जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत नाम हस्तांतरण, भवन निर्माण अनुमति, भवन उप विभाजन/पुनर्गठन सहित दूसरे कार्यों में यूडीएच के अधीन निकायों में तेजी से काम हो रहा है. जबकि एलएसजी के निकाय पिछड़े हुए हैं. इसे लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं.
वहीं, अब अभियान को गति देने के लिए लापरवाह कर्मचारियों पर सख्ती के आदेश जारी किए गए हैं. एलएसजी सचिव भवानी सिंह देथा ने अभियान में होने वाले कार्यों के सुचारू संचालन के लिए राजस्थान सिविल सेवा नियम, 1958 के नियम 15 के उप-नियम (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला कलेक्टर और स्थानीय निकाय विभाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक को उनके क्षेत्राधिकार में कार्यरत नगरपालिका के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही बरतने पर कार्रवाई करने की शक्तियां प्रदान की है.
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राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के नियम 17 के अधीन लघु शास्तियां (अधिकतम दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने तक) अधिरोपित करने के लिए सशक्त किया गया है. इसके साथ ही स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक दीपक नंदी ने अभियान के सफल संचालन के लिए नगर परिषद ने आयुक्त के पद पर कार्यरत अधिकारियों को जिला प्रभारी अधिकारियों के साथ नगर पालिकाओं के लिए सह प्रभारी के रूप में काम करने के आदेश जारी किए हैं.
आपको बता दें कि अब तक जहां यूडीएच के 17 निकायों में 66 फीसदी पट्टे जारी किए गए हैं. वहीं, एलएसजी के 213 निकायों में 29 फीसदी पट्टे ही जारी किए जा सकते हैं. ऐसे में अब विभाग ने सख्त रुख अख्तियार किया है.