जयपुर. लॉकडाउन के दौरान जप्त किए गए वाहनों को छुड़वाने के लिए वकील और पक्षकार मिनी सचिवालय स्थित मोबाइल कोर्ट में सोशल डिस्टेंसिंग रखना ही भूल गए. इस दौरान कोर्ट कक्ष और परिसर में वकील और पक्षकारों के बीच 1 मीटर की दूरी होना तो दूर 1 इंच की दूरी भी नहीं दिख रही थी. वहीं, तीनों मोबाइल कोर्ट ने करीब 500 वाहनों को रिलीज करने के आदेश जारी किए.
दरअसल, हुआ यूं कि वहां छुड़वाने के लिए करीब 300 से ज्यादा वकील और पक्षकार कोर्ट परिसर में इकट्ठे हुए. इस दौरान कोर्ट संख्या - 29 में जब्त वाहन के ज्यादा मामले लंबित होने के कारण वहां अच्छी खासी भीड़ जमा हो गई. इस बीच वहां एकत्रित सभी वकील और पक्षकार सोशल डिस्टेंसिंग ही रखना भूल गए. हालात यह रहे कि कोर्ट कक्ष के साथ ही बाहर छोटी सी गैलरी में भी बड़ी संख्या में वकील आपस में एक-दूसरे सट कर खड़े थे.
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इस संबंध में जयपुर दी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल चौधरी का कहना है कि कोर्ट परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जब्त वाहनों की सुपुर्दगी के मामलों की सुनवाई के लिए फिलहाल तीन कोर्ट काम कर रही हैं. तीनों कोर्ट में वाहन सुपुर्दगी के करीब 7000 आवेदन लंबित थे. इनमें से कोर्ट ने 2000 वाहनों को पिछले 4 दिनों में रिलीज कर दिया है. आवेदनों की अधिक संख्या को देखते हुए इन मामलों की सुनवाई के लिए अलग से तीन-चार कोर्ट और खुलवाने के लिए जिला न्यायालय प्रशासन को भी आग्रह किया जा चुका है.
चौधरी का कहना है कि पीठासीन अधिकारी को आवेदन पत्र लेने के बाद टोकन जारी करना चाहिए था या वकीलों को एक- एक कर अदालत कक्ष में प्रवेश देना चाहिए था. ऐसा नहीं करने के चलते अदालत में संक्रमण की आशंका काफी बढ़ गई.