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राजस्थान : उपचुनाव में होगी कांग्रेस और भाजपा की अग्रिनपरीक्षा, जमीनी पकड़ मजबूत करने में जुटे दोनों दल

राजस्थान में 90 निकायों के चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर है. सत्तारूढ़ कांग्रेस की तुलना में भाजपा ने उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारी तेज कर दी है. वहीं, प्रत्याशी चयन को लेकर भी फिलहाल भाजपा कांग्रेस से आगे दिख रही है. वो इसलिए, क्योंकि भाजपा इसके लिए निजी एजेंसी से सर्वे भी करवा रही है. हालांकि, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इस उपचुनाव को सेमीफाइनल भी माना जा रहा है.

after the election of 90 bodies
बकी निगाहें 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर
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Published : Jan 29, 2021, 8:14 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 8:20 PM IST

जयपुर. निकाय चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर है, लेकिन इस 'जंग' में कांग्रेस की तुलना में भाजपा आगे दिख रही है. वहीं, कांग्रेस की बात की जाए तो उपचुनाव क्षेत्रों में अबतक सत्तारूढ़ दल की तरफ से ना कोई बड़ी बैठक हुई है और ना ही बड़े नेताओं के कोई बड़े चुनावी दौरे.

बकी निगाहें 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर

दरअसल, 4 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की अब तक तारीख तय नहीं की गई, लेकिन उससे पहले भाजपा ने धरातल पर इसकी तैयारी शुरू कर दी है. वहीं, सत्तारूढ़ कांग्रेस इसमें थोड़ी पीछे नजर आ रही है. उपचुनाव का परिणाम आने वाले विधानसभा के चुनाव के परिणामों को दर्शाने का काम करेगा. ऐसे में भाजपा चाहती है कि हर हाल में उपचुनाव में जीत दर्ज की जाए. यही कारण है कि जिताऊ प्रत्याशी के चयन के लिए स्थानीय इकाई और रायशुमारी के अलावा निजी एजेंसी के माध्यम से भी सर्वे करवाया जा रहा है, पूनिया तो यही कह रहे हैं.

after the election of 90 bodies in rajasthan
मैं उपचुनाव की अग्नि परीक्षा के लिए तैयार : पूनिया

यहां आपको बता दें कि 4 में से एक सीट पर भाजपा का कब्जा था, जबकि तीन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा रहा था. अब जब उपचुनाव होंगे तो भाजपा की कोशिश रहेगी कि चारों सीटों पर भाजपा का कमल खिले या कम से कम जो सीट कब्जे में है उसके अलावा कुछ और सीटें भी भाजपा के पास आए. उपचुनाव परिणाम को पार्टी के प्रदेश से जुड़े बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा से भी जोड़कर देखा जा रहा है. खास तौर पर उपचुनाव उनकी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कहते हैं कि वे इस परीक्षा के लिए भी तैयार हैं.

पढ़ें : कर्नल सोनाराम चौधरी ने कांग्रेस ज्वॉइन करने की खबरों को बताया अफवाह

कुछ चुनाव की तारीखों का फिलहाल ऐलान होना बाकी है, लेकिन उससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया 3 विधानसभा सीटों पर अपने दौरे कर चुके हैं. इसी में अब आने वाले दिनों में इन उपचुनाव को जीतने के लिए भाजपा अलग-अलग गुटों में ना दिखे, इसके भी प्रयास होना जरूरी है. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की मानें तो आगामी दिनों में तमाम प्रमुख नेताओं के इन उपचुनाव क्षेत्रों में दौरे होते दिखेंगे तो पार्टी एक मुखी होकर ना केवल चुनाव लड़ेगी, बल्कि जीतेगी भी.

कांग्रेस और भाजपा के इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर...

उपचुनाव के परिणाम दोनों ही प्रमुख दलों के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा से जुड़े हैं, क्योंकि उपचुनाव में यदि भाजपा अपनी पुरानी सीट राजसमंद के अलावा कोई भी सीट फतह करती है तो यह बीजेपी के प्लस में जाएगी. लेकिन दिक्कत कांग्रेस की रहेगी, क्योंकि मौजूदा 4 में से 3 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. ऐसे में कांग्रेस के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती होगी तीनों विधानसभा सीट सहाड़ा, सुजानगढ़ और वल्लभ नगर को जीतने के साथ राजसमंद में भी जीत का पताका लहराना. यही कारण है कि यह उपचुनाव दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेताओं के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है.

डोटासरा ने किया कांग्रेस की जीत का दावा

डोटासरा ने किया कांग्रेस की जीत का दावा...

राजस्थान में उपचुनाव वाली विधानसभा सीटों पर कार्यकर्ताओं का नब्ज टोटलने के लिए राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा मेवाड़ दौरे पर निकले हैं. शुक्रवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए डोटासरा ने कहा कि जहां-जहां चुनाव होने हैं, वहां पर कांग्रेस पार्टी ने अपनी टीम लगा दी है और प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. जिले के प्रभारी मंत्री और पीसीसी के पदाधिकारी अपनी मीटिंग ले रहे हैं. 90 निकायों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं. रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर जगह निकायों में कांग्रेस की जीत होगी और इन चार विधानसभा के निकायों में भी कांग्रेस पार्टी चुनाव जीत रही है. इससे कांग्रेस कार्यकर्ता उत्साहित है. उन्होंने कहा कि जो विकास के कार्य लोग चाहते हैं और कोरोना का जिस तरीके से राजस्थान सरकार ने काम किया है, उससे हमें उम्मीद है कि निकाय चुनाव में ही नहीं, बल्कि इन चार उप चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतेगी.

