जयपुर. राजधानी जयपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों के घोटाले के मामले में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. ईडी ने 391 करोड़ रुपए के नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाला मामले (Navjeevan Credit Cooperative Society Scam Case) में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ईडी ने जयपुर निवासी आरोपी जयनारायण शर्मा और बाड़मेर निवासी निजामुद्दीन को गिरफ्तार किया है. आज शनिवार को दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा.
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जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आरोपी जयनारायण के घर से करीब 63 लाख रुपए नगदी, 19 किलो चांदी समेत संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए हैं. इसके साथ ही ईडी की टीम ने एक फैक्ट्री के अकाउंट सीज किए हैं. भिवाड़ी में चल रही फैक्ट्री का संचालन निजामुद्दीन द्वारा किया जा रहा था. जानकार सूत्रों की मानें तो आरोपी जयनारायण शर्मा स्टर्लिंग अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का संचालक है.
क्या है पूरा मामला
बता दें, करीब 2 साल पहले नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में करोड़ों रुपए के घोटाले (Action in scam of 391 crores in Navjeevan Society) का एसओजी ने खुलासा किया था. सोसाइटी ने देशभर में करीब 228 शाखाएं खोल रखी थी, जिनमें से 206 शाखाएं राजस्थान में थी. सोसाइटी में करीब 1.93 लाख लोगों ने निवेश कर रखा था. सभी निवेशकों से रुपए हड़पकर आरोपी भाग गए थे. एसओजी ने घोटाले के मास्टरमाइंड बाड़मेर निवासी गिरधर सिंह और उसके साले रावत सिंह को गिरफ्तार किया था. गिरधर सिंह अभी भी जेल में बंद है.
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एसओजी ने मामले की जांच पड़ताल करते हुए चार्जशीट फाइल की थी. आरोपियों के वाहन भी जब्त किए गए थे. कोऑपरेटिव सोसाइटी का संचालक गिरधर सिंह अपने परिवार के सदस्यों और जानकारों के नाम से फर्जी कंपनियां बना रखी थी. गिरफ्तार आरोपी जयनारायण और निजामुद्दीन गिरधर सिंह के नजदीकी व्यक्ति थे,
बता दें, जयनारायण और निजामुद्दीन गिरधर सिंह से मिलीभगत करके घोटाले में शामिल था. घोटाले की राशि को कोऑपरेटिव बैंक और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के अलावा अन्य जगह इन्वेस्ट कर दिया गया था. मामले का खुलासा होते ही ईडी की टीम ने राजस्थान समेत अन्य जगह पर कई ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई को अंजाम दिया था. कई जगह पर अहम सबूत बरामद हुए थे. ईडी की जांच पड़ताल में सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े हुए हैं.
जानकारी के मुताबिक निवेशकों से राशि दोगुना करने का दावा करके रुपए हड़प लिए गए थे. 5 साल में धन दोगुना करने की स्कीम का झांसा देकर सोसायटी के संचालकों ने धोखाधड़ी की थी. संचालकों ने निवेशकों की जमा पूंजी से सोसायटी के फायदे के साथ ही जमीने भी खरीद ली थी. फिलहाल, ईडी मामले की जांच पड़ताल कर रही है.