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PFI In Rajasthan: गहलोत सरकार भी PFI को लेकर सख्त, गृह विभाग ने कार्रवाई के लिए अधिकारियों को किया अधिकृत

PFI को लेकर राज्य सरकार भी सख्त हो गई है (Action on PFI In Rajasthan). केंद्रीय गृहमंत्रालय की अधिसूचना के बाद राज्य गृह विभाग ने भी आदेश जारी कर अधिकारियों को अधिकृत कर दिया है.

PFI In Rajasthan
गहलोत सरकार भी PFI को लेकर सख्त
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Published : Sep 29, 2022, 9:54 AM IST

जयपुर. पीएफआई पर केंद्र सरकार की सख्ती जारी है (Action on PFI In Rajasthan). पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके आठ सहयोगी संगठनों को देश के लिए खतरा बताते हुए इन पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बैन को लेकर जारी आदेश के बाद राज्य सरकार ने भी पीएफआई को लेकर सख्ती जताई है. राज्य के गृह विभाग की ओर से आदेश जारी कर PFI पर कार्रवाई को लेकर उच्च स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है.

आदेश में क्या?: गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पीएफआई और उसके आठ सहयोगी संगठनों को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने देश के लिए खतरा बताते हुए इन पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्र के गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में ऐसे संगठन जो भारतीय अखंडता के लिए खतरा हो, उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिली एडवाइजरी के अनुसार राज्य में ऐसे किसी भी संगठन जो देश के लिए खतरा हो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट 1967 (UAPA) के तहत ये प्रतिबंध लगा है. PFI, उसके सहयोगी संगठन-संस्थाओं को विधि विरुद्ध घोषित किया गया है . ऐसे में इन संस्थाओं पर कार्रवाई के लिए राज्य में DG एटीएस , एसओजी, पुलिस कमिश्नर, सभी जिला कलेक्टर-एसपी को अधिकृत किया गया है. ये सभी उच्च स्तरीय अधिकारी पीएफआई और सहयोगी संगठनों पर कार्रवाई के लिए अधिकृत हैं.

पढ़ें-पीएफआई की कोटा में रैली पर हुआ था विवाद, पुख्ता सबूत जुटाने के बाद NIA ने मारे छापे

पीएफआई पर बैन: कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई को आतंकी फंडिंग और अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए अधिसूचना (नोटिफिकेशन) भी जारी कर दी गई है. यूएपीए एक्ट (UAPA Act) के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है.

बता दें कि PFI एक कट्टरपंथी संगठन है. 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. NIA जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात आई थी. NIA के डोजियर के मुताबिक ये संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया है.

ये भी पढ़ें-जयपुर: PFI कार्यकर्ताओं ने UP सरकार और पुलिस के खिलाफ किया प्रदर्शन, निकाला मशाल जुलूस

सहयोगी भी बैन: पीएफआई के अलावा वो 8 सहयोगी संगठन जिन पर प्रतिबंध लगा है - रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल हैं.

जयपुर. पीएफआई पर केंद्र सरकार की सख्ती जारी है (Action on PFI In Rajasthan). पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके आठ सहयोगी संगठनों को देश के लिए खतरा बताते हुए इन पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से बैन को लेकर जारी आदेश के बाद राज्य सरकार ने भी पीएफआई को लेकर सख्ती जताई है. राज्य के गृह विभाग की ओर से आदेश जारी कर PFI पर कार्रवाई को लेकर उच्च स्तर पर अधिकारियों को अधिकृत किया गया है.

आदेश में क्या?: गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पीएफआई और उसके आठ सहयोगी संगठनों को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने देश के लिए खतरा बताते हुए इन पर 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्र के गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में ऐसे संगठन जो भारतीय अखंडता के लिए खतरा हो, उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिली एडवाइजरी के अनुसार राज्य में ऐसे किसी भी संगठन जो देश के लिए खतरा हो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट 1967 (UAPA) के तहत ये प्रतिबंध लगा है. PFI, उसके सहयोगी संगठन-संस्थाओं को विधि विरुद्ध घोषित किया गया है . ऐसे में इन संस्थाओं पर कार्रवाई के लिए राज्य में DG एटीएस , एसओजी, पुलिस कमिश्नर, सभी जिला कलेक्टर-एसपी को अधिकृत किया गया है. ये सभी उच्च स्तरीय अधिकारी पीएफआई और सहयोगी संगठनों पर कार्रवाई के लिए अधिकृत हैं.

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पीएफआई पर बैन: कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई को आतंकी फंडिंग और अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. गृह मंत्रालय की ओर से इसके लिए अधिसूचना (नोटिफिकेशन) भी जारी कर दी गई है. यूएपीए एक्ट (UAPA Act) के तहत इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है.

बता दें कि PFI एक कट्टरपंथी संगठन है. 2017 में NIA ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. NIA जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के बात आई थी. NIA के डोजियर के मुताबिक ये संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया है.

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सहयोगी भी बैन: पीएफआई के अलावा वो 8 सहयोगी संगठन जिन पर प्रतिबंध लगा है - रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल हैं.

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