जयपुर. हाउसिंग बोर्ड को नियमन के अधिकार देने की मांग पर यूडीएच मंत्री ने असहमति जताई है. धारीवाल ने बोर्ड कमिश्नर की मांग पर कहा कि जो काम जिसका है, वह उसे ही करने दिया जाए. साथ ही धारीवाल ने हाउसिंग बोर्ड को खेल गांव स्टेडियम प्रोजेक्ट के बारे में भी सोचना बंद कर देने की बात कही. आज हाउसिंग बोर्ड योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान बोर्ड आयुक्त पवन अरोड़ा ने कुछ मांगें भी रखी. जिनमें अतिक्रमण हटाने, रेवेन्यू वसूली के लिए बोर्ड को अधिकार देने, बोर्ड में रिक्त पदों पर भर्ती करने, कोर्ट में लंबित मसलों का समझौते के तहत निस्तारण करने, बोर्ड की अवाप्तशुदा जमीनों पर बसी अवैध कॉलोनी के नियमन के अधिकार बोर्ड को देने सहित कई मांगें रखी.
इस पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने आयुक्त की अवैध कॉलोनियों के नियमन के अधिकार देने की मांग पर असहमति जता दी. उनका कहना रहा कि जो काम जिसका है, वह उसे ही करने दिया जाए. पूरे प्रदेश में अवैध बोर्ड या सरकारी जमीनों पर बसी अवैध कॉलोनियां यूआईटी, विकास प्राधिकरण ही करते आ रहे हैं और आगे भी वही करेंगे.
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धारीवाल ने आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा के खेल गांव और अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम विकसित करने की प्लानिंग पर भी विराम लगा दिया. धारीवाल ने कहा कि आप खेल गांव स्टेडियम के बारे में सोचना बंद करें. शहर में पहले ही पांच अलग-अलग जगह स्टेडियम हैं. अब दूसरे स्टेडियम और खेल गांव बनाने से क्या होगा. ये काम सरकार का है और सरकार ही करेगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान क्रिकेट एकेडमी के लिए सरकार ने जमीन चिन्हित कर ली है और यहां वर्ल्ड क्लास स्टेडियम बनाया जाएगा.
इस दौरान धारीवाल ने एक बार फिर बोर्ड को जयपुर में छोड़कर कहीं दूसरे छोटे शहरों में मकान बनाकर बेचने की नसीहत दोहराई. उन्होंने कहा कि जयपुर में बिल्डरों का कंपीटिशन नहीं किया जा सकता. ऐसे में हाउसिंग बोर्ड को छोटे शहरों का रुख करना चाहिए.