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राजस्थान के गैंगवार के लिए दिल्ली से ले जा रहा था हथियार, स्पेशल सेल ने दबोचा

डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि कुख्यात बदमाश धर्मेंद्र चौधरी गैंग के शार्प शूटर वरुण चौधरी, जीतराम और सोहनलाल दिल्ली में हथियार लेने के लिए आएंगे. इन हथियारों का इस्तेमाल वह विरोधी गुट की हत्या में करेंगे.

ajmer gang arrested, जयपुर न्यूज
गैंगवार के लिए दिल्ली जा रहे बदमाश को पुलिस ने दबोचा
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Published : Dec 4, 2019, 6:43 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान में चल रही रंजिश में हत्या के लिए हथियार लेने आए 3 बदमाशों को धौला कुआं के पास से गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान वरुण चौधरी, जीतराम चौधरी और सोहनलाल के रूप में की गई है. इनके पास से तीन पिस्तौल, तीन सिंगल शॉट पिस्तौल और 57 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं.

गैंगवार के लिए दिल्ली जा रहे बदमाश को पुलिस ने दबोचा

30 नवंबर को मिली थी सूचना

डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि कुख्यात बदमाश धर्मेंद्र चौधरी गैंग के शार्प शूटर वरुण चौधरी, जीतराम और सोहनलाल दिल्ली में हथियार लेने के लिए आएंगे. इन हथियारों का इस्तेमाल वह विरोधी गुट की हत्या में करेंगे. 30 नवंबर को सूचना मिली कि वरुण चौधरी ने यह हथियार दिल्ली में ले लिए हैं. उसके 2 अन्य साथी धौला कुआं के पास रात के समय एक काले रंग की कार में मिलने के लिए आएंगे.

धौला कुआं से गिरफ्तार हुए आरोपी
इस जानकारी पर काम कर रही स्पेशल सेल को पता चला कि यहां से यह गैंग हत्या के लिए अजमेर जाएगा. इस जानकारी पर धौला कुआं के पास पुलिस टीम ने जाल बिछाया. रात 9 बजे राजस्थान नंबर की कार नारायणा की तरफ से आई जिसे सब-वे के पास रोका गया. इसमें सवार लड़कों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस टीम ने तीनों को पकड़ लिया. इनके पास से तीन पिस्तौल, तीन सिंगल शॉट पिस्तौल और 57 कारतूस बरामद हुए.

चाचा के साथ रहकर चला अपराध के रास्ते
आरोपी वरुण चौधरी राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला है. उसने पुलिस को बताया कि उसके पिता की संपत्ति विवाद में किसी ने हत्या कर दी थी. हत्या के बाद वह अपने चाचा धर्मेंद्र चौधरी के अजमेर स्थित घर चला गया. वहां बुरी संगत में पड़कर वह कई बार गिरफ्तार हुआ. उसका चाचा धर्मेंद्र अजमेर का कुख्यात बदमाश था. धर्मेंद्र राजस्थान के कुख्यात बदमाश आनंदपाल सिंह का साथी था. आनंदपाल, साल 2015 में पुलिस हिरासत से फरार हो गया था और उसके बाद उसने कई हत्याओं को अंजाम दिया था. जून 2017 में राजस्थान पुलिस ने मुठभेड़ में उसे मार गिराया था.

हत्या का बदला लेने के लिए जुटाए हथियार
धर्मेंद्र चौधरी की राजस्थान में विक्रम शर्मा से दुश्मनी थी. धर्मेंद्र चौधरी की विक्रम शर्मा और उसके साथियों ने वर्ष 2016 में हत्या कर दी थी. इसका बदला लेने के लिए वरुण चौधरी और जीतराम ने विक्रम के साथी रामकेश मीणा की हत्या कर दी थी. इसमें जमानत मिलने के बाद वरुण एक बार फिर अपने चाचा की मौत का बदला लेने के लिए हथियार एकत्रित कर रहा था.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान में चल रही रंजिश में हत्या के लिए हथियार लेने आए 3 बदमाशों को धौला कुआं के पास से गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान वरुण चौधरी, जीतराम चौधरी और सोहनलाल के रूप में की गई है. इनके पास से तीन पिस्तौल, तीन सिंगल शॉट पिस्तौल और 57 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं.

गैंगवार के लिए दिल्ली जा रहे बदमाश को पुलिस ने दबोचा

30 नवंबर को मिली थी सूचना

डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि कुख्यात बदमाश धर्मेंद्र चौधरी गैंग के शार्प शूटर वरुण चौधरी, जीतराम और सोहनलाल दिल्ली में हथियार लेने के लिए आएंगे. इन हथियारों का इस्तेमाल वह विरोधी गुट की हत्या में करेंगे. 30 नवंबर को सूचना मिली कि वरुण चौधरी ने यह हथियार दिल्ली में ले लिए हैं. उसके 2 अन्य साथी धौला कुआं के पास रात के समय एक काले रंग की कार में मिलने के लिए आएंगे.

