जयपुर. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत सभी जिलों में शेष बचे गांवों के प्रस्ताव तैयार कर बिना किसी विलम्ब के राज्य स्तर पर भेजने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने जेजेएम की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस बारे में जिलों से समन्वय स्थापित करे ताकि इस माह के अंत में प्रस्तावित राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएससी) की बैठक में प्रदेश के बकाया गांवों में हर घर नल कनेक्शन की अधिकांश स्वीकृतियां जारी की जा सके. पंत बुधवार को शासन सचिवालय में वीडियों कांफ्रेंसिंग से प्रदेश में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे.
एसीएस ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जेजेएम में इस वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप हर घर नल कनेक्शन की प्रगति, बजट की उपलब्धता और उपयोग के साथ ही लक्षित गांवों के सभी घरों में नल कनेक्शन (सैचूरेशन) जैसे बड़े मुद्दों पर फोकस कर सख्त मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके लिए प्रदेश में शेष गांवों के हर घर नल कनेक्शन के सभी प्रस्तावों को जल्दी स्वीकृति देने पर बल दिया जा रहा है. उन्होंने जल जीवन मिशन की स्टेट टीम के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रदेश में जेजेएम से जुड़े क्रियान्वयन पक्ष की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रीजन, सर्किल एवं जिलों की सघन मॉनिटरिंग से तकनीकी स्वीकृतियां, निविदा एवं वर्क ऑर्डर जैसे तकनीक कार्यों की पेंडेंसी को जल्द से जल्द खत्म करें.
पंत ने जेजेएम में जिलों में अधीक्षण अभियंता, रीजनल स्तर पर अतिरिक्त मुख्य अभियंता और राज्य स्तरीय टीम के स्तर पर लम्बित तकनीकी कार्यों में गति लाने के निर्देश देते हुए कहा सभी सम्बंधित अधिकारी इसे गम्भीरता से लेते हुए धरातल पर हर घर नल कनेक्शन देने के कार्य को आगे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में इन कार्यों में किसी प्रकार भी की शिथिलता या लापरवाही मिली तो सम्बंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी.
पढ़ें- बेखौफ बदमाश! घर में सो रहे व्यक्ति पर फायरिंग...पुलिस पर भी बोला हमला, 2 गिरफ्तार
एसीएस ने वीसी में मेजर प्रोजेक्ट्स के अलावा ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के अब तक स्वीकृत कार्यों की तुलना में रीजन, सर्किल और जिला स्तर पर तकनीकी स्वीकृतियां और निविदाएं जारी करने और हर घर नल कनेक्शन के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की. इसमें पाया गया कि एसएलएससी की बैठकों में स्वीकृत 9101 गांवों की योजनाओं में से अब तक 5 हजार 451 गांवों की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 3671 योजनाओं की निविदाएं जारी कर दी गई है. बूंदी और चुरू में तकनीकी स्वीकृतियों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. बारां में 97 प्रतिशत, भीलवाड़ा में 96 प्रतिशत तथा जयपुर एवं सीकर में 93-93 प्रतिशत तकनीकी स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है. इसकी तुलना में प्रदेश में अंतिम पांच स्थान वाले जिलों में जैसलमेर में अब 85 प्रतिशत, करौली एवं श्रीगंगानगर में 72-72 प्रतिशत, अजमेर में 71 प्रतिशत तथा जालौर में 65 प्रतिशत तकनीकी स्वीकृतियां जारी करने का काम बकाया है.
पूर्व में स्वीकृृत कार्यों में निविदाएं जारी करने का काम जयपुर, बूंदी एवं चुरू में पूर्ण कर लिया गया है. सीकर 91 प्रतिशत और भीलवाड़ा 80 प्रतिशत उपलब्धि के साथ शीर्ष 5 जिलों में शामिल है. वहीं सबसे कम प्रगति वाले 5 जिलों में जैसलमेर में 96 प्रतिशत, पाली में 89 प्रतिशत, अजमेर में 87 प्रतिशत, श्रीगंगानगर में 86 प्रतिशत तथा धौलपुर में 82 प्रतिशत कार्य बकाया है. वीसी में बताया गया कि प्रदेश में अब तक स्वीकृत योजनाओं में से 1312 के कार्यादेश जारी कर दिए गए है, इनमें से 919 योजनाओं में धरातल पर हर घर नल कनेक्शन का कार्य शुरू कर दिया गया है. एसीएस ने कार्यादेश जारी करने के बाद शेष प्रकरणों में भी मौके पर शीघ्र कार्य शुरू कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. उन्होंने वार्षिक डाटा अपडेशन के कार्य को भी प्राथमिकता से पूरा करने के भी निर्देश दिए.