जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों से फीडबैक लिया. जिसके बाद उन्होंने यह घोषणा की है कि गांधी जयंती को राजस्थान कांग्रेस की ओर से जो मेनिफेस्टो सरकार बनने से पहले जनता के सामने रखा था, उसमें कितनी बातें पूरी हुई यह जनता के सामने रखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि जनता से किए गए कितने वादे पूरे हुए हैं, यह 2 अक्टूबर को सबके सामने रखा जाएगा. इसके अलावा जो भी विकास के दूसरे काम सरकार ने किए हैं, वह जनता के सामने रखे जाएंगे. उन्होंने कहा कि जनता को यह जानने का हक है कि जिन बातों को लेकर हम सत्ता में आए, उनको हमने कितना पूरा किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले डेढ़ से 2 साल में 60 से 70% अपने मेनिफेस्टो को पूरा कर लिया है, जो मुझे भी प्रभावित कर रहा है.
प्रभारी मंत्री महीने में 1 दिन रहेंगे अपने प्रभार के जिलों में
अब यह तय हुआ है कि प्रदेश के मंत्री जिनके पास जिस जिले का प्रभार है, वह महीने में 1 दिन अपने प्रभारी जिलों में जाएंगे और संगठन की मीटिंग लेंगे. अजय माकन ने कहा कि हर महीने एक बार मैं और गोविंद सिंह डोटासरा बैठक लेकर उनसे फीडबैक लेंगे. संगठन में जहां भी जो भी कमियां है उसे भी दूर करेंगे.
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संगठन, सरकार और जनता के बीच में एक समन्वय का काम कर सके. उन्होंने कहा कि 46 वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं से चर्चा की गई है. जिनमें पूर्व अध्यक्ष, पूर्व सीएलपी लीडर और वर्तमान में सभी मिनिस्टर से बात हुई है. माकन ने कहा कि हमने पहले ही मंत्रियों से यह रिपोर्ट मंगवाई थी कि उनके विभागों में चुनाव घोषणा पत्र के कितने वादे पूरे हुए हैं, उनकी जानकारी साथ लेकर आएं.
उन्होंने कहा कि हर महीने एक बार हम मीटिंग करेंगे, ताकि संगठन मजबूत हो सके. राजस्थान की सरकार कैसे बेहतर काम कर रही है और जनता का क्या फीडबैक है और क्या इच्छा है, यह सरकार को बताने का काम हमारा होगा.
दो विधायकों के साथ हुई अलग से बात
हेमाराम और दीपेंद्र सिंह और सुभाष महरिया से अलग बात करने पर अजय माकन ने कहा कि अब प्रदेश में कोई गुट नहीं है. हम सब लोग एक हैं हम सब लोग मिलकर काम कर रहे हैं. हमारी पूरी ताकत संगठन को और ज्यादा मजबूत करने, संगठन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय कैसे किया जा सके इसमें लगेगी.
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उन्होंने कहा कि केवल 2 विधायकों हेमाराम चौधरी और दीपेंद्र सिंह शेखावत से उन्होंने अलग से बात इसलिए की है, क्योंकि इससे पहले उन दोनों विधायकों की उनसे अलग से बात नहीं हुई थी. यह अलग से बात भी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के कहने पर की गई है. अन्यथा विधायक तो सबके साथ ही हमसे बात करने में इच्छुक थे.
वैसे तो माकन यह बात कहते हुए नजर आए कि अब राजस्थान में कोई गुट नहीं है. लेकिन पायलट कैंप के विधायक हेमाराम और दीपेंद्र सिंह के साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुभाष महरिया ने भी इस बात पर एतराज जताया कि जब वह प्रदेश प्रभारी से बात करें तो उस समय उनके अलावा और कोई नहीं हो, उनकी यह बात मानी भी गई और तीनों नेताओं से अजय माकन ने अलग से बात की.
नाराजगी किसी बात की नहीं...
अजय माकन ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि अब हम सब लोगों की बात आपस में हो चुकी है. अब कोई कैंप नहीं है. उन्होंने कहा की हर व्यक्ति को पार्टी में सम्मान मिलना चाहिए, यह कोई कैंप की बात नहीं है. बल्कि ऐसा तो हर जगह होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान में सीबीआई, ईडी का इस्तेमाल पॉलिटिकल बेनिफिट के लिए किया गया. वहीं, ये कहा जा रहा है कि माकन के साथ हुई बैठक में हेमाराम, दीपेंद्र सिंह शेखावत और सुभाष महरिया ने अपनी भड़ास निकाली है.
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पूजा वर्मा ने ज्वाइन की पार्टी
राजस्थान विश्वविद्यालय की अध्यक्ष पूजा वर्मा ने अपने सभी साथियों के साथ अजय माकन और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की.
बैठक में शामिल नहीं हो सके ये नेता
अजय माकन के साथ बैठक में 46 नेता मौजूद रहे. लेकिन पूर्व अध्यक्ष गिरिजा व्यास ,नारायण सिंह, भंवर जितेंद्र, रघुवीर मीणा, सचिन पायलट, जगन्नाथ पहाड़िया इस बैठक में नहीं पहुंचे.