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स्वीकृति लिए बिना किए गए अवैध निर्माणों पर कार्रवाई, 4 बिल्डिंग सीज

जयपुर नगर निगम ने सिविल लाइन जोन में कार्रवाई करते हुए निर्माणाधीन 4 बिल्डिंग को सीज किया है. निगम की स्वीकृति लिए बिना किए जा रहे इन अवैध निर्माणों को, राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 के तहत 180 दिन के लिए सीज किया गया है.

Illegal Construction in Jaipur, अवैध निर्माण पर कार्रवाई
स्वीकृति लिए बिना किए गए अवैध निर्माणों पर कार्रवाई
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Published : Mar 3, 2020, 10:21 PM IST

जयपुर. नगर निगम प्रशासन ने नियम विरुद्ध निर्माण किए जा रही चार अवैध इमारतों को सीज करने की कार्रवाई को अंजाम दिया. सिविल लाइन जोन उपायुक्त आरके मेहता के नेतृत्व में विजिलेंस टीम ने कार्रवाई करते हुए निर्माणाधीन इमारतों को सील किया. सिविल लाइन जोन में जय अंबे कॉलोनी, एसबी विहार रामनगर, गोवर्धन कॉलोनी और भैरव नगर हटवाड़ा रोड पर कार्रवाई की गई.

स्वीकृति लिए बिना किए गए अवैध निर्माणों पर कार्रवाई

इस संबंध में निगम विजिलेंस उपायुक्त राकेश यादव ने कहा कि निगम सतत् रूप से अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कार्रवाई करता है. इस क्रम में सिविल लाइन जोन में चार जगहों से स्थाई निर्माण की शिकायतें प्राप्त हुई थी. यहां सड़क पर रैंप, चबूतरे और जालिया लगाकर निगम की स्वीकृति के बिना निर्माण कार्य किया जा रहा था.

पढ़ें- अजमेरः FASTag रिचार्ज कराने की कोशिश में लगा बड़ा झटका, खाते से पार हुए 3.50 लाख

बता दें कि निर्माणाधीन इमारतों को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत 180 दिन के लिए सीज किया गया है. और यदि सील को खुर्दबुर्द किया जाता है, तो संबंधित के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

जयपुर. नगर निगम प्रशासन ने नियम विरुद्ध निर्माण किए जा रही चार अवैध इमारतों को सीज करने की कार्रवाई को अंजाम दिया. सिविल लाइन जोन उपायुक्त आरके मेहता के नेतृत्व में विजिलेंस टीम ने कार्रवाई करते हुए निर्माणाधीन इमारतों को सील किया. सिविल लाइन जोन में जय अंबे कॉलोनी, एसबी विहार रामनगर, गोवर्धन कॉलोनी और भैरव नगर हटवाड़ा रोड पर कार्रवाई की गई.

स्वीकृति लिए बिना किए गए अवैध निर्माणों पर कार्रवाई

इस संबंध में निगम विजिलेंस उपायुक्त राकेश यादव ने कहा कि निगम सतत् रूप से अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर कार्रवाई करता है. इस क्रम में सिविल लाइन जोन में चार जगहों से स्थाई निर्माण की शिकायतें प्राप्त हुई थी. यहां सड़क पर रैंप, चबूतरे और जालिया लगाकर निगम की स्वीकृति के बिना निर्माण कार्य किया जा रहा था.

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बता दें कि निर्माणाधीन इमारतों को राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत 180 दिन के लिए सीज किया गया है. और यदि सील को खुर्दबुर्द किया जाता है, तो संबंधित के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

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