसाइट पर भी प्रतिबंधित और पर्यावरणीय अनुकूल विकल्पों की सूची अपलोड की गई है. वेबसाइट स्थानों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी आमजन को जागरूक किया जा रहा है.

पढ़ें- Special : सामाजिक समारोह में खाना परोसने पर बड़ा संकट, प्लास्टिक कोटेड पत्तल दोने बैन...विकल्प भी 10 गुना महंगा

ये है विकल्प- वहीं अब सबके मन में सवाल उठ रहा है कि अब हमारे पास विकल्प क्या हैं. ऐसे में स्टील या कांच की प्लेट, कप- गिलास, कंपोस्टेबल या बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के सामान, सहित पेड़ पौधों की पत्तियों से बने पत्तलों को विकल्प के रूप में दिया गया है. वहीं प्लास्टिक चम्मच की जगह स्टील, बांस, फाइबर से बने चम्मचों को उपयोग में लेने का विकल्प दिया गया है.

जयपुर. राजस्थान में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू किया गया है. प्लास्टिक आइटम्स पर बैन लगा कर अन्य विकल्प भी दिए गए हैं. बता दें, किसी भी कार्यक्रम में भोजन परोसने के काम आने वाले प्लास्टिक कोटेड पत्तल- दोने, प्लेटें, कप-गिलास को भी बैन कर दिया (Paper Cup Ban in Rajasthan) गया है.

सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए जिला और राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इसमें अलग-अलग विभागों के अधिकारी शामिल हैं, जो कि सिंगल यूज प्लास्टिक के रोकथाम को लेकर कार्रवाई के साथ समझाइश सहित अन्य ऑपरेशन चलाएंगे. सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए आमजन को भी जागरूक किया जाएगा. होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, ट्रेडर्स एसोसिएशन को भी इस बैन की पालना करने के लिए कहा गया है. राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता में 250 विद्यालयों से लगभग 2 लाख विद्यार्थियों की सहभागिता से सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध और वैकल्पिक उत्पादों के बारे में लोगों को जागरुक किया (awareness campaign for single use plastic ban) गया है.

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ये है सिंगल यूज प्लास्टिक: राज्य प्रदूषण नियत्रंण मंडल के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक में प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों वाली प्लास्टिक डंडिया, प्लास्टिक झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडिया, पोलोस्टाइरीन की सजावटी सामग्री, प्लेंटे, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा्ॅ, ट्रे जैसी कटलरी, मिठाई के डिब्बों, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट पर लपेटने वाली और पैक करने वाली फिल्म, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक, और पीवीसी बैनर शामिल हैं. हाल ही में सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम बनाने वाली 13 फैक्ट्रियों पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने ताला लगाया है.

एप की मदद से रोकथाम के प्रयास: सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाए गए प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए केंद्रीय राज्य प्रदूषण नियत्रंण मंडल ने दो एप बनाए हैं. प्रतिबंध लगने के बावजूद भी अगर कोई इसका पालन नहीं करता है, तो ऐसें में कोई भी सिंगल यूज प्लासटिक का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की फोटो खींचकर एप पर अपलोड कर सकता है. फोटो के आधार पर व्यक्ति के खिलाफ विभाग संबंधित कार्रवाई (action against those who will use single use plastic) करेगा.

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मंडल आमजन को जोडक़र एप की मदद से सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर रहा है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से प्रदेश भर में पोस्टर, पंपलेट, होर्डिंग, स्टीकर समेत अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की वेबसाइट पर भी प्रतिबंधित और पर्यावरणीय अनुकूल विकल्पों की सूची अपलोड की गई है. वेबसाइट स्थानों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी आमजन को जागरूक किया जा रहा है.

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ये है विकल्प- वहीं अब सबके मन में सवाल उठ रहा है कि अब हमारे पास विकल्प क्या हैं. ऐसे में स्टील या कांच की प्लेट, कप- गिलास, कंपोस्टेबल या बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के सामान, सहित पेड़ पौधों की पत्तियों से बने पत्तलों को विकल्प के रूप में दिया गया है. वहीं प्लास्टिक चम्मच की जगह स्टील, बांस, फाइबर से बने चम्मचों को उपयोग में लेने का विकल्प दिया गया है.

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