जयपुर. कोरोना की दूसरी लहर का कहर कम होने के बाद और अनलॉक में पब्लिक ट्रांसपोर्ट और वाहनों की आवाजाही को छूट देने के बाद एक बार फिर प्रदेश में प्रदूषण का स्तर दोबारा से बढ़ने लगा है. इसके साथ ही सांस के रोगियों की संख्या में भी दोबारा से बढ़ोतरी होने लगी है. वहीं प्रदेश में एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) दोबारा से बढ़ने लगा है. इसके चलते आमजन को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है.
प्रदेश में कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार की ओर से सख्त कदम उठाते हुए लॉकडाउन लगाया गया था और लॉकडाउन के दौरान वाहनों की आवाजाही और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सहित सभी चीजों को बंद किया गया था लेकिन अब अनलॉक के बाद दोबारा से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है. ऐसे में प्रदूषण का स्तर दोबारा से बढ़ने लगा है. हालांकि अभी भी आमजनों की ओर से सतर्कता नहीं बरती जा रही है. वहीं प्रदेश में एयर क्वालिटी इंडेक्स रेड जोन के करीब होता जा रहा है. कुछ क्षेत्रों में AQI 150 के पार पहुंच गया है.
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कोरोना के दौर में सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन का सख्त पहलू भी सामने आया था. प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 के अंदर तक पहुंच गया था. वहीं जयपुर की बात की जाए तो क्वालिटी इंडेक्स 50 के अंदर आ गया था जो कि ग्रीन श्रेणी में माना जाता है और यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी बताया जाता है, लेकिन अब दोबारा से प्रदेश में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है.
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SMS हॉस्पिटल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि कोरोना का एक अच्छा पहलू देखने को मिला था और प्रदेश के प्रदूषण स्तर में कमी आई थी. प्रदीप शर्मा ने बताया कि वाहनों की ओर से बढ़ रहे प्रदूषण को भी हमें सोचना चाहिए. प्रदीप शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान वाहनों की आवाजाही बंद होने से प्रदूषण काफी हद तक कम हो गया था.
ऐसे में हमें अभी भी सतर्कता बरतते हुए भीड़भाड़ में जाने से बचना चाहिए और वाहनों का उपयोग कम करना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करना चाहिए जिससे प्रदेश में बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर पर रोक लगाई जा सके. प्रतिदिन प्रदूषण का स्तर बढ़ने से अस्थमा के मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.
प्रमुख शहरों का प्रदूषण का आंकड़ा
शहर | AQI |
अजमेर | 149 |
भीलवाड़ा | 120 |
बीकानेर | 136 |
चित्तौड़गढ़ | 156 |
भिवाड़ी | 160 |
जयपुर | 136 |
जोधपुर | 137 |