जयपुर. गहलोत मंत्रिमंडल के पुनर्गठन (Gehlot Cabinet Expansion) के तुरंत बाद 6 विधायकों की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के सलाहकार (CM advisors) के रूप में नियुक्ति की गई. इसे भाजपा ने असंवैधानिक करार दिया है. इस मामले में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (bjp leader rajendra rathore) ने राज्यपाल को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है. राठौड़ ने इस मामले को लेकर कोर्ट की शरण में जाने की चेतावनी भी दी है.
असंतोष शांत करने के लिए असंवैधानिक रूप से बाटी रेवड़ियां, ये कहता है कानून
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ (bjp leader rajendra rathore) ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने कांग्रेस विधायक दल और सरकार में असंतोष को शांत करने के लिए असंवैधानिक रूप से 6 विधायकों को सलाहकार (CM advisors) की नियुक्ति के रूप में रेवड़ियां बांट दी जो संवैधानिक प्रावधानों को तोड़कर किया गया कृत्य है. राठौड़ के अनुसार बगैर विधानसभा में कानून बनाए पोस्ट ऑफ प्रॉफिट पर सलाहकारों की नियुक्ति करना कानूनी रूप से असंवैधानिक है.
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राठौड़ ने कहा कि संविधान का आर्टिकल 191 (A) यह साफ तौर पर कहता है कि विधानसभा में कानून बनाए बिना पोस्ट ऑफ प्रॉफिट के नाम पर इस प्रकार की नियुक्ति नहीं की जा सकती है. स्टेट लिस्ट में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि राज्य सरकार अपने स्तर पर सीएम सलाहकार या संसदीय सचिवों की नियुक्ति कर ले. राठौड़ ने कहा कि लोकसभा के बाद में संशोधन के बाद आए आर्टिकल 164 (1A) के जरिए विधानसभा सदस्यों की संख्या अनुरूप मंत्री परिषद की अधिकतम सीमा 15% तक लगाने का कैंप लगाया गया ताकि सरकारी अपने हिसाब से असंवैधानिक नियुक्तियां न करें लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री सलाहकार की नियुक्ति कर यह काम कर दिया गया.
जा सकती है ऐसे विधायकों की सदस्यता -राठौड़
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर करीब आधा दर्जन हाईकोर्ट में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक ठहराया गया. वहीं मुख्यमंत्री सलाहकार की नियुक्ति पोस्ट ऑफ प्रॉफिट के आधार पर पूरी तरह गलत है. राठौड़ ने कहा कि हमें ऐसी जानकारी है कि मुख्यमंत्री सलाहकार बनाए गए इन 6 विधायकों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है लेकिन कानून के अनुसार न तो इन्हें कोई दर्जा मिल सकता है और न ही कोई भत्ता और सुविधा लेने का हक है, अलबत्ता पोस्ट ऑफ प्रॉफिट में इन विधायकों की सदस्यता भी जा सकती है.
इन छह विधायकों को किया गया नियुक्त
रविवार को मुख्यमंत्री सलाहकार के रूप में विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह, बाबूलाल नागर, राजकुमार शर्मा, संयम लोढ़ा, रामकेश मीणा और दानिश अबरार को नियुक्त किया गया है और अब इस नियुक्ति पर भाजपा सवाल खड़े कर रही है.
विद्रोह की चिंगारी लगी है जिसका धुआं दिख रहा है- राठौड़
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद उठे विद्रोह के स्वर को लेकर भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. राठौड़ ने कहा कि पुनर्गठन के बाद कांग्रेस में विद्रोह की चिंगारी लग चुकी है जिसका धुआं साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. फिर चाहे वरिष्ठ विधायक दयाराम परमार की ओर से मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र हो या फिर जोहरी लाल मीणा और विधायक साफिया का विरोध भरा बयान खुद कांग्रेस के विधायकों ने मंत्रिमंडल पुनर्गठन पर सवालिया निशान लगा दिया है राठौड़ ने कहा अब समय देखिए और समय की धार देखिए क्योंकि कांग्रेस विधायक दल में मतभेद नहीं बल्कि मतभेद है और इसके अलावा उठेगा तो जागरूक विपक्ष के नाते हमें जो भी कुछ करना होगा वो हम भी करेंगे.