जयपुर. निकाय चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर है, लेकिन इस 'जंग' में कांग्रेस की तुलना में भाजपा आगे दिख रही है. वहीं, कांग्रेस की बात की जाए तो उपचुनाव क्षेत्रों में अबतक सत्तारूढ़ दल की तरफ से ना कोई बड़ी बैठक हुई है और ना ही बड़े नेताओं के कोई बड़े चुनावी दौरे.

बकी निगाहें 4 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर

दरअसल, 4 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की अब तक तारीख तय नहीं की गई, लेकिन उससे पहले भाजपा ने धरातल पर इसकी तैयारी शुरू कर दी है. वहीं, सत्तारूढ़ कांग्रेस इसमें थोड़ी पीछे नजर आ रही है. उपचुनाव का परिणाम आने वाले विधानसभा के चुनाव के परिणामों को दर्शाने का काम करेगा. ऐसे में भाजपा चाहती है कि हर हाल में उपचुनाव में जीत दर्ज की जाए. यही कारण है कि जिताऊ प्रत्याशी के चयन के लिए स्थानीय इकाई और रायशुमारी के अलावा निजी एजेंसी के माध्यम से भी सर्वे करवाया जा रहा है, पूनिया तो यही कह रहे हैं.

after the election of 90 bodies in rajasthan
मैं उपचुनाव की अग्नि परीक्षा के लिए तैयार : पूनिया

यहां आपको बता दें कि 4 में से एक सीट पर भाजपा का कब्जा था, जबकि तीन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा रहा था. अब जब उपचुनाव होंगे तो भाजपा की कोशिश रहेगी कि चारों सीटों पर भाजपा का कमल खिले या कम से कम जो सीट कब्जे में है उसके अलावा कुछ और सीटें भी भाजपा के पास आए. उपचुनाव परिणाम को पार्टी के प्रदेश से जुड़े बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा से भी जोड़कर देखा जा रहा है. खास तौर पर उपचुनाव उनकी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कहते हैं कि वे इस परीक्षा के लिए भी तैयार हैं.

पढ़ें : कर्नल सोनाराम चौधरी ने कांग्रेस ज्वॉइन करने की खबरों को बताया अफवाह

कुछ चुनाव की तारीखों का फिलहाल ऐलान होना बाकी है, लेकिन उससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया 3 विधानसभा सीटों पर अपने दौरे कर चुके हैं. इसी में अब आने वाले दिनों में इन उपचुनाव को जीतने के लिए भाजपा अलग-अलग गुटों में ना दिखे, इसके भी प्रयास होना जरूरी है. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की मानें तो आगामी दिनों में तमाम प्रमुख नेताओं के इन उपचुनाव क्षेत्रों में दौरे होते दिखेंगे तो पार्टी एक मुखी होकर ना केवल चुनाव लड़ेगी, बल्कि जीतेगी भी.

कांग्रेस और भाजपा के इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर...

उपचुनाव के परिणाम दोनों ही प्रमुख दलों के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा से जुड़े हैं, क्योंकि उपचुनाव में यदि भाजपा अपनी पुरानी सीट राजसमंद के अलावा कोई भी सीट फतह करती है तो यह बीजेपी के प्लस में जाएगी. लेकिन दिक्कत कांग्रेस की रहेगी, क्योंकि मौजूदा 4 में से 3 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. ऐसे में कांग्रेस के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती होगी तीनों विधानसभा सीट सहाड़ा, सुजानगढ़ और वल्लभ नगर को जीतने के साथ राजसमंद में भी जीत का पताका लहराना. यही कारण है कि यह उपचुनाव दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेताओं के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है.

डोटासरा ने किया कांग्रेस की जीत का दावा

डोटासरा ने किया कांग्रेस की जीत का दावा...

राजस्थान में उपचुनाव वाली विधानसभा सीटों पर कार्यकर्ताओं का नब्ज टोटलने के लिए राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा मेवाड़ दौरे पर निकले हैं. शुक्रवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए डोटासरा ने कहा कि जहां-जहां चुनाव होने हैं, वहां पर कांग्रेस पार्टी ने अपनी टीम लगा दी है और प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं. जिले के प्रभारी मंत्री और पीसीसी के पदाधिकारी अपनी मीटिंग ले रहे हैं. 90 निकायों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं. रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर जगह निकायों में कांग्रेस की जीत होगी और इन चार विधानसभा के निकायों में भी कांग्रेस पार्टी चुनाव जीत रही है. इससे कांग्रेस कार्यकर्ता उत्साहित है. उन्होंने कहा कि जो विकास के कार्य लोग चाहते हैं और कोरोना का जिस तरीके से राजस्थान सरकार ने काम किया है, उससे हमें उम्मीद है कि निकाय चुनाव में ही नहीं, बल्कि इन चार उप चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी चुनाव जीतेगी.

Last Updated : Jan 29, 2021, 8:20 PM IST
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