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कृषि विभाग और टिड्डी चेतावनी संगठन ने अब तक 61 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में किया टिड्डी नियंत्रण

राजस्थान में कृषि विभाग और टिड्डी चेतावनी संगठन के प्रयास से प्रदेश में प्रभावी टिड्डी नियंत्रण किया जा रहा है. अब तक 61 हजार हेक्टयर से अधिक क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया जा चुका है. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी है.

Agriculture Department, Locust group, राजस्थान न्यूज़
राजस्थान में टिड्डी दल पर किया जा रहा नियंत्रण
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Published : May 27, 2020, 3:18 PM IST

जयपुर. प्रदेश के कृषि विभाग और टिड्डी चेतावनी संगठन ने मिलकर अब तक प्रदेश में 61 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया है. बताया जा रहा है कि कृषि विभाग को दौसा में चलाए गए टिड्डी नियंत्रण अभियान में अच्छी सफलता मिली है. कीटनाशक स्प्रे से भारी संख्या में टिड्डियों को मारने में कामयाबी मिली.

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि जहां भी टिड्डी दल आने की सूचना मिल रही है, वहां फौरन टिड्डी नियंत्रण कार्य किया जा रहा है. राज्य में 83 हजार 647 हेक्टयर में सर्वे कर 252 स्थानों पर 61 हजार 725 हेक्टयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया गया है. उन्होंने बताया कि जैसलमेर जिले में 4709 हेक्टयर, श्रीगंगानगर में 3435 हेक्टयर, जोधपुर में 7235 हेक्टयर, बाड़मेर में 8935 हेक्टयर, नागौर में 5485 हेक्टयर, पाली में 240 हेक्टयर, अजमेर में 1870 हेक्टयर, बीकानेर में 1224 हेक्टयर, भीलवाड़ा में 1180 हेक्टयर, जालोर में 830 हेक्टयर, उदयपुर में 565 हेक्टयर, चूरू में 575 हेक्टयर, सिरोही में 480 हेक्टयर, प्रतापगढ़ में 370 हेक्टयर, चित्तौड़गढ़ में 1150 हेक्टयर, दौसा में 585 हेक्टयर, झालावाड़ में 205 हेक्टयर, सीकर में 665 हेक्टयर, जयपुर में 265 हेक्टयर और करौली में 25 हेक्टयर में नियंत्रण किया गया है.

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लालचंद कटारिया ने बताया कि टिड्डी चेतावनी संगठन और टिड्डी नियंत्रण वृत्त की ओर से उच्चीकृत पौध संरक्षण उपकरणों से 40 हजार 28 हेक्टयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण करने के लिए 39 हजार 101 लीटर मैलाथियान और 96 प्रतिशत यूएलवी उपयोग में ली गई है. कृषि विभाग की ओर से 21 हजार 697 हेक्टयर में 8 हजार 463 लीटर पौध संरक्षण रसायन का अकृषि क्षेत्र में उपयोग कर टिड्डी नियंत्रण किया गया. इसके अलावा 3 हजार 46 काश्तकारों ने कृषि क्षेत्र में भी रसायन का उपयोग कर टिड्डी नियंत्रण किया. पौध संरक्षण रसायन की वास्तविक लागत या अधिकतम एक हजार रुपये प्रति हेक्टयर की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है.

पढ़ें: लॉकडाउनः एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट नहीं कर सके अपना शोध पूरा, ये रही वजह...

कृषि मंत्री ने बताया कि टिड्डियों के सर्वेक्षण के दौरान 120 वाहनों और नियंत्रण के लिए 45 वाहनों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है. साथ ही 800 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर और 3 हजार 200 वाटर टैंकर युक्त ट्रैक्टर की स्वीकृति जारी की जा चुकी है. कटारिया ने बताया कि कृषि आयुक्तालय ने टिड्डी प्रभावित और टिड्डी संभावित जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया है. राज्य स्तर पर टिड्डी दल के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए सजगता के साथ टिड्डी चेतावनी संगठन और टिड्डी नियंत्रण वृत्त जिलों से समन्वय स्थापित कर वांछित प्रयास कर रहा है.

जयपुर. प्रदेश के कृषि विभाग और टिड्डी चेतावनी संगठन ने मिलकर अब तक प्रदेश में 61 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया है. बताया जा रहा है कि कृषि विभाग को दौसा में चलाए गए टिड्डी नियंत्रण अभियान में अच्छी सफलता मिली है. कीटनाशक स्प्रे से भारी संख्या में टिड्डियों को मारने में कामयाबी मिली.

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि जहां भी टिड्डी दल आने की सूचना मिल रही है, वहां फौरन टिड्डी नियंत्रण कार्य किया जा रहा है. राज्य में 83 हजार 647 हेक्टयर में सर्वे कर 252 स्थानों पर 61 हजार 725 हेक्टयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया गया है. उन्होंने बताया कि जैसलमेर जिले में 4709 हेक्टयर, श्रीगंगानगर में 3435 हेक्टयर, जोधपुर में 7235 हेक्टयर, बाड़मेर में 8935 हेक्टयर, नागौर में 5485 हेक्टयर, पाली में 240 हेक्टयर, अजमेर में 1870 हेक्टयर, बीकानेर में 1224 हेक्टयर, भीलवाड़ा में 1180 हेक्टयर, जालोर में 830 हेक्टयर, उदयपुर में 565 हेक्टयर, चूरू में 575 हेक्टयर, सिरोही में 480 हेक्टयर, प्रतापगढ़ में 370 हेक्टयर, चित्तौड़गढ़ में 1150 हेक्टयर, दौसा में 585 हेक्टयर, झालावाड़ में 205 हेक्टयर, सीकर में 665 हेक्टयर, जयपुर में 265 हेक्टयर और करौली में 25 हेक्टयर में नियंत्रण किया गया है.

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लालचंद कटारिया ने बताया कि टिड्डी चेतावनी संगठन और टिड्डी नियंत्रण वृत्त की ओर से उच्चीकृत पौध संरक्षण उपकरणों से 40 हजार 28 हेक्टयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण करने के लिए 39 हजार 101 लीटर मैलाथियान और 96 प्रतिशत यूएलवी उपयोग में ली गई है. कृषि विभाग की ओर से 21 हजार 697 हेक्टयर में 8 हजार 463 लीटर पौध संरक्षण रसायन का अकृषि क्षेत्र में उपयोग कर टिड्डी नियंत्रण किया गया. इसके अलावा 3 हजार 46 काश्तकारों ने कृषि क्षेत्र में भी रसायन का उपयोग कर टिड्डी नियंत्रण किया. पौध संरक्षण रसायन की वास्तविक लागत या अधिकतम एक हजार रुपये प्रति हेक्टयर की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है.

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कृषि मंत्री ने बताया कि टिड्डियों के सर्वेक्षण के दौरान 120 वाहनों और नियंत्रण के लिए 45 वाहनों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है. साथ ही 800 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर और 3 हजार 200 वाटर टैंकर युक्त ट्रैक्टर की स्वीकृति जारी की जा चुकी है. कटारिया ने बताया कि कृषि आयुक्तालय ने टिड्डी प्रभावित और टिड्डी संभावित जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर दिया है. राज्य स्तर पर टिड्डी दल के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए सजगता के साथ टिड्डी चेतावनी संगठन और टिड्डी नियंत्रण वृत्त जिलों से समन्वय स्थापित कर वांछित प्रयास कर रहा है.

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