जयपुर. शहर में बीते 4 दिन से चल रहे हेरिटेज निगम के सफाई कर्मचारियों का धरना सोमवार को खत्म हुआ. 25 जनवरी से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे चुके सफाई कर्मचारियों की मांगों को सुनने खुद मंत्री डॉ महेश जोशी (Minister Mahesh Joshi assured the sanitation worker) निगम मुख्यालय पहुंचे. यहां 2 घंटे तक चली वार्ता के बाद उन्होंने कर्मचारियों की सभी मांगों को 7 दिन में पूरा करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद कर्मचारी नेताओं (protest of the cleaning worker postponed) ने आंदोलन स्थगित किया.
शहर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था किसी से छुपी हुई नहीं है. ग्रेटर नगर निगम में बीवीजी कंपनी आधे-अधूरे संसाधनों के साथ काम कर रही है तो वहीं हेरिटेज नगर निगम 2 जोन में किराए के हूपर और 2 जोन में अपने संसाधनों से डोर टू डोर कचरा संग्रहण और रोडसाइड कचरा डिपो को हटाने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है.
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हेरिटेज निगम का टारगेट रोजाना 650 से 700 टन कचरा संग्रहण का है, लेकिन अभी तकरीबन 483 टन कचरा ही कलेक्ट हो रहा है. ऐसे में रोड पर ओपन कचरा डिपो की संख्या बढ़ती जा रही है. इस बीच हेरिटेज नगर निगम के सफाई कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी. सफाई कर्मचारियों का आरोप था कि समानीकरण के नाम पर सेवानिवृत्त होने जा रहे कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जा रहा है.
जून 2021 का बकाया वेतन अब तक नहीं दिया गया, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के ग्रेचुएटी, पीएल, पीएफ का भुगतान भी रोक रखा है. आरोप है कि बीवीजी कंपनी के टर्मिनेट होने के बाद बेरोजगार हुए सफाई कर्मचारी रोजगार के लिए भटक रहे हैं और महापौर समानीकरण की आड़ में नए लगाए गए अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
मामले की गंभीरता को समझते हुए कैबिनेट मंत्री डॉ महेश जोशी मुख्यालय में धरना दे रहे सफाई कर्मचारियों से करीब 2 घंटे वार्ता की और सफाई कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि उनकी सभी मांगे अगले 7 दिन में निस्तारित कर दी जाएगी. इसके बाद अनशन कर रहे सफाई कर्मचारियों को जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया.
आपको बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण तैयारियों को लेकर शहर के दोनों निगमों को 1 महीने का समय और मिल गया. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अभियान को 1 महीने आगे बढ़ा दिया गया है. निगमों के लिए ये राहत की बात जरूर है. लेकिन हेरिटेज नगर निगम ने जब से बीवीजी कंपनी को टर्मिनेट किया है, तभी से खड़ी हुई चुनौतियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं.