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कांस्टेबल भर्ती: 2018 में बारां और बूंदी जिलों के भर्ती का रिकॉर्ड पेश करें एडीजी, 15 दिन में करें मामले की जांच

राजस्थान हाईकोर्ट ने 2018 की बारां और बूंदी जिलों में हुई कांस्टेबल भर्ती की ओएमआर शीट में कांट-छांट करने से जुड़े मामले में एडीजी-भर्ती से 3 मार्च को भर्ती का रिकॉर्ड तलब किया है. इसके साथ ही इस गड़बड़ी की 15 दिन में जांच करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

Constable Recruitment 2018,  Rajasthan High Court Order
कांस्टेबल भर्ती
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Published : Feb 10, 2021, 11:02 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 2018 की बारां और बूंदी जिलों में हुई कांस्टेबल भर्ती की ओएमआर शीट में कांट-छांट करने से जुड़े मामले में एडीजी-भर्ती से 3 मार्च को भर्ती का रिकॉर्ड तलब किया है. इसके साथ ही इस गड़बड़ी की 15 दिन में जांच करने के निर्देश भी दिए गए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश किशन कुमार यादव अन्य याचिकाओं पर दिए.

कांस्टेबल भर्ती

अदालत ने कहा कि यदि किसी अन्य जगह पर भी भर्ती में ऐसी गड़बड़ी हुई है तो उसकी भी जांच की जाए. मामले की सुनवाई के दौरान अदालती आदेश के पालन में प्रार्थियों की मूल ओएमआर शीट पेश की गई, जिसमें प्रार्थियों द्वारा भरे गए गोले दर्शाए गए थे. जबकि आरटीआई के जरिए मिली कॉपी में कई उत्तरों में फ्लूड लगाकर संशोधन किया गया था. यह जानकारी सामने आने पर अदालत ने एडीजी भर्ती को दोनों जिलों की भर्ती का रिकॉर्ड भी अदालत में पेश करने का निर्देश दिए.

पढ़ें- 'मंदिर निर्माण और RSS के खिलाफ सांप्रदायिक वातावरण बना रही कांग्रेस'...धारीवाल ने दिया ये जवाब

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि याचिकाकर्ता बूंदी जिले में हुई कांस्टेबल भर्ती में शामिल हुआ था. उसकी ओएमआर शीट में गड़बड़ी की गई है. याचिकाकर्ता ने ओएमआर शीट में प्रश्नों के जवाब में जो गोले भरे थे उनमें से 6 जवाबों में गाेलों को मिटा दिया है. ऐसे में उसकी मूल ओएमआर शीट में कांट-छांट हुई है, जिसके चलते याचिकाकर्ता कांस्टेबल भर्ती में चयनित होने से वंचित रह गए. इसलिए मामले की सीबीआई जांच करवाई जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 2018 की बारां और बूंदी जिलों में हुई कांस्टेबल भर्ती की ओएमआर शीट में कांट-छांट करने से जुड़े मामले में एडीजी-भर्ती से 3 मार्च को भर्ती का रिकॉर्ड तलब किया है. इसके साथ ही इस गड़बड़ी की 15 दिन में जांच करने के निर्देश भी दिए गए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश किशन कुमार यादव अन्य याचिकाओं पर दिए.

कांस्टेबल भर्ती

अदालत ने कहा कि यदि किसी अन्य जगह पर भी भर्ती में ऐसी गड़बड़ी हुई है तो उसकी भी जांच की जाए. मामले की सुनवाई के दौरान अदालती आदेश के पालन में प्रार्थियों की मूल ओएमआर शीट पेश की गई, जिसमें प्रार्थियों द्वारा भरे गए गोले दर्शाए गए थे. जबकि आरटीआई के जरिए मिली कॉपी में कई उत्तरों में फ्लूड लगाकर संशोधन किया गया था. यह जानकारी सामने आने पर अदालत ने एडीजी भर्ती को दोनों जिलों की भर्ती का रिकॉर्ड भी अदालत में पेश करने का निर्देश दिए.

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याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि याचिकाकर्ता बूंदी जिले में हुई कांस्टेबल भर्ती में शामिल हुआ था. उसकी ओएमआर शीट में गड़बड़ी की गई है. याचिकाकर्ता ने ओएमआर शीट में प्रश्नों के जवाब में जो गोले भरे थे उनमें से 6 जवाबों में गाेलों को मिटा दिया है. ऐसे में उसकी मूल ओएमआर शीट में कांट-छांट हुई है, जिसके चलते याचिकाकर्ता कांस्टेबल भर्ती में चयनित होने से वंचित रह गए. इसलिए मामले की सीबीआई जांच करवाई जाए.

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