जयपुर. कोरोना वायरस संकट के बीच राज्य सत्कार ने एक बार फिर माइनिंग, इंडस्ट्रीज और कमर्शियल भूमि मालिकों से टैक्स वसूली प्रक्रिया शुरू की है. इसको लेकर वित्त विभाग ने आदेश जारी किया है. इसके अनुसार अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए 6 साल बाद एक बार फिर ये टैक्स व्यवस्था लागू कर दी है. इसे साल 2013 में खत्म किया गया था.
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फिर से लागू की गई इस व्यवस्था के तहत 10 हजार वर्ग से ज्यादा क्षेत्र की चिन्हित उपयोग की आवंटित जमीन पर टैक्स लगेगा. टैक्स 20 पैसे से 210 रुपये प्रति वर्ग मीटर की गई है. इससे सालाना 350 से 400 करोड़ रुपये राजस्व मिलने का आंकलन किया जा रहा है. हालांकि जहां भूमि पर यूडी या पंचायत टैक्स लगता है, वो मालिक इसके दायरे से बाहर होंगे.
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बता दें कि राज्य में इस तरह का भूमि टैक्स सिस्टम साल 2006 में लागू किया गया था. साल 2013 में इसे खत्म कर दिया गया था. अब 6 साल बाद सरकार ने फिर से लागू किया है. नवंबर 2019 में इसे दोबारा लागू करने का निर्णय लिया गया था. इसलिए पुराने कानून में बदलाव किया गया. इसके तहत टैक्स दाता खुद अपनी भूमि पर टैक्स मूल्यांकन कर टैक्स रिटर्न भर सकेगा.