धौला कुआं से गिरफ्तार हुए आरोपी
इस जानकारी पर काम कर रही स्पेशल सेल को पता चला कि यहां से यह गैंग हत्या के लिए अजमेर जाएगा. इस जानकारी पर धौला कुआं के पास पुलिस टीम ने जाल बिछाया. रात 9 बजे राजस्थान नंबर की कार नारायणा की तरफ से आई जिसे सब-वे के पास रोका गया. इसमें सवार लड़कों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस टीम ने तीनों को पकड़ लिया. इनके पास से तीन पिस्तौल, तीन सिंगल शॉट पिस्तौल और 57 कारतूस बरामद हुए.

चाचा के साथ रहकर चला अपराध के रास्ते
आरोपी वरुण चौधरी राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला है. उसने पुलिस को बताया कि उसके पिता की संपत्ति विवाद में किसी ने हत्या कर दी थी. हत्या के बाद वह अपने चाचा धर्मेंद्र चौधरी के अजमेर स्थित घर चला गया. वहां बुरी संगत में पड़कर वह कई बार गिरफ्तार हुआ. उसका चाचा धर्मेंद्र अजमेर का कुख्यात बदमाश था. धर्मेंद्र राजस्थान के कुख्यात बदमाश आनंदपाल सिंह का साथी था. आनंदपाल, साल 2015 में पुलिस हिरासत से फरार हो गया था और उसके बाद उसने कई हत्याओं को अंजाम दिया था. जून 2017 में राजस्थान पुलिस ने मुठभेड़ में उसे मार गिराया था.

हत्या का बदला लेने के लिए जुटाए हथियार
धर्मेंद्र चौधरी की राजस्थान में विक्रम शर्मा से दुश्मनी थी. धर्मेंद्र चौधरी की विक्रम शर्मा और उसके साथियों ने वर्ष 2016 में हत्या कर दी थी. इसका बदला लेने के लिए वरुण चौधरी और जीतराम ने विक्रम के साथी रामकेश मीणा की हत्या कर दी थी. इसमें जमानत मिलने के बाद वरुण एक बार फिर अपने चाचा की मौत का बदला लेने के लिए हथियार एकत्रित कर रहा था.

Intro:नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान में चल रही रंजिश में हत्या कांड के लिए हथियार लेने आए तीन बदमाशों को धौला कुआं के पास से गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान वरुण चौधरी, जीतराम चौधरी और सोहनलाल के रूप में की गई है. इनके पास से तीन पिस्तौल, तीन सिंगल शॉट पिस्तौल और 57 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. इन हथियारों की मदद से वह हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले थे.Body:डीसीपी प्रमोद कुशवाहा के अनुसार स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि कुख्यात बदमाश धर्मेंद्र चौधरी गैंग के शार्प शूटर वरुण चौधरी, जीतराम और सोहनलाल दिल्ली में हथियार लेने के लिए आएंगे. इन हथियारों का इस्तेमाल वह विरोधी गुट की हत्या में करेंगे. 30 नवंबर को सूचना मिली कि वरुण चौधरी ने यह हथियार दिल्ली में ले लिए हैं. उसके दो अन्य साथी धौला कुआं के पास रात के समय एक काले रंग की आई20 कार में मिलने के लिए आएंगे.


धौला कुआं से गिरफ्तार हुए आरोपी
इस जानकारी पर काम कर रही स्पेशल सेल को पता चला कि यहां से यह गैंग हत्या के लिए अजमेर जाएगा. इस जानकारी पर धौला कुआं के पास पुलिस टीम ने जाल बिछाया. रात 9 बजे राजस्थान नंबर की कार नारायणा की तरफ से आई जिसे सब-वे के पास रोका गया. इसमें सवार लड़कों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस टीम ने तीनों को पकड़ लिया. इनके पास से तीन पिस्तौल, तीन सिंगल शॉट पिस्तौल और 57 कारतूस बरामद हुए.


चाचा के साथ रहकर चला अपराध के रास्ते

आरोपी वरुण चौधरी राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला है. उसने पुलिस को बताया कि उसके पिता की संपत्ति विवाद में किसी ने हत्या कर दी थी. हत्या के बाद वह अपने चाचा धर्मेंद्र चौधरी के अजमेर स्थित घर चला गया. वहां बुरी संगत में पड़कर वह कई बार गिरफ्तार हुआ. उसका चाचा धर्मेंद्र अजमेर का कुख्यात बदमाश था. धर्मेंद्र राजस्थान के कुख्यात बदमाश आनंदपाल सिंह का साथी था. आनंदपाल वर्ष 2015 में पुलिस हिरासत से फरार हो गया था और उसके बाद उसने कई हत्याओं को अंजाम दिया था. जून 2017 में राजस्थान पुलिस ने मुठभेड़ में उसे मार गिराया था.


Conclusion:चाचा की हत्या का बदला लेने के लिए जुटाए हथियार
धर्मेंद्र चौधरी की राजस्थान में विक्रम शर्मा से दुश्मनी थी. धर्मेंद्र चौधरी की विक्रम शर्मा और उसके साथियों ने वर्ष 2016 में हत्या कर दी थी. इसका बदला लेने के लिए वरुण चौधरी और जीतराम ने विक्रम के साथी रामकेश मीणा की हत्या कर दी थी. इसमें जमानत मिलने के बाद वरुण एक बार फिर अपने चाचा की मौत का बदला लेने के लिए हथियार एकत्रित कर रहा था.
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